Thursday, July 3, 2025
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कपड़ों में रंगों को लेकर इतने संवेदनशील क्यों त्रिपुरा के लोग

त्रिपुरा की सभी जनजातियों की पोशाक अनूठी होती है, जहां कपड़े ही नहीं, रंग का भी बहुत महत्व होता है। त्रिपुरी महिलाओं को क्या-क्या पहनना पसंद है, उनसे बातचीत के आधार पर यहां बता रही हैं प्रोयशी बरुआ

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कचरे से भी सजावट, क्या हुनर है!

कपास के कचरे से, जी हां कपास के कचरे से सजावटी और दैनिक उपयोग में काम में आने वाली वस्तुएं बनती हैं। कचरा भी सिमटता है और आमदनी भी होती है। ओडिशा भर में सौ से अधिक आदिवासी महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर संदेश देती हैं [...]

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झारखंड में आदिवासियों-दलितों को वृद्धावस्था पेंशन अब 50 साल से ही: हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री ने कहा ऐसा इसलिए किया जायेगा क्यूँकि उनमें मृत्यु दर अधिक है और उन्हें 60 साल के बाद नौकरी नहीं मिलती है। The Indian Tribal की रिपोर्ट

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प्रकृति और हिंदू पुराण से असमिया संस्कृति का गहरा जुड़ाव

असम के आदिवासी समुदायों की लोक विरासत पर प्रकृति एवं हिंदू पौराणिक कथाओं का बड़ा गहरा प्रभाव है। यह कहने में कोई आपत्ति नहीं कि यह उत्तर-पूर्वी राज्य लोक परम्पराओं का स्वर्ग है। इस लोक विरासत पर विस्तार से प्रकाश डाल रही हैं प्रोयशी बरुआ

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अब संघ लोक सेवा आयोग प्रतियोगी परीक्षा की निःशुल्क कोचिंग संताली भाषा में

शुभारंभ 27 दिसम्बर को होगा और इच्छुक छात्र छात्राएं डॉ. रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान की वेबसाईट से या दूरभाष से ले सकते हैं जानकारी। The Indian Tribal की रिपोर्ट

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सुरक्षित महावारी के लिए अनूठा मिशन

मासिक धर्म के दौरान ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 26 वर्षीय कोंध युवक अपनी पंचायत में सैनिटरी पैड के उपयोग का महत्व समझाने के मिशन पर निकला है। निरोज रंजन मिश्रा बता रहे हैं उसकी कहानी

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धान के दाने पर जादूगरी दिखाता है ये शिल्पकार

अपने समकालीन कलाकारों के विपरीत नबरंगपुर के इस भोत्रा आदिवासी ने अपने डिजाइनों में अलग छाप छोडऩे एवं कुछ नया करने के लिए अपना कौशल लगातार निखारा। लीक से हटकर कुछ खास करने वाले धान शिल्पकार पर निरोज रंजन मिश्रा की रिपोर्ट

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फिल्मों के जरिए आदिवासी मुद्दों को बहस के केंद्र में ला रहीं कैरी

उगते सूरज की धरती पर तमाम सामाजिक मुद्दों पर विचारोत्तेजक कार्य कर वह अलग छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने राज्य के फिल्म निर्माताओं के समूह- द अरुणाचल फिल्म कलेक्टिव की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रोयशी बरुआ बयां कर रही हैं युवा आदिवासी फिल्म निर्माता कैरी [...]

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जीवन जीने का तरीका बदल रही आदिवासी योगिनी

वह वनस्पतिशास्त्री बनने का सपना देखा करती थी, लेकिन योग से प्यार हो गया। फिर क्या था, ऐसी तल्लीनता से योग को अपनाया कि विश्व रिकॉर्ड धारक बन गई। राष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार अपने नाम किए। इस गोंड लडक़ी के संघर्ष एवं उपलब्धियों का वर्णन कर [...]

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नक्सली गढ़ से पर्यटन हब तक, बदलाव की ओर बस्तर

एक समय था जब छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला नक्सली गढ़ के रूप में कुख्यात था, लेकिन अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी आदिवासी जीवनशैली के लिए अब पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। The Indian Tribal की रिपोर्ट

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In Numbers

705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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