रांची
झारखंड के अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को अब यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत 50 वर्ष की उम्र से ही पेंशन मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज राज्य सरकार के चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में इसकी घोषणा की।
मुख्यमंत्री सोरेन ने ऐलान किया कि दलितों और आदिवासियों के लिए वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्रता आयु 60 से घटाकर 50 वर्ष कर दी जाएगी। उन्होंने कहा ऐसा इसलिए किया जायेगा क्यूँकि उनमें मृत्यु दर अधिक है और उन्हें 60 साल के बाद नौकरी नहीं मिलती है। सोरेन ने दावा किया कि 2000 में राज्य के गठन के बाद से केवल 16 लाख लोगों को पेंशन का लाभ मिला था। लेकिन उनके नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पिछले सालों में 36 लाख लोगों को पेंशन प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे नेतृत्व में बनी सरकार के लिए पिछले 4 वर्ष का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है । जब हमारी सरकार का गठन हुआ तो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने हमें अपनी चपेट में ले लिया। दो वर्ष तक कोरोना के खिलाफ जंग जारी रही। इससे थोड़ी निजात मिली तो सुखाड़ से सामना करना पड़ा। ऐसी आपदा के बीच गरीबों, मजदूरों , वंचितों और असहाय लोगों के साथ-साथ हर किसी के जीवन और जीविका के लिए सरकार 24 घंटे काम करती रही। इन विषम हालात में लोगों को राहत देने के लिए हमने जो कोविड मैनेजमेंट सिस्टम बनाया उसे देश -दुनिया ने सराहा। इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच से निकलते हुए आज हम विकास को नई गति दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक पिछड़े, महिला नौजवान बुजुर्ग दिव्यांग किसान मजदूर समेत अन्य सभी वर्ग और तबके के लिए सरकार की योजनाएं हैं। आप को बस इतना ही करना है कि आप अपनी जरूरत की योजनाओं का चयन करें और उसका लाभ लेकर अपने को सशक्त बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी सरकार कई कार्य कर रही है। सखी मंडलों से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब तक 8000 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं ।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन डीलरों को कमीशन के रूप में मिलने वाले पैसे को भी जल्द बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा आप सभी ने मुझे राज्य को चलाने का जिम्मा सौंपा है। ऐसे में आप सभी के सहयोग से ही राज्य को आगे बढ़ने का प्रयास निरंतर कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सदैव वीरो की धरती रही है। जल-जंगल-जमीन की खातिर उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया। अन्याय और शोषण के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहे। यहां के वीरों ने ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें हिला दी थी। झारखंड अलग राज्य के लिए इन्होंने 40 वर्षों तक आंदोलन किया। इतिहास को खंगालें तो जल-जंगल-जमीन की रक्षा से लेकर झारखंड अलग राज्य बनने तक यहां के अनगिनत वीरों ने अपनी शहादत दी। हम इन वीरों को नमन करते हैं और इनके सपनों का झारखंड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गांव से चल रही है। हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं , क्योंकि गांव को मजबूत किए बिना राज्य सशक्त नहीं बन सकता है। इसी कड़ी में वर्ष 2021, 2022 तथा 2023 में “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत पंचायत- पंचायत में शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया गया। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया गया। इस कार्यक्रम को लेकर राज्य की जनता का जिस तरह का उत्साह देखने को मिला, वैसे में अब हर वर्ष पंचायत में शिविर लगाए जाएंगे। अधिकारी आपके घर पहुंचेंगे और आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस दौरान नई-नई योजनाओं को लेकर हम आपके बीच आएंगे।
भाजपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ” आपकी योजना -आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम के पिछले दो चरणों में जिस तरह लाखों लोग अपनी समस्याओं को लेकर शिविरों में आए। उससे साफ जाहिर होता है कि ग्रास रूट पर समस्याएं कितनी गंभीर थी। लेकिन, किसी भी सरकार ने इसकी चिंता नहीं की। लोगों को न तो योजनाओं का सही तरीके से लाभ मिल पा रहा था और न ही उनकी परेशानियां दूर हो रही थी। जब हमारी सरकार बनी तो हमने समस्याओं की व्यापकता के आधार पर प्राथमिकता कर लोगों के दुःख दर्द को दूर करने का सिलसिला शुरू किया और यह निरंतर जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने पिछले 20 वर्ष के कार्यों और अपनी सरकार के 4 साल के कार्यों और उपलब्धियों से जनता को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने 11 लाख राशन कार्ड अमान्य कर दिए थे। हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशन कार्ड जारी कर उन्हें बाजार भाव पर अनाज खरीद कर मुफ्त देने का काम कर रही है। अब राशन कार्डधारियों को दाल भी दिया जाएगा। इसके अलावा पिछले 20 वर्षों में 8 लाख लोगों को ही पेंशन मिल रहा था। हमने 4 वर्षों में राज्य के सभी योग्य पात्रों को पेंशन योजना से जोड़ने का काम किया है। पिछले 20 सालों में मात्र आठ लाख किसानों को ही किसान क्रेडिट कार्ड मिला था। हमने 4 साल में ही 20 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर दिए हैं और आज भी किसानों को केसीसी से जोड़ने का काम जारी है ।
सोरेन ने कहा कि झारखंड से लाखों मजदूर रोजगार के लिए दूसरे राज्यों के लिए पलायन करते हैं। इसकी जानकारी तब हुई जब कोरोना महामारी के दौरान हमारी सरकार ने मजदूरों को वापस अपने घर लाने का सिलसिला प्रारंभ किया। रोजगार के लिए मजदूरों का इस तरह पलायन हमारे लिए काफी चिंता की बात थी। ऐसे में हमने उन योजनाओं पर विशेष जोर दिया, जिसके जरिए इन मजदूरों को अपने गांव घर में ही रोजगार दे सकें। आज हम इस दिशा में काफी तेजी से काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बच्चों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में पहले चरण में 80 स्कूल आफ एक्सीलेंस खोले गए हैं और आने वाले दिनों में इनकी संख्या 5 हज़ार की जाएगी। बच्चियों आर्थिक तंगी की कारण पढ़ाई नहीं छोड़े, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत 40 हज़ार रुपए दिए जा रहे हैं। अब बेटियां सिर्फ डिग्री नहीं लेंगी, बल्कि इंजीनियर डॉक्टर और अफसर भी बनेंगी। इसके अलावा दसवीं से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा ताकि वे अपने भविष्य को संवार सके। कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है। अब यहां रहने वाले विद्यार्थी सिर्फ पढ़ाई की चिंता करें, उनके खाने पीने की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी। इतना ही नहीं, विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है। वहीं, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेस को करने के लिए भी सरकार आर्थिक मदद दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नियुक्तियों के रास्ते खुल चुके हैं । सरकारी विभागों में खाली पड़े हजारों पद भरे जा चुके हैं । वहीं, 45 हजार से ज्यादा पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। जबकि, निजी संस्थानों में भी 50 हज़ार से अधिक युवाओं को ऑफर लेटर दिया जा चुका है। हमारी सरकार ने यह भी कानून बनाया है कि झारखंड में जितने भी संस्थान और कंपनियां होंगी उन्हें 75 प्रतिशत नौकरी स्थानियों को देना अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं, उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 12 हज़ार से ज्यादा नौजवान इस योजना का लाभ लेकर खुद का व्यवसाय कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कोशिश है कि सभी अपने पैरों पर खड़ा हो सके। इसके लिए उन्हें सभी सुविधाएं और सहायताएं दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कम कर रही है क्योंकि इसी के जरिए विकास का दरवाजा खुलता है उन्होंने कहा कि आज 6 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से लगभग 15 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो रहा है। वहीं, 7 हज़ार करोड़ रुपए से उच्च स्तरीय सड़कें बनाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति हो, इसके लिए ग्रिड सब स्टेशन, ट्रांसमिशन और डिसटीब्यूशन सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं। इसके अलावे राज्य के कुछ जिले ऐसे हैं , जहां बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी से महंगे घर पर बिजली लेनी पड़ती है लेकिन, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगले डेढ़ वर्षो में हम अपनी बिजली व्यवस्था को इतना मजबूत कर लेंगे की डीबीसी पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा झारखंड के कदम आगे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2025 में झारखंड 25 वर्ष का युवा हो जाएगा। हमने यह लक्ष्य रखा है कि अगले दो वर्ष में झारखंड को इतना ताकतवर बनाएंगे कि अपने दम पर यह आगे बढ़ेगा और किसी से मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें आप सभी का सहयोग बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन के अलावा मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, चम्पाई सोरेन, बन्ना गुप्ता, बादल, मिथिलेश कुमार ठाकुर, बेबी देवी, सांसद श्री विजय हांसदा,और राज्यसभा सांसद महुआ माजी उपस्थित थे।