Tuesday, December 24, 2024
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अहोवी : मेघालय की संस्कृति का दूत गारो बैंड

गारो लोकगीत और संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहा है सात सदस्यों वाला फोक फ्यूजन बैंड। शुरू में प्रायोगिक तौर पर शुरू हुआ यह बैंड आज अपने अनूठे संगीत के माध्यम से नई पहचान गढ़ता जा रहा है। बैंड और इसके सदस्यों की संघर्षपूर्ण यात्रा के बारे में [...]

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मोबाइल रेडियो ने उठाया असुर भाषा को बचाने का बीड़ा

पिछले तीन वर्षों से सबसे प्राचीन और कमजोर जनजातीय समूहों में से एक की लुप्तप्राय असुर भाषा को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने की अनूठी पहल शुरू की है झारखंड के स्वदेशी मोबाइल रेडियो ने। क्या है यह पहल, बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

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आधुनिक खेलों की चमक में गुम हुआ यह दिलचस्प आदिवासी खेल

आदिवासियों का बहुत ही मनोरंजक खेल कटी अब धीरे-धीरे मैदानों से गायब हो रहा है। इसे ओडिशा के मयूरभंज जिले और झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में संथाल आदिवासी जनजातियों के युवा खेलते हैं, लेकिन इस पारंपरिक खेल पर प्रमुख खेल क्लबों और राज्य सरकारों की उपेक्षा भारी पड़ [...]

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देश की नई रग्बी स्टार हैं ये आदिवासी लड़कियां

ओडिशा के आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले में बहुत ही गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाली ये लड़कियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदेश और क्षेत्र-समाज का नाम रोशन कर रही हैं। इन उभरते सितारों और इन्हें गढ़ने वाली शख्सियत से रूबरू करा रहा है The Indian Tribal [...]

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कभी थे लोक नर्तक, अब फ्यूजन बैंड के सितारे

धीरे-धीरे लुप्त हो रही संगीत की विरासत को बचाने-सहेजने के लिए कुछ करने के अहसास ने सिक्किम के दो भाइयों- किंगचुम और नामचुंग को लेप्चा लोक फ्यूजन बैंड बनाने को प्रेरित किया और आज दोनों संगीत के फलक पर सितारों की मानिंद चमक रहे हैं। उनकी प्रेरक कहानी [...]

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सूखे बुंदेलखंड को अपनी विरासत का मोह

मध्य प्रदेश के छतरपुर और दमोह जैसे जिलों में आदिवासी भले पानी की कमी और गरीबी से जूझ रहे हों, लेकिन वे अपने घरों की दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों के आसपास के क्षेत्र को भित्तिचित्रों के माध्यम से सुंदर रूप देना नहीं भूलते। उनकी इसी रचनात्मकता पर पेश [...]

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यहां फसल की रखवाली करते हैं ‘बंदर’ 

बच्चों के लिए इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि उन्हें फसल कटने के बाद खाली हुए खेतों में स्वतंत्र रूप से दौड़ने और खेलने के लिए छोड़ दिया जाए? ओडिशा के गांवों में ऐसे नजारे आम हैं। बच्चे फसल कटाई के बाद खेतों में करते हैं [...]

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छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिला गाइड ने बनाई अलग पहचान

कांगेर वैली में वह पर्यटकों की पसंदीदा गाइड है। हो भी क्यों नहीं? वह यहीं पली-बढ़ी है, इसलिए उसे प्रकृति और प्राकृतिक दृश्यों की बहुत गहरी समझ है। उसके और उसके काम के बारे में विस्तार से बता रहा है The Indian Tribal

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जानवरों की नकल कर छिपी वस्तु खोजो तो जानें

प्रकृति के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का व्यवहार, स्वयं के अलावा अन्य प्राणियों के प्रति सम्मान और बहुत सारा मनोरंजन अरुणाचल प्रदेश के इस जनजातीय खेल की जान है, बता रही है प्रोयशी बरुआ

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ओडिशा में हर तरफ मटिगन की गूंज

कोंध आदिवासी लोग चैत्र मास के दौरान संगीत और नृत्य के साथ अपने भगवान की पूजा करते हैं। क्या युवा, क्या बुजुर्ग सभी इस उत्सव में उत्साह से भाग लेते हैं। खूब दावतों का दौर चलता है। निरोज रंजन मिश्र इस उत्सव पर विस्तार से प्रकाश डाल [...]

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In Numbers

705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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