Thursday, November 21, 2024
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झारखंड में सबसे पहले किसने देखे भगवान हनुमान?

देश के इस हिस्से में आदिवासी और गैर-आदिवासी दोनों ही समुदायों के लोगों का मानना है कि भगवान हनुमान का जन्म झारखंड के गुमला जिले के अंजन गांव में हुआ था। भगवान राम के इस कट्टर भक्त से जुड़ी मान्यताओं के पीछे की कहानियां बयां कर रहे हैं [...]

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सरहुल पर हुई भविष्यवाणी, आई खुशखबरी

प्रकृति पर्व की प्रमुख रीतियों में से एक होती है पहान (पुजारी) की मौसम की भविष्यवाणी और इस बार यह खुशियों की सौगात लेकर आई है। पहान की भविष्यवाणी के मुताबिक इस बार अच्छी वर्षा और फसल होगी। खेत-खलिहानों में फसल लहलहाएगी, किसानों के घर अन्न से भरेंगे, [...]

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प्रकृति पर्व सरहुल पर अलग सरना धर्म कोड की माँग बुलंद करेगा आदिवासी समुदाय

सरहुल की शोभायात्रा हर वर्ष कुछ न कुछ सामाजिक संदेश देने के साथ आदिवासियों के हितों से जुड़े मुद्दों को दर्शाती है। झारखंड का आदिवासी समुदाय इस बार इस तीन दिवसीय महोत्सव के जुलूस में सरना धर्म कोड को प्रमुखता से दर्शाने की तैयारी में है। 'सरना धर्म [...]

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हुनरमंद हाथों का कमाल है इनके कपड़े और आभूषण

अरुणाचल प्रदेश जैसे सुरम्य राज्य के जनजातियों के लोग अपने पहनावे को लेकर बहुत सचेत होते हैं। इनके कपड़े बहुत ही सुंदर डिज़ाइन और अनूठी सामग्री से बने होते हैं, जो बरबस ही ध्यान खींचते हैं। कैसे बनते हैं ये और कौन बनाता है इन्हें, बता रही हैं [...]

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बस्तर आदिवासियों की अपनी अलग दिवाली

चूँकि भारत विविधताओं भरा विशाल देश है, ज़ाहिर है यहाँ पर राष्ट्रीय तौर पर मनाये जाने वाले त्योहारों को भी मनाने के तरीके और रीति रिवाज़ भिन्न होंगे। आईये जानते हैं कैसे बस्तर के आदिवासियों का दियारी तिहार सामान्य दिवाली से अलग है

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705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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