प्रकृति के साथ मीठे सुर छेड़ते ये घुमंतू आदिवासी
जम्मू और कश्मीर की पहाड़ी ढलानों पर घूमते चरवाहों के एकांत का साथी होता है संगीत। THE INDIAN TRIBAL इन आदिवासी खानाबदोश लोगों के कुछ विशेष संगीत यंत्रों के बारे में लाया है जानकारी
Read moreDetailsजम्मू और कश्मीर की पहाड़ी ढलानों पर घूमते चरवाहों के एकांत का साथी होता है संगीत। THE INDIAN TRIBAL इन आदिवासी खानाबदोश लोगों के कुछ विशेष संगीत यंत्रों के बारे में लाया है जानकारी
Read moreDetailsमहुआ छत्तीसगढ़ का पवित्र वृक्ष माना जाता है और इसकी शराब आदिवासी बहुल बस्तर की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन इसी प्रकार का एक और पेय सल्फी भी आदिवासी लोगों में खूब लोकप्रिय है। इस पेय के बारे में अधिक जानकारी लेकर आये हैं The Indian Tribal
Read moreDetailsकिसी भी कलाकार को पारंपरिक कला की शब्दावली और उसके असंख्य रूपों की समझ होना बहुत जरूरी है। ऐसे ही गुणों से संपन्न, पुरस्कार विजेता और मिज़ोरम में आर्ट गैलरी चलाने वाली एकमात्र महिला कलाकार के बारे में बता रही हैं प्रोयशी बरुआ
Read moreDetailsसाधारण सी कंद से अनूठी स्वादिष्ट मिठाई तो बनती ही है, आदिवासी लोग इसका उपयोग सांप, गिलहरी या चूहे के काटने पर दवा के रूप में भी करते हैं। निरोज रंजन मिश्र बता रहे हैं इस कंदमूल के बारे में
Read moreDetailsपिछले एक साल से छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व में गश्ती गार्ड के रूप में कार्यरत स्थानीय आदिवासी युवाओं ने दीपान्विता गीता नियोगी को बताया कि वे कैसे काम करते हैं और उनके सामने इस दौरान क्या-क्या चुनौतियां पेश आती हैं।
Read moreDetailsएक बढ़ई परिवार से आने वाले इस भूमिजा आदिवासी ने न केवल एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाई बल्कि ओडिशा कार्टूनिस्ट अकादमी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निरोज रंजन मिश्रा लाए हैं ओडिशा के एकमात्र आदिवासी कार्टूनिस्ट की कहानी
Read moreDetailsओडिशा के नबरंगपुर जिले के आदिवासी क्षेत्रों में बाल विवाह के खिलाफ एक 29 वर्षीय महिला ने मोर्चा संभाला हुआ है। जहां से भी बाल विवाह की खबर मिलती है, वह वहां पहुंच कर उसे रुकवा देती हैं। उसके इस मुहिम और उसकी चुनौतियों के बारे बता [...]
Read moreDetailsकौन हैं कोंध आदिवासी तारेंगा मांझी, जिन्होंने ओडिशा में चार साल की कड़ी मेहनत से हर बाधा को पार करते हुए अपने समुदाय के लोगों को टीकाकरण के लिए राजी किया? इनकी कहानी लेकर आए हैं नीरोज रंजन मिश्रा
Read moreDetailsझारखण्ड में जून 30 हूल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1855 में चार संथाल भाइयों और दो बहनों ने अंग्रेजी साम्राज्य की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सशस्त्र विदोह का बिगुल फूँका था और पारम्परिक हथियारों से लैस हज़ारों आदिवासियों का नेतृत्व किया था। पर [...]
Read moreDetailsएक होनहार संथाल खिलाड़ी को प्रारंभिक दौर में ही कंधे में दर्द उठने के कारण तीरंदाजी करियर को विराम देना पड़ा, परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और कोच के रूप में खूब नाम कमाया। इस प्रतिभावान खिलाड़ी के संघर्ष और सफलता की परतें खोलकर लाए हैं निरोज मिश्रा
Read moreDetailsThe Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.
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