जंगल महल क्षेत्र में कोई भी जश्न पारंपरिक दावतों के बिना पूरा नहीं होता और इनमें मेहमानों को परोसा जाने वाला सबसे पसंदीदा भोजन जेल शोर होता है।
जेल शोर मांस और आलू को चावल के साथ मिलाकर पकाया गया बेहद स्वादिष्ट मिश्रण यानी खिचड़ी होता है। संथाल एपिकुरियन मधूसूदन हांसदा कहते हैं कि इसे बिरयानी कहा जा सकता है। कई लोग इसे खिचड़ी बिरयानी भी कहते हैं।
चावल की खिचड़ी में पहले से पका हुआ मांस और तले हुए आलू डालकर चलाते रहें और देखिए जेल शोर तैयार!
जेल शोर आलू और मांस के साथ चावल मिलाकर तैयार की गई चटखारेदार डिश- अहा, क्या बिरयानी है!
हालांकि, जितनी आसानी से यह तैयार हो जाता है, उतना सामान्य पकवान यह है नहीं। जंगल महल में संक्रांति और दनसाई जैसे त्योहार जेल शोर की दावत के बिना अधूरे ही माने जाते हैं। इसके जैसा आसानी से उपलब्ध भोजन कोई और नहीं है।