जानवरों की नकल कर छिपी वस्तु खोजो तो जानें
प्रकृति के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का व्यवहार, स्वयं के अलावा अन्य प्राणियों के प्रति सम्मान और बहुत सारा मनोरंजन इस खेल की जान है। प्रोयशी बरुआ की रिपोर्ट
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Read moreबच्चों के लिए इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि उन्हें फसल कटने के बाद खाली हुए खेतों में स्वतंत्र रूप से दौड़ने और खेलने के लिए छोड़ दिया जाए? ओडिशा के गांवों में ऐसे नजारे आम हैं। बच्चे फसल कटाई के बाद खेतों में करते हैं [...]
Read moreप्रकृति के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का व्यवहार, स्वयं के अलावा अन्य प्राणियों के प्रति सम्मान और बहुत सारा मनोरंजन अरुणाचल प्रदेश के इस जनजातीय खेल की जान है, बता रही है प्रोयशी बरुआ
Read moreकोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की सीएसआर पहल फुटबॉल का शौक रखने वाले होनहार खिलाडिय़ों खासकर आदिवासी बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। एनजीओ आशा के निमंत्रण पर The Indian Tribal के संस्थापक-संपादक एम. मधुसूदन ने ‘प्रोजेक्ट फुटबॉल’ पर करीब से [...]
Read moreवुशु, किकबॉक्सिंग और थाई बॉक्सिंग में खूब नाम कमाने के बाद 17 वर्षीय भुइयां लडक़ा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाने के लिए इंडोनेशियाई पेनकैक सिलाट की ओर मुड़ गया है। क्या हैं उसके इरादे, बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र
Read moreजनजातीय समुदाय के लोगों के मनोरंजन का बेहतरीन साधन सदियों पुराना पारंपरिक खेल फोड़ी अब विलुप्त होता जा रहा है। झारखंड में स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर कुछ सामाजिक संगठन इस खेल को बचाने के प्रयास में जुटे हैं। सुधीर कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
Read moreअसम के कई आदिवासी गाँवों में इस खेल में बुजुर्ग अपनी बेटियों या पोतियों के लिए मजबूत कद-काठी वाला दूल्हा तलाशते हैं। कुछ अमीर और समृद्ध किसान अपने खेतों में मजदूरी के लिए बलशाली युवाओं को भी इसी खेल के माध्यम से छांट लेते हैं। क्या है यह [...]
Read moreलगभग 400 साल पहले इस स्वदेशी खेल की उत्पत्ति मानी जाती है और आज भी यह जैन्तिया, खासी और गारो पहाड़ी जनजातियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। क्या है यह खेल, बता रही हैं प्रोयशी बरुआ
Read moreएक होनहार संथाल खिलाड़ी को प्रारंभिक दौर में ही कंधे में दर्द उठने के कारण तीरंदाजी करियर को विराम देना पड़ा, परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और कोच के रूप में खूब नाम कमाया। इस प्रतिभावान खिलाड़ी के संघर्ष और सफलता की परतें खोलकर लाए हैं निरोज मिश्रा
Read moreटाटा स्टील की सहायक कंपनी टाटा कल्चरल सोसाइटी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके खेलों को फिर लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम कर रही है।सुधीर कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
Read moreThe Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.
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