Thursday, May 29, 2025
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उपलब्धिकर्ता

देशभर के जनजातीय समाज के नायकों की गौरवशाली कहानियां

द इंडियन ट्राइबल देशभर से जनजातीय समाज के ऐसे नायकों की कहानियां सामने लाता है, जिनके नाम और उनके द्वारा किए गए योगदान की कहीं चर्चा नहीं होती, लेकिन वे प्रचार/पब्लिसिटी से दूर रहकर चुपचाप अपना काम कर रहे हैं एवं एक से बढक़र एक उपलब्धि हासिल करते जा रहे हैं।

जीवन जीने का तरीका बदल रही आदिवासी योगिनी

वह वनस्पतिशास्त्री बनने का सपना देखा करती थी, लेकिन योग से प्यार हो गया। फिर क्या था, ऐसी तल्लीनता से योग को अपनाया कि विश्व रिकॉर्ड धारक बन गई। राष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार अपने नाम किए। इस गोंड लडक़ी के संघर्ष एवं उपलब्धियों का वर्णन कर [...]

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पश्चिमी डांस के शोर में कथक सिखा रहीं आदिवासी नृत्यांगना

ऐसे दौर में जब अधिकांश युवा पश्चिमी डांस की ओर आकर्षित हो रहे हैं, 40 वर्षीय नृत्यांगना भारतीय शास्त्रीय नृत्य-संगीत के लिए आशा की किरण बनकर उभरी हैं। संभवत:कथक की पहली आदिवासी नृत्यांगना से परिचय करा रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

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अपने दम पर फहराया मिज़ो आर्ट का झंडा

किसी भी कलाकार को पारंपरिक कला की शब्दावली और उसके असंख्य रूपों की समझ होना बहुत जरूरी है। ऐसे ही गुणों से संपन्न, पुरस्कार विजेता और मिज़ोरम में आर्ट गैलरी चलाने वाली एकमात्र महिला कलाकार के बारे में बता रही हैं प्रोयशी बरुआ

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आदिवासी कार्टूनिस्ट ने बनाई अपनी विशेष पहचान

एक बढ़ई परिवार से आने वाले इस भूमिजा आदिवासी ने न केवल एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाई बल्कि ओडिशा कार्टूनिस्ट अकादमी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। निरोज रंजन मिश्रा लाए हैं ओडिशा के एकमात्र आदिवासी कार्टूनिस्ट की कहानी

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सैकड़ों अनाथ बच्चों व महिलाओं के लिए बनीं उम्मीद की किरण

महिलाओं और बच्चों के सामाजिक विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली एनके केनी नागालैंड में सैकड़ों अनाथ बच्चों और महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन गई हैं। बता रहीं हैं प्रोयाशी बरुआ

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…और उन्होंने कैनवस पर उम्र को अंगूठा दिखा दिया

सत्तर साल की परिपक्व उम्र में ब्रश थाम कर एक ही दशक में कैनवस पर नई इबारत गढ़ने वाली जोधैयाबाई बैगा को हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 84 साल की बैगा पर The Indian Tribal की विशेष रिपोर्ट

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आदिवासी किसान पुत्री का साहित्यिक जगत में धमाकेदार पदार्पण

झारखण्ड की एक साधारण सी लडक़ी ने अपने पहले ही उपन्यास से साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार २०२२ जीत लिया है। सुधीर कुमार मिश्रा लेकर आए हैं इस ३२ वर्षीया संथाली लेखिका की कहानी

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ग्रामीणों के लिए चट्टान सा सहारा

कैसे झारखण्ड की गायत्री देवी महामारी लॉकडाउन के दौरान खूंटी जिले के ग्रामीणों के लिए एक चट्टान की तरह रही हैं। बता रहे हैं उनकी कहानीसुधीर कुमार मिश्रा

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कैंसर सर्वाइवर अपना फाउंडेशन बनाकर दूर कर रहीं रोगियों का दर्द

प्रोयाशी बरुआ बता रही है कैसे कैंसर सर्वाइवर राल्टे लालरामेंगजामी ने मिज़ोरम में कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

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मजबूरों की मददगार

रांची जिले की सरिता देवी ने साबित कर दिखाया है कि करुणा और दृढ़ इच्छा शक्ति से दूसरों की मुश्किलों में काम आकर जीवन में खुशियों के रंग कैसे भरे जा सकते हैं। बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

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In Numbers

705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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