Friday, July 26, 2024
Vacancies
एक झलक: बिरसा मुंडा संग्रहालय एवं स्मृति उद्यान

संघर्षों से तप कर उभरा झारखंड

झारखंड ने १५ नवंबर को अपना २१वां स्थापना दिवस मनाया। 'धरती आबा' (पृथ्वी का पिता) बिरसा मुंडा की जयंती भी इसी दिन मनाई गयी। नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘भगवान ‘ बिरसा के जन्मदिवस को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में हर साल मनाने का ऐलान किया है और इस सन्दर्भ में भोपाल में एक भव्य आयोजन भी हुआ। इस ख़ास मौके पर झारखंड के समृद्ध इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में यहां के जनजातीय नायकों के योगदान, बिरसा मुंडा व अन्य सेनानिओं के वंशजों और राज्य के निर्माण में कारक बनकर उभरीं महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

सूखते जंगलों को 35 वर्षों से जीवन देने में जुटे आदिवासी

हरियाली खत्म होने के कारण जब हर तरफ उजाड़ सा नजर आने लगा, जंगलों की जान सी निकलने लगी, तो ग्राम सभाओं ने पहल कर 1989-90 में पौधे लगाने शुरू किए। आज लगभग 35 वर्ष हो गए, पौधारोपण अनवरत जारी है। एनजीओ एफईएस के आने से यह अभियान [...]

Read more

सूखे बुंदेलखंड को अपनी विरासत का मोह

मध्य प्रदेश के छतरपुर और दमोह जैसे जिलों में आदिवासी भले पानी की कमी और गरीबी से जूझ रहे हों, लेकिन वे अपने घरों की दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों के आसपास के क्षेत्र को भित्तिचित्रों के माध्यम से सुंदर रूप देना नहीं भूलते। उनकी इसी रचनात्मकता पर पेश [...]

Read more

आदिवासी लड़कियों को रहता चांदनी रातों का इंतजार

ओडिशा में एक उत्सव ऐसा होता है, जिसे केवल लड़कियां ही मनाती हैं, लेकिन उसका आनंद सभी उठाते हैं। लोगों को फसल कटाई सीजन के खत्म होने का तो लड़कियों को चांदनी रातों का बेसब्री से रहता है इंतजार। निरोज रंजन मिश्र की खास रिपोर्ट

Read more

झाड़ू से पैसा ‘समेट’ रहीं आदिवासी महिलाएं!

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर में तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी की ओर से वर्ष 2018 में शुरू की गई एक पहल ने आदिवासी महिलाओं की जिंदगी बदल दी। आज वे अपने दम पर आजीविका कमा रही हैं। कैसे आया यह बदलाव? The Indian Tribal की विस्तृत रिपोर्ट

Read more

दो संथाली निर्देशकों की बाल फिल्मों ने मचाई हलचल

बच्चों पर आधारित उनकी लघु फिल्में न केवल समीक्षकों और सिने प्रेमियों द्वारा सराही गईं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इन्होंने कई पुरस्कार बटोरे। इन सथाली फिल्मों के दोनों प्रतिभाशाली निर्देशकों से बात की निरोज रंजन मिश्र ने

Read more

ओडिशा में हर तरफ मटिगन की गूंज

कोंध आदिवासी लोग चैत्र मास के दौरान संगीत और नृत्य के साथ अपने भगवान की पूजा करते हैं। क्या युवा, क्या बुजुर्ग सभी इस उत्सव में उत्साह से भाग लेते हैं। खूब दावतों का दौर चलता है। निरोज रंजन मिश्र इस उत्सव पर विस्तार से प्रकाश डाल [...]

Read more

ज़िंदगी के उतार चढ़ाव से जूझते आदिवासी चित्रकार ने उकेर डाली अपनी अलग कहानी

गरीबी और नाकामियां भी मजदूर परिवार में जन्मे बारीपदा के आदिवासी चित्रकार का हौसला नहीं तोड़ पाईं। कला के प्रति जुनून ने उन्हें रास्ते के कांटों की चुभन को महसूस ही नहीं होने दिया। निरोज रंजन मिश्र बता रहे हैं कैसे यह कलाकार आज अपनी मेहनत के फल [...]

Read more

ऊंची उड़ान भरने को बेताब ‘उड़ान’

बस्तर जिले के कोंडागांव में बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाओं ने मिलकर संस्था ‘उड़ान’ बनाई। अपने अस्तित्व के तीन सालों में ही यह संस्था ऊंची उड़ान भरने को बेताब है। महिलाओं के शानदार प्रयासों पर The Indian Tribal  की रिपोर्ट

Read more

कहां खो गई बस्तर की प्रसिद्ध तूमा शिल्प

सूखी लौकी से बने सुंदर लैंप और पानी रखने के मजबूत बर्तन कभी छत्तीसगढ़ की शान हुआ करते थे। सदियों पुरानी यह तूमा शिल्प अब धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। The Indian Tribal की खास रिपोर्ट

Read more

पारंपरिक पोशाक से क्यों मुंह मोड़ रहीं ये महिलाएं

महाराष्ट्र के आदिवासी समुदाय में बुजुर्ग महिलाएं तो अपनी सदियों पुरानी पोशाक आज भी पहनती हैं, लेकिन नई पीढ़ी की पसंद बदल रही है। इसी सामाजिक बदलाव पर द इंडियन ट्राइबल की रिपोर्ट

Read more

In Numbers

672
Sub-Districts each have a Scheduled Tribes population of more than 10,000

More Stories

सूखते जंगलों को 35 वर्षों से जीवन देने में जुटे आदिवासी

हरियाली खत्म होने के कारण जब हर तरफ उजाड़ सा नजर आने लगा, जंगलों की जान सी निकलने लगी, तो ग्राम सभाओं ने पहल कर 1989-90 में पौधे लगाने शुरू किए। आज लगभग 35 वर्ष हो गए, पौधारोपण अनवरत जारी है। एनजीओ एफईएस के आने से यह अभियान [...]

Read more