रांची
झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (74) को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक बड़ा दावा किया। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को बताया कि प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि विगत 06 मई को आलमगीर के आप्त सचिव संजीव लाल के गृह सहायक के यहां से जो 32.20 करोड़ रुपये मिले थे, वे आलमगीर आलम के थे।
ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के हर एक ठेके में मंत्री का कमीशन 1.5 फ़ीसदी तय रहता था। ईडी ने बताया कि जांच में यह पता चला है कि ठेका आवंटन के बाद कमीशन की उगाही व उसके बंटवारे का जिम्मा ग्रामीण विकास विभाग स्पेशल सेल व ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता स्तर के अधिकारियों को था।
कई दावे किए
ईडी ने इस बात का भी दावा किया कि आलमगीर आलम ने सितंबर 2022 में तीन करोड़ रुपये एक सहायक अभियंता के जरिए लिये थे। पैसे लेने वाला आलमगीर आलम का विश्वस्त सहयोगी था। कोर्ट को ईडी ने बताया कि मनी लाउंड्रिंग में गिरफ्तार चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने कमीशन की उगाही और बंटवारे की जानकारी दी थी।
विगत 6, 7 और 8 मई को छापेमारी के दौरान 37.5 करोड़ रुपये मिले थे। जिसमें से संजीव लाल के नौकर जहांगीर के यहां से 32.20 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई थी। ईडी ने बताया कि जहांगीर के फ्लैट सर सैयद रेसीडेंसी, 1 ए से बरामद 32.20 करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के ही है। ये पैसे जहांगीर आलम ने संजीव लाल के कहने पर मंत्री आलमगीर आलम के लिए अलग अलग जगहों से उठाए थे। ईडी ने कोर्ट को बताया कि कैश के अलावे फ्लैट से भारी पैमानें पर आधिकारिक लेटरहेड, पत्र, सरकारी दस्तावेज भी बरामद किए थे। संजीव लाल ही मंत्री आलमगीर आलम से जुड़ी चीजों को रखने के लिए इस फ्लैट का इस्तेमाल करता था।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि मंत्री आलमगीर आलम के निर्देश पर कमीशन की राशि संजीव लाल वसूलता था। साथ ही ठेकों को मैनेज करने में उसकी भूमिका सबसे अहम होती थी। ठेका मैनेज होने के बाद तय कमीशन की राशि इंजीनियरों के जरिए सभी विभागीय लोगों तक पहुंचायी जाती थी। ईडी ने कोर्ट को बताया कि पूरा ग्रामीण विकास विभाग ही इस इस कमीशन खोरी में सांठगांठ का हिस्सा है। विभाग में नीचे से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारी ठेका दिलवाने से लाभांवित हुए हैं। ईडी के मुताबिक, पूरे मनी लाउंड्रिंग में आलमगीर आलम सबसे अहम कड़ी हैं।
![Jharkhand Minister Alamgir Alam | The Indian Tribal](https://theindiantribal.com/wp-content/uploads/2024/05/Alamgir-Alam-min-768x522-1.jpeg)
मंत्री से ईडी 6 दिनों तक करेगी पूछताछ
कमीशनखोरी और मनी लांड्रिंग के मामले में मंत्री आलमगीर आलम से ईडी 6 दिनों तक पूछताछ करेगी। पीएमएलए कोर्ट ने गुरुवार को 6 दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की इजाजत दी है। इससे पूर्व गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईडी ने गुरुवार को दिन के 11.45 बजे सिविल कोर्ट के पीएमएलए कोर्ट में पेश किया। पेशी के साथ ही ईडी की ओर से आवेदन देकर 10 दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की गई। ईडी की ओर से एएसजी अनिल कुमार और शिव कुमार काका और आलमगीर आलम की ओर से अनिल कुमार कंठ ने बहस की। आवेदन पर सुनवाई के बाद पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा ने 6 दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की अनुमति प्रदान की। तब तक के लिए अदालत ने आरोपी आलमगीर आलम को यिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया।
ईडी शुक्रवार को जेल से उन्हें अपने साथ पूछताछ के लिए ले जाएगी। पूछताछ 17 से 22 मई तक की जाएगी। पुलिस रिमांड की अवधि 22 मई को खत्म हो रही है। उस दिन उन्हें कोर्ट में पुन: पेश किया जाएगा। बुधवार को ईडी ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं करने पर आलमगीर आमल को देर शाम गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े ईसीआरआई 2/2023 मामले में की गई है।
चुनावों में गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती है
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ़्तारी से झामुमो की अगुवाई वाली सरकार को हाल फिलहाल के दिनों में दूसरा बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से अभी झामुमो-कांग्रेस-राजद की सरकार उबर भी नहीं पायी थी कि ये ज़ोर का झटका और लग गया। खासकर तब जब लोक सभा चुनाव हो रहे हैं और झारखण्ड में अभी दो चरणों का मतदान बचा हुआ है। राज्य में कुछ महीनों में विधान सभा चुनाव भी होने हैं। हेमंत की गिरफ्तारी को अगर झामुमो आदिवासियों के प्रति साज़िश बता रही थी तो आलमगीर आलम जैसे वरिष्ठ नेता का भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होना उस सहानुभूति को खत्म कर सकता है और इस गठबंधन को चुनावों में भारी नुक्सान पहुंचा सकता है।
ईडी ने पुलिस रिमांड पर लेने की बताई 8 वजहें:
- आरोपी व्यक्ति एक प्रभावशाली व्यक्ति है
- तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं, इसकी पुष्टि आरोपी व्यक्ति से की जानी है
- अवैध आय अर्जित करने में शामिल व्यक्तियों की पहचना करना है
- गिरफ्तार संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम से मिली जानकारी को आलमगीर आलम से पूछताछ में पुष्टि की जानी है
- ठेका कमीशनखोरी में संलिप्त वरीय सरकारी अधिकारियों समेत अन्य व्यक्तियों की भूमिका की जांच करना है, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है
- आलमगीर आलम अपना बयान दर्ज कराते समय साथ नहीं दे रहे हैं।
- प्रॉसिड्स ऑफ क्राइम से जो आरोपी व्यक्ति संपत्तियों अर्जित की है, उसकी पहचान करना है
- प्रॉसिड्स ऑफ क्राइम कर मनी लाउंड्रिंग में शामिल कथित व संदिग्ध व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाना