Wednesday, May 1, 2024
Vacancies
Home » द इंडियन ट्राइबल / हिंदी

आदिवासी दंत चिकित्सक को जुनून अपनी संस्कृति और पारंपरिक जायकों के संरक्षण का

अपने पायलट पति अभिषेक के साथ मिलकर राज्य की राजधानी रांची से लगभग 64 किलोमीटर दूर खूंटी में ‘द ओपन फील्ड’ फार्म-टू-टेबल रेस्टोरेंट चला रही इस बहुमुखी प्रतिभा की कहानी लेकर आए हैं सुधीर कुमार मिश्र

Read more

डॉक्टर नहीं बने तो क्या, समुद्री वैज्ञानिक बन की नई-नई खोज

गरीबी ने इस संथाली आदिवासी को सर्जन तो नहीं बनने दिया, परंतु वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने समुद्री जीवन में कई खोज कर ख्याति हासिल की। विस्तार से बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र

Read more

बच्चे के जन्म के दो दिन बाद 200 किमी दूर जाकर दी परीक्षा, बनी जज

एक एम्बुलेंस ड्राइवर से उनकी शादी कर दी गई पर इसके बावजूद वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के दृढ़ संकल्प से पीछे नहीं हटीं। आज वह अपने समुदाय की पहली सिविल जज है। THE INDIAN TRIBAL की रिपोर्ट

Read more

होरो महिलाओं में जला रहीं आत्मनिर्भरता की ज्वाला

सुधीर कुमार मिश्रा ने जाना कैसे मगदली होरो ने पूरे झारखंड में सैकड़ों महिलाओं के भीतर उद्यमशील बनने की ज्योत जलाई और अपनी तरह आत्मनिर्भर बनने तथा समाज की बेहतरी में कुछ योगदान देने के लिए प्रेरित किया

Read more

धान के दाने पर जादूगरी दिखाता है ये शिल्पकार

अपने समकालीन कलाकारों के विपरीत नबरंगपुर के इस भोत्रा आदिवासी ने अपने डिजाइनों में अलग छाप छोडऩे एवं कुछ नया करने के लिए अपना कौशल लगातार निखारा। लीक से हटकर कुछ खास करने वाले धान शिल्पकार पर निरोज रंजन मिश्रा की रिपोर्ट

Read more

फिल्मों के जरिए आदिवासी मुद्दों को बहस के केंद्र में ला रहीं कैरी

उगते सूरज की धरती पर तमाम सामाजिक मुद्दों पर विचारोत्तेजक कार्य कर वह अलग छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने राज्य के फिल्म निर्माताओं के समूह- द अरुणाचल फिल्म कलेक्टिव की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रोयशी बरुआ बयां कर रही हैं युवा आदिवासी फिल्म निर्माता कैरी [...]

Read more

जीवन जीने का तरीका बदल रही आदिवासी योगिनी

वह वनस्पतिशास्त्री बनने का सपना देखा करती थी, लेकिन योग से प्यार हो गया। फिर क्या था, ऐसी तल्लीनता से योग को अपनाया कि विश्व रिकॉर्ड धारक बन गई। राष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार अपने नाम किए। इस गोंड लडक़ी के संघर्ष एवं उपलब्धियों का वर्णन कर [...]

Read more

पश्चिमी डांस के शोर में कथक सिखा रहीं आदिवासी नृत्यांगना

ऐसे दौर में जब अधिकांश युवा पश्चिमी डांस की ओर आकर्षित हो रहे हैं, 40 वर्षीय नृत्यांगना भारतीय शास्त्रीय नृत्य-संगीत के लिए आशा की किरण बनकर उभरी हैं। संभवत:कथक की पहली आदिवासी नृत्यांगना से परिचय करा रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

Read more

अपने दम पर फहराया मिज़ो आर्ट का झंडा

किसी भी कलाकार को पारंपरिक कला की शब्दावली और उसके असंख्य रूपों की समझ होना बहुत जरूरी है। ऐसे ही गुणों से संपन्न, पुरस्कार विजेता और मिज़ोरम में आर्ट गैलरी चलाने वाली एकमात्र महिला कलाकार के बारे में बता रही हैं प्रोयशी बरुआ

Read more

आदिवासी कार्टूनिस्ट ने बनाई अपनी विशेष पहचान

एक बढ़ई परिवार से आने वाले इस भूमिजा आदिवासी ने न केवल एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाई बल्कि ओडिशा कार्टूनिस्ट अकादमी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निरोज रंजन मिश्रा लाए हैं ओडिशा के एकमात्र आदिवासी कार्टूनिस्ट की कहानी

Read more

सैकड़ों अनाथ बच्चों व महिलाओं के लिए बनीं उम्मीद की किरण

महिलाओं और बच्चों के सामाजिक विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली एनके केनी नागालैंड में सैकड़ों अनाथ बच्चों और महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन गई हैं। बता रहीं हैं प्रोयाशी बरुआ

Read more

…और उन्होंने कैनवस पर उम्र को अंगूठा दिखा दिया

सत्तर साल की परिपक्व उम्र में ब्रश थाम कर एक ही दशक में कैनवस पर नई इबारत गढ़ने वाली जोधैयाबाई बैगा को हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 84 साल की बैगा पर The Indian Tribal की विशेष रिपोर्ट

Read more

आदिवासी किसान पुत्री का साहित्यिक जगत में धमाकेदार पदार्पण

झारखण्ड की एक साधारण सी लडक़ी ने अपने पहले ही उपन्यास से साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार २०२२ जीत लिया है। सुधीर कुमार मिश्रा लेकर आए हैं इस ३२ वर्षीया संथाली लेखिका की कहानी

Read more

युमन ने कर दिखाया – कचरा नहीं है ये कचरा

मणिपुर की कृषि कार्यों से जुड़ी उद्यमी जी युमन ने प्रोयाशी बरुआ को बताया कि कैसे बचपन से ही प्रकृति से गहरे लगाव ने उन्हें रसोई के कचरे से विशेष प्रकार की खाद बनाने के लिए प्रेरित किया।

Read more

अदाकारा वर्षा ने साबित किया, आदिवासी किसी से कम नहीं

झारवुड से लेकर बॉलीवुड तक अदाकारा वर्षा रितु ने बहुत ख्याति हासिल की है और अपने राज्य को गौरवान्वित किया है। सुधीर कुमार मिश्रा बता रहे हैं उनकी कहानी

Read more

खेतों में लहलहाने लगे हसरतों के बाग

सुधीर कुमार मिश्रा डाल्टनगंज की यात्रा कर हसरत बानो से मिले, जिन्होंने अपनी कोशिशों से गांव में जैविक खेती का प्रसार किया, उसे लोकप्रिय बनाया और किसानों को स्थायी व्यवसाय का विकल्प चुनने में मदद की

Read more

मजबूरों की मददगार

रांची जिले की सरिता देवी ने साबित कर दिखाया है कि करुणा और दृढ़ इच्छा शक्ति से दूसरों की मुश्किलों में काम आकर जीवन में खुशियों के रंग कैसे भरे जा सकते हैं। बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

Read more

ग्रामीणों के लिए चट्टान सा सहारा

कैसे झारखण्ड की गायत्री देवी महामारी लॉकडाउन के दौरान खूंटी जिले के ग्रामीणों के लिए एक चट्टान की तरह रही हैं। बता रहे हैं उनकी कहानीसुधीर कुमार मिश्रा

Read more

कैंसर सर्वाइवर अपना फाउंडेशन बनाकर दूर कर रहीं रोगियों का दर्द

प्रोयाशी बरुआ बता रही है कैसे कैंसर सर्वाइवर राल्टे लालरामेंगजामी ने मिज़ोरम में कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

Read more

गांवों में लचर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंतित है कोई

जम्मू और कश्मीर के दूरदराज के गांवों में प्राय: न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएं भी बहुत मुश्किल से मिल पाती हैं। मोहित कंधारी ने एक ऐसे डीडीसी सदस्य से बातचीत की, जो ग्रामीणों की इस परेशानी को समझती हैं

Read more

लगन से चखा सफलता का मीठा स्वाद

तनीषा फनबुह ने न केवल अपनी बेकरी स्थापित की है, बल्कि बड़ी संख्या में महिलाओं को रोज़गार भी दिया है। इससे उन महिलाओं को आमदनी होने लगी है। प्रोयाशी बरुआ ने जानी उनसे उनकी यात्रा।

Read more

आह! कितना मुश्किल है घुमंतू बच्चों का पढऩा

रोजी-रोटी की तलाश के बीच शिक्षा के लिए इनके बच्चों को किस संघर्ष से गुजरना पड़ता है, मोहित कंधारी को बता रही हैं एक दृढ़ निश्चयी शिक्षक

Read more

नीलम की चली तो लगेंगे पर्यटन को पंख

कठुआ की स्थानीय नेता नीलम देवी अच्छी तरह जानती हैं कि यदि सुविधाएं मिलें तो सुरम्य परिवेश और अधिक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। वह मोहित कंधारी को अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से बता रही हैं।

Read more

पुंछ के पथरीले रास्तों से प्रोफेसर बनने तक

सीखने की ललक लेकर एक छोटी सी आदिवासी लडक़ी घर से निकली और लंबा सफर तय कर आज मंजिल पर पहुंच गई। मोहित कंधारी सुना रहे हैं संघर्ष की कहानी:

Read more

पक्षाघात के बावजूद बनी दूसरों का सहारा

प्रोयशी बरुआ बता रही हैं कैसे असम की शिखा देवी चाय बागान की श्रमिकों को मासिक धर्म के दौरान सेहत और साफ-सफाई के बारे में जागरूक करने की मुहिम चला रही हैं।

Read more

In Numbers

672
Sub-Districts each have a Scheduled Tribes population of more than 10,000