Friday, July 26, 2024
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खेलकूद

खेल तो जैसे भारत के आदिवासी समुदायों के आम जनजीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, लेकिन उनके पारंपरिक खेल अब लगभग विलुप्त हो चुके हैं। भले देश में आदिवासी समुदाय से कई प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं, लेकिन बड़ी संख्या ऐसे सितारों की भी है जो तमाम उल्लेखनीय उपलब्धियों के बावजूद गुमनाम हैं। द इंडियन ट्राइबल ऐसे ही आदिवासी खेलों और उनसे जुड़े खिलाडिय़ों से रूबरू कराता है।

जानवरों की नकल कर छिपी वस्तु खोजो तो जानें

प्रकृति के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का व्यवहार, स्वयं के अलावा अन्य प्राणियों के प्रति सम्मान और बहुत सारा मनोरंजन इस खेल की जान है। प्रोयशी बरुआ की रिपोर्ट

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यहां फसल की रखवाली करते हैं ‘बंदर’ 

बच्चों के लिए इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि उन्हें फसल कटने के बाद खाली हुए खेतों में स्वतंत्र रूप से दौड़ने और खेलने के लिए छोड़ दिया जाए? ओडिशा के गांवों में ऐसे नजारे आम हैं। बच्चे फसल कटाई के बाद खेतों में करते हैं [...]

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जानवरों की नकल कर छिपी वस्तु खोजो तो जानें

प्रकृति के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का व्यवहार, स्वयं के अलावा अन्य प्राणियों के प्रति सम्मान और बहुत सारा मनोरंजन अरुणाचल प्रदेश के इस जनजातीय खेल की जान है, बता रही है प्रोयशी बरुआ

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आदिवासी बच्चों का भविष्य निखार रहा सीसीएल का ‘प्रोजेक्ट फुटबॉल’

कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की सीएसआर पहल फुटबॉल का शौक रखने वाले होनहार खिलाडिय़ों खासकर आदिवासी बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। एनजीओ आशा के निमंत्रण पर The Indian Tribal के संस्थापक-संपादक एम. मधुसूदन ने ‘प्रोजेक्ट फुटबॉल’ पर करीब से [...]

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ओडिशा के इस आदिवासी युवक की बात ही कुछ और है

वुशु, किकबॉक्सिंग और थाई बॉक्सिंग में खूब नाम कमाने के बाद 17 वर्षीय भुइयां लडक़ा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाने के लिए इंडोनेशियाई पेनकैक सिलाट की ओर मुड़ गया है। क्या हैं उसके इरादे, बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र

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आदिवासियों की ‘हॉकी’ को बचाने की जद्दोजहद

जनजातीय समुदाय के लोगों के मनोरंजन का बेहतरीन साधन सदियों पुराना पारंपरिक खेल फोड़ी अब विलुप्त होता जा रहा है। झारखंड में स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर कुछ सामाजिक संगठन इस खेल को बचाने के प्रयास में जुटे हैं। सुधीर कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

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असम में मजबूत कद-काठी का दूल्हा चाहिए, तो ये खेल देखो

असम के कई आदिवासी गाँवों में इस खेल में बुजुर्ग अपनी बेटियों या पोतियों के लिए मजबूत कद-काठी वाला दूल्हा तलाशते हैं। कुछ अमीर और समृद्ध किसान अपने खेतों में मजदूरी के लिए बलशाली युवाओं को भी इसी खेल के माध्यम से छांट लेते हैं। क्या है यह [...]

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मेघालय के इस खेल में पुरस्कार में मिलते हैं चावल, आलू और मुर्गियां

लगभग 400 साल पहले इस स्वदेशी खेल की उत्पत्ति मानी जाती है और आज भी यह जैन्तिया, खासी और गारो पहाड़ी जनजातियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। क्या है यह खेल, बता रही हैं प्रोयशी बरुआ

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तीरंदाज को बाधाओं ने घेरा तो रास्ता बदल कर साधा सफलता पर निशाना

एक होनहार संथाल खिलाड़ी को प्रारंभिक दौर में ही कंधे में दर्द उठने के कारण तीरंदाजी करियर को विराम देना पड़ा, परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और कोच के रूप में खूब नाम कमाया। इस प्रतिभावान खिलाड़ी के संघर्ष और सफलता की परतें खोलकर लाए हैं निरोज मिश्रा

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झारखण्ड में विलुप्त होते पारम्परिक आदिवासी खेलों को बचाने की मुहिम

टाटा स्टील की सहायक कंपनी टाटा कल्चरल सोसाइटी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके खेलों को फिर लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम कर रही है।सुधीर कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

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705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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