बड़वानी (मध्य प्रदेश) : गरीब आदिवासियों को पैसों का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का कृत्य अभी भी जारी है। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में पुलिस ने इन्हीं कोशिशों के आरोप में पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि यह दंपति आदिवासी महिलाओं को निशाना बनाता था और धन का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने को कहता था।
दंपति आदिवासी महिलाओं को अपने घर बुलाकर पैसे, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त दवा, रोजगार और अन्य सुविधाओं का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहते थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
राजपुर थाना प्रभारी राजेश यादव ने बताया कि आरोपियों की पहचान नवलपुरा गांव के रहने वाले अनार सिंह जमरे (35) और उसकी पत्नी लक्ष्मी जमरे (32) के खिलाफ शिकायत मिली थी कि वे दोनों आदिवासी महिलाओं को अपने घर बुलाकर पैसे, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त दवा, रोजगार और अन्य सुविधाओं का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहते थे। मदिल गांव के रहने वाले प्रकाश चौहान की शिकायत पर दंपति को मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने यह भी बताया कि पुलिस ने आरोपियों के घर से संबंधित धार्मिक साहित्य, पेन ड्राइव और अन्य सामग्रियां जब्त की हैं। हालांकि स्थानीय अदालत ने दंपति को जमानत दे दी और उन्हें रिहा कर दिया गया।
गरीब और पिछड़े इलाकों में रहने वाले आदिवासी धर्म के ठेकेदारों का आसान शिकार होते हैं। इसलिए सरकार ने धर्म परिवर्तन रोकने को सख्त कानून भी बनाया है। मध्य प्रदेश में लागू संशोधित मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में धोखाधड़ी, प्रलोभन के माध्यम से धर्म परिवर्तन के जुर्म में दंड का प्रावधान है। इसमें विवाह के लिए धर्मांतरण भी शामिल है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और नाबालिगों के धर्म परिवर्तन से जुड़े मामलों में दो से दस साल तक की कैद हो सकती है और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका जा सकता है।