Saturday, September 14, 2024
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एक झलक: बिरसा मुंडा संग्रहालय एवं स्मृति उद्यान

संघर्षों से तप कर उभरा झारखंड

झारखंड ने १५ नवंबर को अपना २१वां स्थापना दिवस मनाया। 'धरती आबा' (पृथ्वी का पिता) बिरसा मुंडा की जयंती भी इसी दिन मनाई गयी। नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘भगवान ‘ बिरसा के जन्मदिवस को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में हर साल मनाने का ऐलान किया है और इस सन्दर्भ में भोपाल में एक भव्य आयोजन भी हुआ। इस ख़ास मौके पर झारखंड के समृद्ध इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में यहां के जनजातीय नायकों के योगदान, बिरसा मुंडा व अन्य सेनानिओं के वंशजों और राज्य के निर्माण में कारक बनकर उभरीं महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

जाउआ उठा के साथ श़ुरू हुआ करम पर्व उत्सव 

झारखंड में करम पूजा का उल्लास नजर आने लगा है। इस वर्ष करम पूजा 14 सितंबर को विधि-विधान के साथ आयोजित की जाएगी। The Indian Tribal की रिपोर्ट

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मुनाफे ने बदला आदिवासी किसानों का मन, खेत-खेत नजर आ रही लेमनग्रास

कपास की खेती में लगातार हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए ओडिशा के कोरापुट में आदिवासी लोग धीरे-धीरे अब लेमनग्रास की खेती की तरफ मुड़ रहे हैं। कपास के मुकाबले यह अधिक लाभ दे रही है किसानों के बदलते मिजाज पर निरोज रंजन मिश्र की विस्तृत रिपोर्ट

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सूखते जंगलों को 35 वर्षों से जीवन देने में जुटे आदिवासी

हरियाली खत्म होने के कारण जब हर तरफ उजाड़ सा नजर आने लगा, जंगलों की जान सी निकलने लगी, तो ग्राम सभाओं ने पहल कर 1989-90 में पौधे लगाने शुरू किए। आज लगभग 35 वर्ष हो गए, पौधारोपण अनवरत जारी है। एनजीओ एफईएस के आने से यह अभियान [...]

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सूखे बुंदेलखंड को अपनी विरासत का मोह

मध्य प्रदेश के छतरपुर और दमोह जैसे जिलों में आदिवासी भले पानी की कमी और गरीबी से जूझ रहे हों, लेकिन वे अपने घरों की दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों के आसपास के क्षेत्र को भित्तिचित्रों के माध्यम से सुंदर रूप देना नहीं भूलते। उनकी इसी रचनात्मकता पर पेश [...]

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आदिवासी लड़कियों को रहता चांदनी रातों का इंतजार

ओडिशा में एक उत्सव ऐसा होता है, जिसे केवल लड़कियां ही मनाती हैं, लेकिन उसका आनंद सभी उठाते हैं। लोगों को फसल कटाई सीजन के खत्म होने का तो लड़कियों को चांदनी रातों का बेसब्री से रहता है इंतजार। निरोज रंजन मिश्र की खास रिपोर्ट

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झाड़ू से पैसा ‘समेट’ रहीं आदिवासी महिलाएं!

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर में तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी की ओर से वर्ष 2018 में शुरू की गई एक पहल ने आदिवासी महिलाओं की जिंदगी बदल दी। आज वे अपने दम पर आजीविका कमा रही हैं। कैसे आया यह बदलाव? The Indian Tribal की विस्तृत रिपोर्ट

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दो संथाली निर्देशकों की बाल फिल्मों ने मचाई हलचल

बच्चों पर आधारित उनकी लघु फिल्में न केवल समीक्षकों और सिने प्रेमियों द्वारा सराही गईं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इन्होंने कई पुरस्कार बटोरे। इन सथाली फिल्मों के दोनों प्रतिभाशाली निर्देशकों से बात की निरोज रंजन मिश्र ने

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ओडिशा में हर तरफ मटिगन की गूंज

कोंध आदिवासी लोग चैत्र मास के दौरान संगीत और नृत्य के साथ अपने भगवान की पूजा करते हैं। क्या युवा, क्या बुजुर्ग सभी इस उत्सव में उत्साह से भाग लेते हैं। खूब दावतों का दौर चलता है। निरोज रंजन मिश्र इस उत्सव पर विस्तार से प्रकाश डाल [...]

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ज़िंदगी के उतार चढ़ाव से जूझते आदिवासी चित्रकार ने उकेर डाली अपनी अलग कहानी

गरीबी और नाकामियां भी मजदूर परिवार में जन्मे बारीपदा के आदिवासी चित्रकार का हौसला नहीं तोड़ पाईं। कला के प्रति जुनून ने उन्हें रास्ते के कांटों की चुभन को महसूस ही नहीं होने दिया। निरोज रंजन मिश्र बता रहे हैं कैसे यह कलाकार आज अपनी मेहनत के फल [...]

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ऊंची उड़ान भरने को बेताब ‘उड़ान’

बस्तर जिले के कोंडागांव में बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाओं ने मिलकर संस्था ‘उड़ान’ बनाई। अपने अस्तित्व के तीन सालों में ही यह संस्था ऊंची उड़ान भरने को बेताब है। महिलाओं के शानदार प्रयासों पर The Indian Tribal  की रिपोर्ट

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In Numbers

672
Sub-Districts each have a Scheduled Tribes population of more than 10,000

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