जाउआ उठा के साथ श़ुरू हुआ करम पर्व उत्सव
झारखंड में करम पूजा का उल्लास नजर आने लगा है। इस वर्ष करम पूजा 14 सितंबर को विधि-विधान के साथ आयोजित की जाएगी। The Indian Tribal की रिपोर्ट
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Read moreमध्य प्रदेश के छतरपुर और दमोह जैसे जिलों में आदिवासी भले पानी की कमी और गरीबी से जूझ रहे हों, लेकिन वे अपने घरों की दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों के आसपास के क्षेत्र को भित्तिचित्रों के माध्यम से सुंदर रूप देना नहीं भूलते। उनकी इसी रचनात्मकता पर पेश [...]
Read moreकोंध आदिवासी लोग चैत्र मास के दौरान संगीत और नृत्य के साथ अपने भगवान की पूजा करते हैं। क्या युवा, क्या बुजुर्ग सभी इस उत्सव में उत्साह से भाग लेते हैं। खूब दावतों का दौर चलता है। निरोज रंजन मिश्र इस उत्सव पर विस्तार से प्रकाश डाल [...]
Read moreगरीबी और नाकामियां भी मजदूर परिवार में जन्मे बारीपदा के आदिवासी चित्रकार का हौसला नहीं तोड़ पाईं। कला के प्रति जुनून ने उन्हें रास्ते के कांटों की चुभन को महसूस ही नहीं होने दिया। निरोज रंजन मिश्र बता रहे हैं कैसे यह कलाकार आज अपनी मेहनत के फल [...]
Read moreसूखी लौकी से बने सुंदर लैंप और पानी रखने के मजबूत बर्तन कभी छत्तीसगढ़ की शान हुआ करते थे। सदियों पुरानी यह तूमा शिल्प अब धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। The Indian Tribal की खास रिपोर्ट
Read moreमध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व के आसपास दूर तक फैली हरियाली से घिरे कच्ची मिट्टी से बने ढलान वाली छत के दो मंजिले खूबसूरत घर हर किसी का मन मोह लेते हैं। पेश है The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreत्रिपुरा की सभी जनजातियों की पोशाक अनूठी होती है, जहां कपड़े ही नहीं, रंग का भी बहुत महत्व होता है। त्रिपुरी महिलाओं को क्या-क्या पहनना पसंद है, उनसे बातचीत के आधार पर यहां बता रही हैं प्रोयशी बरुआ
Read moreअपने समकालीन कलाकारों के विपरीत नबरंगपुर के इस भोत्रा आदिवासी ने अपने डिजाइनों में अलग छाप छोडऩे एवं कुछ नया करने के लिए अपना कौशल लगातार निखारा। लीक से हटकर कुछ खास करने वाले धान शिल्पकार पर निरोज रंजन मिश्रा की रिपोर्ट
Read moreएक समय था जब छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला नक्सली गढ़ के रूप में कुख्यात था, लेकिन अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी आदिवासी जीवनशैली के लिए अब पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। The Indian Tribal की रिपोर्ट
Read moreप्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस रेगिस्तानी राज्य के कच्चे घरों के धीरे-धीरे पक्के मकानों में तब्दील होने के कारण मांडना कला अब विलुप्त होती जा रही है, बता रही हैं दीपन्विता गीता नियोगी
Read moreThe Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.
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