जाउआ उठा के साथ श़ुरू हुआ करम पर्व उत्सव
झारखंड में करम पूजा का उल्लास नजर आने लगा है। इस वर्ष करम पूजा 14 सितंबर को विधि-विधान के साथ आयोजित की जाएगी। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreझारखंड में करम पूजा का उल्लास नजर आने लगा है। इस वर्ष करम पूजा 14 सितंबर को विधि-विधान के साथ आयोजित की जाएगी। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreअपने समकालीन कलाकारों के विपरीत नबरंगपुर के इस भोत्रा आदिवासी ने अपने डिजाइनों में अलग छाप छोडऩे एवं कुछ नया करने के लिए अपना कौशल लगातार निखारा। लीक से हटकर कुछ खास करने वाले धान शिल्पकार पर निरोज रंजन मिश्रा की रिपोर्ट
Read moreकांगेर वैली में वह पर्यटकों की पसंदीदा गाइड है। हो भी क्यों नहीं? वह यहीं पली-बढ़ी है, इसलिए उसे प्रकृति और प्राकृतिक दृश्यों की बहुत गहरी समझ है। उसके और उसके काम के बारे में विस्तार से बता रहा है The Indian Tribal
Read moreमध्य प्रदेश के बुरहानपुर के घने जंगलों में जान की बाजी लगाकर वनों और वन्यजीवों की रक्षा का अपना कर्तव्य निभा रही हैं यह 44 वर्षीय गोंड आदिवासी महिला। दो बच्चों की मां इस वन रक्षक की लगन और संघर्ष की कहानी लेकर आया है The Indian Tribal
Read moreअपने पायलट पति अभिषेक के साथ मिलकर राज्य की राजधानी रांची से लगभग 64 किलोमीटर दूर खूंटी में ‘द ओपन फील्ड’ फार्म-टू-टेबल रेस्टोरेंट चला रही इस बहुमुखी प्रतिभा की कहानी लेकर आए हैं सुधीर कुमार मिश्र
Read moreगरीबी ने इस संथाली आदिवासी को सर्जन तो नहीं बनने दिया, परंतु वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने समुद्री जीवन में कई खोज कर ख्याति हासिल की। विस्तार से बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र
Read moreएक एम्बुलेंस ड्राइवर से उनकी शादी कर दी गई पर इसके बावजूद वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के दृढ़ संकल्प से पीछे नहीं हटीं। आज वह अपने समुदाय की पहली सिविल जज है। THE INDIAN TRIBAL की रिपोर्ट
Read moreसुधीर कुमार मिश्रा ने जाना कैसे मगदली होरो ने पूरे झारखंड में सैकड़ों महिलाओं के भीतर उद्यमशील बनने की ज्योत जलाई और अपनी तरह आत्मनिर्भर बनने तथा समाज की बेहतरी में कुछ योगदान देने के लिए प्रेरित किया
Read moreउगते सूरज की धरती पर तमाम सामाजिक मुद्दों पर विचारोत्तेजक कार्य कर वह अलग छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने राज्य के फिल्म निर्माताओं के समूह- द अरुणाचल फिल्म कलेक्टिव की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रोयशी बरुआ बयां कर रही हैं युवा आदिवासी फिल्म निर्माता कैरी [...]
Read moreवह वनस्पतिशास्त्री बनने का सपना देखा करती थी, लेकिन योग से प्यार हो गया। फिर क्या था, ऐसी तल्लीनता से योग को अपनाया कि विश्व रिकॉर्ड धारक बन गई। राष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार अपने नाम किए। इस गोंड लडक़ी के संघर्ष एवं उपलब्धियों का वर्णन कर [...]
Read moreऐसे दौर में जब अधिकांश युवा पश्चिमी डांस की ओर आकर्षित हो रहे हैं, 40 वर्षीय नृत्यांगना भारतीय शास्त्रीय नृत्य-संगीत के लिए आशा की किरण बनकर उभरी हैं। संभवत:कथक की पहली आदिवासी नृत्यांगना से परिचय करा रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा
Read moreकिसी भी कलाकार को पारंपरिक कला की शब्दावली और उसके असंख्य रूपों की समझ होना बहुत जरूरी है। ऐसे ही गुणों से संपन्न, पुरस्कार विजेता और मिज़ोरम में आर्ट गैलरी चलाने वाली एकमात्र महिला कलाकार के बारे में बता रही हैं प्रोयशी बरुआ
Read moreएक बढ़ई परिवार से आने वाले इस भूमिजा आदिवासी ने न केवल एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाई बल्कि ओडिशा कार्टूनिस्ट अकादमी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निरोज रंजन मिश्रा लाए हैं ओडिशा के एकमात्र आदिवासी कार्टूनिस्ट की कहानी
Read moreमहिलाओं और बच्चों के सामाजिक विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली एनके केनी नागालैंड में सैकड़ों अनाथ बच्चों और महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन गई हैं। बता रहीं हैं प्रोयाशी बरुआ
Read moreसत्तर साल की परिपक्व उम्र में ब्रश थाम कर एक ही दशक में कैनवस पर नई इबारत गढ़ने वाली जोधैयाबाई बैगा को हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 84 साल की बैगा पर The Indian Tribal की विशेष रिपोर्ट
Read moreझारखण्ड की एक साधारण सी लडक़ी ने अपने पहले ही उपन्यास से साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार २०२२ जीत लिया है। सुधीर कुमार मिश्रा लेकर आए हैं इस ३२ वर्षीया संथाली लेखिका की कहानी
Read moreमणिपुर की कृषि कार्यों से जुड़ी उद्यमी जी युमन ने प्रोयाशी बरुआ को बताया कि कैसे बचपन से ही प्रकृति से गहरे लगाव ने उन्हें रसोई के कचरे से विशेष प्रकार की खाद बनाने के लिए प्रेरित किया।
Read moreझारवुड से लेकर बॉलीवुड तक अदाकारा वर्षा रितु ने बहुत ख्याति हासिल की है और अपने राज्य को गौरवान्वित किया है। सुधीर कुमार मिश्रा बता रहे हैं उनकी कहानी
Read moreसुधीर कुमार मिश्रा डाल्टनगंज की यात्रा कर हसरत बानो से मिले, जिन्होंने अपनी कोशिशों से गांव में जैविक खेती का प्रसार किया, उसे लोकप्रिय बनाया और किसानों को स्थायी व्यवसाय का विकल्प चुनने में मदद की
Read moreरांची जिले की सरिता देवी ने साबित कर दिखाया है कि करुणा और दृढ़ इच्छा शक्ति से दूसरों की मुश्किलों में काम आकर जीवन में खुशियों के रंग कैसे भरे जा सकते हैं। बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा
Read moreकैसे झारखण्ड की गायत्री देवी महामारी लॉकडाउन के दौरान खूंटी जिले के ग्रामीणों के लिए एक चट्टान की तरह रही हैं। बता रहे हैं उनकी कहानीसुधीर कुमार मिश्रा
Read moreप्रोयाशी बरुआ बता रही है कैसे कैंसर सर्वाइवर राल्टे लालरामेंगजामी ने मिज़ोरम में कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
Read moreजम्मू और कश्मीर के दूरदराज के गांवों में प्राय: न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएं भी बहुत मुश्किल से मिल पाती हैं। मोहित कंधारी ने एक ऐसे डीडीसी सदस्य से बातचीत की, जो ग्रामीणों की इस परेशानी को समझती हैं
Read moreतनीषा फनबुह ने न केवल अपनी बेकरी स्थापित की है, बल्कि बड़ी संख्या में महिलाओं को रोज़गार भी दिया है। इससे उन महिलाओं को आमदनी होने लगी है। प्रोयाशी बरुआ ने जानी उनसे उनकी यात्रा।
Read moreरोजी-रोटी की तलाश के बीच शिक्षा के लिए इनके बच्चों को किस संघर्ष से गुजरना पड़ता है, मोहित कंधारी को बता रही हैं एक दृढ़ निश्चयी शिक्षक
Read moreकठुआ की स्थानीय नेता नीलम देवी अच्छी तरह जानती हैं कि यदि सुविधाएं मिलें तो सुरम्य परिवेश और अधिक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। वह मोहित कंधारी को अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से बता रही हैं।
Read moreसीखने की ललक लेकर एक छोटी सी आदिवासी लडक़ी घर से निकली और लंबा सफर तय कर आज मंजिल पर पहुंच गई। मोहित कंधारी सुना रहे हैं संघर्ष की कहानी:
Read moreप्रोयशी बरुआ बता रही हैं कैसे असम की शिखा देवी चाय बागान की श्रमिकों को मासिक धर्म के दौरान सेहत और साफ-सफाई के बारे में जागरूक करने की मुहिम चला रही हैं।
Read moreThe Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.
© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.