सिर्फ पूजा नहीं, जीवन और प्रकृति का उत्सव है यह आदिवासी पर्व
भारत भर में युवाओं, प्रकृति और जंगलों के साथ मानवीय रिश्ते का अनूठा उत्सव है कर्मा पूजा, जिसमें शामिल हैं गीत, नृत्य और अनगिनत लोककथाएँ। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsविशेष
झारखंड ने १५ नवंबर को अपना २१वां स्थापना दिवस मनाया। 'धरती आबा' (पृथ्वी का पिता) बिरसा मुंडा की जयंती भी इसी दिन मनाई गयी। नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘भगवान ‘ बिरसा के जन्मदिवस को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में हर साल मनाने का ऐलान किया है और इस सन्दर्भ में भोपाल में एक भव्य आयोजन भी हुआ। इस ख़ास मौके पर झारखंड के समृद्ध इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में यहां के जनजातीय नायकों के योगदान, बिरसा मुंडा व अन्य सेनानिओं के वंशजों और राज्य के निर्माण में कारक बनकर उभरीं महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा
भारत भर में युवाओं, प्रकृति और जंगलों के साथ मानवीय रिश्ते का अनूठा उत्सव है कर्मा पूजा, जिसमें शामिल हैं गीत, नृत्य और अनगिनत लोककथाएँ। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsबिना किसी सरकारी या निजी सहयोग, पहचान और बाज़ार से जुड़ाव के कोरापुट के दूरदराज़ गांवों में पीढ़ियों से सुनाड़ी कारीगर भोटड़ा जनजाति की महिलाओं के लिए पारंपरिक गहनों का निर्माण करते आ रहे हैं। निरोज रंजन मिश्रा ने इस विलुप्त होती धरोहर की पड़ताल की
Read moreDetailsभारत रत्न उन व्यक्तित्वों को दिया जाता है जिन्होंने राजनीति, समाज, साहित्य या विज्ञान के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी हो। अगर इसी कसौटी पर शिबू सोरेन को देखें, तो उनका योगदान किसी भी मायने में कम नहीं है।
Read moreDetailsओडिशा के क्योंझर जिले में परंपरागत रूप से सब्जी की खेती करने वाले कई आदिवासी किसानों ने आईटीडीए के आग्रह पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू तो कर दी, लेकिन झिझक भी रहे हैं। किसानों की हिचकिचाहट का कारण और नए प्रयोग में सफलता-असफलता पर निरोज रंजन मिश्र की [...]
Read moreDetailsपिछले दो दशकों से भी अधिक समय तक चार अलग-अलग भाषाओं में मंच पर सामाजिक मुद्दों की प्रस्तुति कर रहा है यह दल। निरोज रंजन मिश्रा ने इस आदिवासी समूह की प्रेरक शक्ति से मुलाकात की
Read moreDetailsछत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के दूरदराज के गांव की आदिवासी महिलाएं बहुत ही मेहनती हैं। आर्थिक रूप से कमजोर इन महिलाओं के जीवन में कैसे आया बदलाव The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsओडिशा के दो कोंध आदिवासियों के लिए ज़िंदगी तब पूरी तरह बदल गई जब बचपन में ही उन्होंने अपने अंगों की गतिशीलता खो दी। इससे वे गहरे अवसाद और निराशा में डूब गए। नीरोज रंजन मिश्र बता रहे हैं की अचानक ऐसा क्या हुआ कि जिससे उनकी [...]
Read moreDetailsआदिवासियों की जिद और प्रकृति प्रेम के आगे बंजर धरती का दिल भी पिघल गया। जिला बागवानी विभाग की मदद से आज इसमें अनार के पेड़ लहलहा रहे हैं। निरोज रंजन मिश्र लाए हैं इन भुंजिया जनजाति के किसानों के कठिन परिश्रम की कहानी
Read moreDetails‘बाघों का घर’ नाम से मशहूर कान्हा टाइगर रिजर्व के 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में 8 साल पहले छेड़ी गई एक मुहिम से 100 से अधिक छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। अनूठी पहल के बारे में The Indian Tribal की खास रिपोर्ट
Read moreDetailsरसीले फूलों से लेकर उनके सूखने और फिर बोतलों में बंद होने तक स्वाद से भरपूर महुआ शराब की कहानी कुछ अलग ही है। गर्मी के इस मौसम में आदिवासी संस्कृति के अभिन्न अंग इस शानदार पेय के बारे में The Indian Tribal की विस्तृत रिपोर्ट
Read moreDetailsदशकों से उपेक्षा का दंश झेल रहे विशेष रूप से ओडिशा में रहने वाले बहुत ही पिछड़े आदिवासी समूह को अपने गांव में उम्मीद की एक किरण नजर आई है। इन्हें अब लगने लगा है कि उनके बच्चों का भविष्य भी अन्य की तरह बेहतर और सुनहरा होगा। [...]
Read moreDetailsकभी पुलिस उनका पीछा किया करती थी, आज वे खुद पुलिस की वर्दी में प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के खिलाफ अभियानों में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं। वे शीर्ष नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विजय सिंह ठाकुर लाए हैं ऐसे ही दो [...]
Read moreDetailsक्या आप जानते हैं कि कर्मा या कर्म वृक्ष (नौक्लिया परविफोलिया) की तीन शाखाएं आंगन की मिट्टी में अथवा गाँव के अखरा और सामुदायिक केंद्र में क्यों लगाई जाती हैं? The Indian Tribal की रिपोर्ट में है इसका विस्तृत जवाब
Read moreDetailsपिछले तीन वर्षों से सबसे प्राचीन और कमजोर जनजातीय समूहों में से एक की लुप्तप्राय असुर भाषा को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने की अनूठी पहल शुरू की है झारखंड के स्वदेशी मोबाइल रेडियो ने। क्या है यह पहल, बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा
Read moreDetailsझारखंड में करम पूजा का उल्लास नजर आने लगा है। इस वर्ष करम पूजा 14 सितंबर को विधि-विधान के साथ आयोजित की जाएगी। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsकपास की खेती में लगातार हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए ओडिशा के कोरापुट में आदिवासी लोग धीरे-धीरे अब लेमनग्रास की खेती की तरफ मुड़ रहे हैं। कपास के मुकाबले यह अधिक लाभ दे रही है किसानों के बदलते मिजाज पर निरोज रंजन मिश्र की विस्तृत रिपोर्ट
Read moreDetailsहरियाली खत्म होने के कारण जब हर तरफ उजाड़ सा नजर आने लगा, जंगलों की जान सी निकलने लगी, तो ग्राम सभाओं ने पहल कर 1989-90 में पौधे लगाने शुरू किए। आज लगभग 35 वर्ष हो गए, पौधारोपण अनवरत जारी है। एनजीओ एफईएस के आने से यह अभियान [...]
Read moreDetailsमध्य प्रदेश के छतरपुर और दमोह जैसे जिलों में आदिवासी भले पानी की कमी और गरीबी से जूझ रहे हों, लेकिन वे अपने घरों की दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों के आसपास के क्षेत्र को भित्तिचित्रों के माध्यम से सुंदर रूप देना नहीं भूलते। उनकी इसी रचनात्मकता पर पेश [...]
Read moreDetailsओडिशा में एक उत्सव ऐसा होता है, जिसे केवल लड़कियां ही मनाती हैं, लेकिन उसका आनंद सभी उठाते हैं। लोगों को फसल कटाई सीजन के खत्म होने का तो लड़कियों को चांदनी रातों का बेसब्री से रहता है इंतजार। निरोज रंजन मिश्र की खास रिपोर्ट
Read moreDetailsछत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर में तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी की ओर से वर्ष 2018 में शुरू की गई एक पहल ने आदिवासी महिलाओं की जिंदगी बदल दी। आज वे अपने दम पर आजीविका कमा रही हैं। कैसे आया यह बदलाव? The Indian Tribal की विस्तृत रिपोर्ट
Read moreDetailsबच्चों पर आधारित उनकी लघु फिल्में न केवल समीक्षकों और सिने प्रेमियों द्वारा सराही गईं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इन्होंने कई पुरस्कार बटोरे। इन सथाली फिल्मों के दोनों प्रतिभाशाली निर्देशकों से बात की निरोज रंजन मिश्र ने
Read moreDetailsकोंध आदिवासी लोग चैत्र मास के दौरान संगीत और नृत्य के साथ अपने भगवान की पूजा करते हैं। क्या युवा, क्या बुजुर्ग सभी इस उत्सव में उत्साह से भाग लेते हैं। खूब दावतों का दौर चलता है। निरोज रंजन मिश्र इस उत्सव पर विस्तार से प्रकाश डाल [...]
Read moreDetailsगरीबी और नाकामियां भी मजदूर परिवार में जन्मे बारीपदा के आदिवासी चित्रकार का हौसला नहीं तोड़ पाईं। कला के प्रति जुनून ने उन्हें रास्ते के कांटों की चुभन को महसूस ही नहीं होने दिया। निरोज रंजन मिश्र बता रहे हैं कैसे यह कलाकार आज अपनी मेहनत के फल [...]
Read moreDetailsबस्तर जिले के कोंडागांव में बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाओं ने मिलकर संस्था ‘उड़ान’ बनाई। अपने अस्तित्व के तीन सालों में ही यह संस्था ऊंची उड़ान भरने को बेताब है। महिलाओं के शानदार प्रयासों पर The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsसूखी लौकी से बने सुंदर लैंप और पानी रखने के मजबूत बर्तन कभी छत्तीसगढ़ की शान हुआ करते थे। सदियों पुरानी यह तूमा शिल्प अब धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। The Indian Tribal की खास रिपोर्ट
Read moreDetailsमहाराष्ट्र के आदिवासी समुदाय में बुजुर्ग महिलाएं तो अपनी सदियों पुरानी पोशाक आज भी पहनती हैं, लेकिन नई पीढ़ी की पसंद बदल रही है। इसी सामाजिक बदलाव पर द इंडियन ट्राइबल की रिपोर्ट
Read moreDetailsउच्च पोषण, औषधीय और व्यावसायिक दृष्टि से बहुमूल्य अलसी ओडिशा के हजारों आदिवासी किसानों की आजीविका का सहारा बन गई है। सरकार जिस तरह बाजरा मिशन के तहत बाजरे की खेती को बढ़ावा दे रही है, यदि उसी प्रकार अलसी पर भी ध्यान दे तो यहां के किसानों [...]
Read moreDetailsमध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व के आसपास दूर तक फैली हरियाली से घिरे कच्ची मिट्टी से बने ढलान वाली छत के दो मंजिले खूबसूरत घर हर किसी का मन मोह लेते हैं। पेश है The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के दूरदराज गांवों के किसान सरकारी योजनाओं के जरिए न केवल बेहतर फसलें ले रहे हैं, बल्कि उनसे मोटा मुनाफा कमाकर आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं। बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्रा
Read moreDetailsत्रिपुरा की सभी जनजातियों की पोशाक अनूठी होती है, जहां कपड़े ही नहीं, रंग का भी बहुत महत्व होता है। त्रिपुरी महिलाओं को क्या-क्या पहनना पसंद है, उनसे बातचीत के आधार पर यहां बता रही हैं प्रोयशी बरुआ
Read moreDetailsकपास के कचरे से, जी हां कपास के कचरे से सजावटी और दैनिक उपयोग में काम में आने वाली वस्तुएं बनती हैं। कचरा भी सिमटता है और आमदनी भी होती है। ओडिशा भर में सौ से अधिक आदिवासी महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर संदेश देती हैं [...]
Read moreDetailsअसम के आदिवासी समुदायों की लोक विरासत पर प्रकृति एवं हिंदू पौराणिक कथाओं का बड़ा गहरा प्रभाव है। यह कहने में कोई आपत्ति नहीं कि यह उत्तर-पूर्वी राज्य लोक परम्पराओं का स्वर्ग है। इस लोक विरासत पर विस्तार से प्रकाश डाल रही हैं प्रोयशी बरुआ
Read moreDetailsमासिक धर्म के दौरान ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 26 वर्षीय कोंध युवक अपनी पंचायत में सैनिटरी पैड के उपयोग का महत्व समझाने के मिशन पर निकला है। निरोज रंजन मिश्रा बता रहे हैं उसकी कहानी
Read moreDetailsओडिशा में आदिवासियों की रसोई में पाए जाने वाले पांच किस्म के जंगली फूल पोषक तत्वों एवं औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इन फूलों की खाने के साथ-साथ औषधीय उपयोगिता के बारे में विस्तार से बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र
Read moreDetailsएक समय था जब छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला नक्सली गढ़ के रूप में कुख्यात था, लेकिन अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी आदिवासी जीवनशैली के लिए अब पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsछत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के सुरम्य चंदेनार गांव में स्थित स्कूल गोंड और हल्बी जातियों के बच्चों को वैकल्पिक शिक्षा का सबसे सुलभ और बेहतरीन माध्यम है। विस्तृत जानकारी लाई हैं दीपान्विता गीता नियोगी
Read moreDetailsभारत के सबसे उग्रवाद प्रभावित प्रदेश मणिपुर में जातीय दुराव या संघर्ष को कम करके आंकने का ही परिणाम है कि वहां महीनों से हिंसा काबू में नहीं आ रही है। लगभग 15 संगठन जनजाति और समुदाय के आधार पर आपस में खूनखराबा करते रहे हैं। मृत्तिका जैन [...]
Read moreDetailsपिछले एक साल से छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व में गश्ती गार्ड के रूप में कार्यरत स्थानीय आदिवासी युवाओं ने दीपान्विता गीता नियोगी को बताया कि वे कैसे काम करते हैं और उनके सामने इस दौरान क्या-क्या चुनौतियां पेश आती हैं।
Read moreDetailsप्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस रेगिस्तानी राज्य के कच्चे घरों के धीरे-धीरे पक्के मकानों में तब्दील होने के कारण मांडना कला अब विलुप्त होती जा रही है, बता रही हैं दीपन्विता गीता नियोगी
Read moreDetailsओडिशा के नबरंगपुर जिले के आदिवासी क्षेत्रों में बाल विवाह के खिलाफ एक 29 वर्षीय महिला ने मोर्चा संभाला हुआ है। जहां से भी बाल विवाह की खबर मिलती है, वह वहां पहुंच कर उसे रुकवा देती हैं। उसके इस मुहिम और उसकी चुनौतियों के बारे बता [...]
Read moreDetailsउत्साही और जिम्मेदार महिलाओं के इस समूह ने अपने गांव के प्रत्येक घर में स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का अभियान चलाया और कामयाबी पाई। यह सब कैसे किया, बता रही हैं प्रोयशी बरुआ
Read moreDetailsझारखण्ड में जून 30 हूल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1855 में चार संथाल भाइयों और दो बहनों ने अंग्रेजी साम्राज्य की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सशस्त्र विदोह का बिगुल फूँका था और पारम्परिक हथियारों से लैस हज़ारों आदिवासियों का नेतृत्व किया था। पर [...]
Read moreDetailsबिल्कुल स्वदेशी शैली में प्रस्तुति देने वाले मैदी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ ट्राइबल्स (एमएएटी) ग्रुप की लोकप्रियता कैसे झारखंड से लेकर दिल्ली, केरल, ओडिशा और असम समेत दूसरे राज्यों तक फैल रही है, निरोज रंजन मिश्रा से विस्तृत बातचीत में स्वयं बता रहे हैं ग्रुप के निर्देशक और लेखक [...]
Read moreDetailsओडिशा के कंधमाल जिले में 650 से अधिक गांवों में गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों विशेषकर आदिवासियों के लिए अनोखी बाइक एम्बुलेंस और डिलीवरी वैन सेवा वरदान साबित हो रही है। कैसे, बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्रा
Read moreDetailsदेश के इस हिस्से में आदिवासी और गैर-आदिवासी दोनों ही समुदायों के लोगों का मानना है कि भगवान हनुमान का जन्म झारखंड के गुमला जिले के अंजन गांव में हुआ था। भगवान राम के इस कट्टर भक्त से जुड़ी मान्यताओं के पीछे की कहानियां बयां कर रहे हैं [...]
Read moreDetailsआदिवासी समुदाय ने सरना को अलग धर्म के रूप में मान्यता देने की मांग तेज कर दी है। क्या है पूरा मामला, बहुत ही आसान शब्दों में समझा रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा
Read moreDetailsइस 500 फीट ऊंची पहाड़ी से जुड़ी यही लोकप्रिय मान्यता हर साल सर्दियों के दौरान आदिवासियों को यहां खींच लाती है। क्या जवान क्या बूढ़े सभी का यहाँ लग जाता है जमघट, बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा
Read moreDetailsपुराने जमाने से जम्मू-कश्मीर की घुमंतू आदिवासी महिलाओं की शान रहे चांदी के आभूषण और उनके डिजाइन के महत्व, मान्यता और धीरे-धीरे विलुप्त होने के कारणों की पड़ताल करती THE INDIAN TRIBAL की विशेष रिपोर्ट
Read moreDetailsप्रकृति पर्व की प्रमुख रीतियों में से एक होती है पहान (पुजारी) की मौसम की भविष्यवाणी और इस बार यह खुशियों की सौगात लेकर आई है। पहान की भविष्यवाणी के मुताबिक इस बार अच्छी वर्षा और फसल होगी। खेत-खलिहानों में फसल लहलहाएगी, किसानों के घर अन्न से भरेंगे, [...]
Read moreDetailsसरहुल की शोभायात्रा हर वर्ष कुछ न कुछ सामाजिक संदेश देने के साथ आदिवासियों के हितों से जुड़े मुद्दों को दर्शाती है। झारखंड का आदिवासी समुदाय इस बार इस तीन दिवसीय महोत्सव के जुलूस में सरना धर्म कोड को प्रमुखता से दर्शाने की तैयारी में है। 'सरना धर्म [...]
Read moreDetailsआदिवासी-बहुल राज्य झारखंड में यह संथालों का सदियों पुराना ऐसा पवित्र तीर्थ स्थल है, जो अब न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को भी खूब लुभा रहा है। आखिर क्यों लोग यहां खिंचे चले आते हैं, बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा
Read moreDetailsशहरीकरण के इस दौर में फाग गानेवाले कम होते जा रहे हैं। हालांकि, राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के माध्यम से इसे बचाने के कुछ प्रयास किये जा रहे हैं।
Read moreDetailsआदिवासी और लोक चित्रकारों की राष्ट्रीय शिविर विरले ही आयोजित होते हैं। पर झारखण्ड में दूसरी बार ऐसा आयोजन हुआ। इसका जायजा लिया सुधीर कुमार मिश्रा ने और बता रहे हैं कैसे कला की पाश्चात्य, अकादमिक और सैद्धान्तिक अवधारणाओं से भिन्न है आदिवासी कला-दर्शन
Read moreDetailsकरीब सात लाख जनसंख्या वाले असम के धेमाजी जिले के जनजाति-बहुल समुदाय के लोगों की निजी ज़िंदगी न सिर्फ मुश्किलों भरी हैं बल्कि असामान्य भी है। बता रहीं हैं वहां का दौरा कर सीटू तिवारी
Read moreDetailsअरुणाचल प्रदेश जैसे सुरम्य राज्य के जनजातियों के लोग अपने पहनावे को लेकर बहुत सचेत होते हैं। इनके कपड़े बहुत ही सुंदर डिज़ाइन और अनूठी सामग्री से बने होते हैं, जो बरबस ही ध्यान खींचते हैं। कैसे बनते हैं ये और कौन बनाता है इन्हें, बता रही हैं [...]
Read moreDetailsचूँकि भारत विविधताओं भरा विशाल देश है, ज़ाहिर है यहाँ पर राष्ट्रीय तौर पर मनाये जाने वाले त्योहारों को भी मनाने के तरीके और रीति रिवाज़ भिन्न होंगे। आईये जानते हैं कैसे बस्तर के आदिवासियों का दियारी तिहार सामान्य दिवाली से अलग है
Read moreDetailsओडिशा के आदिवासी गांवों में महिलाएं अब आर्थिक मदद के लिए किसी का मुंह नहीं ताकतीं। वे व्यवस्थित तरीके से गरीबी और प्राकृतिक आपदाओं व साहूकारी से लड़ रही हैं, बता रहे हैं नीरोज रंजन मिश्रा
Read moreDetailsसैकड़ों आदिवासी कलाकारों को थिएटर ने पहचान दिलाई, लेकिन किसी ने रोजी-रोटी के संकट तो किसी ने अन्य कारणों से अपना रास्ता ही बदल लिया। कला और संस्कृति को बढ़ावा देने वाला एक गैर सरकारी संगठन अब उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर निखारने की कोशिशों में जुटा है। बता रहे [...]
Read moreDetailsसाओरा आदिवासी समुदाय में विवाह बड़े मनोरंजक नाटकीय अंदाज में होते हैं। यहां दुल्हन का अपहरण तो किया ही जाता है, उसके नखरे भी सहने पड़ते हैं। इनकी परंपराओं के बारे में विस्तार से बता रहे हैं नीरोज रंजन मिश्रा
Read moreDetailsआदिवासी जनजातियां प्रकृति और जंगलों से बहुत मजबूती के साथ जुड़ी हुई हैं, जो बदले में उनका पालन-पोषण करती है। डोंगरिया कोंध का एक समूह लकड़ी की कशीदाकारी के बारे में निरोज रंजन मिश्रा को विस्तार से बताता है कि यह कला क्या है:
Read moreDetailsभाग 1 : बिहार गजेटियर के अनुसार यह वह भूमि है जो मुगल सम्राटों और औपनिवेशिक शासकों की पहुंच से बाहर ही रही
Read moreDetailsभाग 2 : अलग राज्य के रूप में झारखंड एक ऐसा विचार था जो संभवत: अपने समय से पहले विकसित हुआ, लेकिन विरोध के बावजूद साल दर साल यह मजबूत होता गया
Read moreDetailsप्रकृति ही भगवान है। अन्य स्थानों की तरह छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का भी यह सदियों पुराना दृढ़ विश्वास है। अभिजात शुक्ला बता रहे हैं कि इस राज्य में यह मान्यता क्यों भिन्न है
Read moreDetailsराज्य के लगभग 300 विद्यार्थियों को पहले चरण में इस योजना का लाभ मिलेगा। उनका चयन शैक्षणिक योग्यता और निर्धारित मापदंडों के आधार पर किया गया है। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreDetailsThe Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.
© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.