राँची
आज यह 25 साल का उत्सव जरूर है लेकिन मेरा यह मानना है कि यह 25 साल नहीं, अगले 25 साल – 2050 – में यह झारखण्ड प्रदेश कैसा होगा, उसकी परिकल्पना हम लोग कर रहे हैं। उसकी तैयारी में हम लोग जुटे हैं। 2050 तक राज्य एक मजबूत राज्य बने। हम इस राज्य की आने वाली पीढ़ी के लिए एक ऐसा मार्ग बनाने की तैयारी में हैं जहां गरीबी और शोषण का दंश खत्म होगा।
उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज यहाँ मोरहाबादी में झारखण्ड स्थापना के रजत जयंती और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय समारोह में अपने सम्बोधन में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा, “सिर्फ खनिज संपदाओं से ही हम भरपूर नहीं हैं। प्राकृतिक संसाधन भी हमारे पास प्रचुर मात्रा में है। हमारे पूर्वजों को पहले से ही यह पता था कि सिर्फ जमीन के अंदर ही नहीं, जमीन के ऊपर भी हमें इतनी समृद्धि मिली है जिससे हम देश में अलग पहचान बना सकते हैं। और इसलिए अब हमारी सरकार सिर्फ खनिज संपदाओं के इर्द-गिर्द नहीं बल्कि इससे अलग, जो हमारे इस राज्य के जनमानस की भावना है, और उनके आर्थिक, सामाजिक, बौद्धिक क्षमता की बदौलत, राज्य को दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं। “


आज चाहे शिक्षा के क्षेत्र में हो, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो या अन्य क्षेत्रों में हो – रोज नए आयाम जोड़े जा रहे हैं। हम अपने आने वाली पीढ़ी के लिए ऐसा मार्ग प्रशस्त करने के प्रयास में हैं जो हमारे पूर्वजों ने एक दंश झेला, शोषण का इतिहास झेला, उससे वो बाहर निकल सके। और झारखण्डवासी अपने आप को मजबूत कर पाए कि आने वाले समय में खुद के साथ-साथ इस राज्य को भी ताकत देने का काम करें। आज हमारे बच्चे सिर्फ स्कूल नहीं, खेल के मैदानों पर भी देश दुनिया में परचम लहराते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में कई लोगों से हमने सुना है कि झारखण्ड में बहुत सकारत्मक बदलाव आए हैं। यह सुनकर उत्साह होता है, और तेजी से काम करने का जोश भी आता है।
यहां के खनिज संपदाओं से बड़े-बड़े कारखानों की भट्टियां जली हैं, उन कारखानों से बने उत्पाद से देश दुनिया में आयात-निर्यात बढ़ा है। सिर्फ खनिज ही नहीं बल्कि हमने अपने श्रम बल से देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। और हमें भी उम्मीद है कि अब देश इस राज्य को उतना ही सम्मान दे, उतना ही अधिकार दे-जिसके हम हकदार हैं। हमारे पूर्वजों ने अपने हक-अधिकार की लड़ाई लड़ी। अब हक-अधिकार का स्वरूप बदल चुका है। अब संघीय ढांचे में राज्य चलते हैं। मेरा यह मानना है कि देश विकसित तभी हो सकता है जब विकसित राज्य हो, और राज्य तभी विकसित हो सकता है जब विकसित हमरा गांव और शहर हो।
“हमारे अमर वीरों के सपनों को हमें धरातल पर उतारने का काम करना है। हमारे पूर्वज हमारे लिए सिर्फ प्रतिमा नहीं, हमारे लिए प्रेरणा हैं, हमारी संपदा है, वो हमें पहचान, हमें ताकत देते हैं। हमारे पूर्वजों ने जंगल बचाया, नदी बचाई। जो जंगल सांस लेता है, हमें जीवित रखता है उसे बचाया। नदियां जो हमें आशीर्वाद देती हैं, उन्हें बचाया। झारखण्ड की समृद्ध विरासत को संरक्षित करते हुए इस राज्य को समग्र विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए हम कार्ययोजना बना रहे हैं, जो आप बहुत जल्द देखेंगे,” हेमन्त ने आगे कहा।


“आप देखेंगे राज्य की आधी आबादी को हम राज्य के लगभग आधा प्रतिशत बजट से मजबूत करने पर लगे हुए हैं। और आप देखेंगे कि इस अभियान का प्रभाव इतना बड़ा है कि देश के बुद्धिजीवी आज इसका आंकलन कर रहे हैं। हमारे इन कार्यों को देखकर दूसरे राज्यों में, दूसरी सरकारों द्वारा इन कार्यक्रमों को अपनाया जा रहा है। अब झारखण्ड पीछे नहीं रहेगा। हमारे सामने कुछ व्यवधान जरूर हैं मगर उन सभी को दूर कर हम बहुत जल्द आगे बढ़ेंगे। पूरे राज्य में उत्सव का माहौल है। झारखण्ड का यह रजत पर्व का उत्सव अभी चलता रहेगा। अपनी समृद्ध विरासत को हम देश-विदेश में भी ले जाने का काम करेंगें। क्योंकि हम जानते हैं कि हम सिर्फ आदिवासी नहीं, इस देश के मूलवासी हैं। इस देश के हम प्रथम वारिस हैं।”
अब राज्य को आगे ले जाना का काम, इसे संवारने का हम सभी के कंधों पर है; राज्य की सरकार हो, या नागरिक के तौर पर यहां के किसान, महिला, नौजवान, नौनिहाल आदि हो, सभी के कंधों पर है। हर कोने से हमें राज्य को सजाने और संवारने के लिए, इस राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए योगदान देना होगा।
झारखण्ड राज्य ने पूरे देश को बहुत कुछ दिया, जितना इस प्रदेश ने पूरे देश को दिया है शायद कोई ऐसा प्रदेश होगा जिसने देश के निर्माण में अपनी ऐसी भूमिका निभाई होगी। दुनिया में अगर देश की पहचान बनी है तो कहीं न कहीं हमारे झारखण्ड की बहुत बड़ी भूमिका रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार ने निर्णायक कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री मइंया सम्मान योजना का प्रभाव साफ देखने को मिल रहा है। आज हमारी सरकार शुरू की गई इस योजना को कई अन्य राज्यों द्वारा भी अमल में लाया गया है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़े, इसके लिए सरकार हर मोर्चे पर उन्हें सहयोग कर रही है।
“आज यूं तो हम लोग स्थापना दिवस के अवसर पर यहां इक्कठा हुए हैं। आज इस दिवस पर उत्साह के साथ-साथ मेरे मन में थोड़ा सन्नाटा भी है, क्योंकि आज हमारे बीच, इस राज्य के आदिवासी-मूलवासियों को छांव के रूप में, एक विशाल वृक्ष के रूप में रहे-झारखण्ड राज्य निर्माता आदरणीय दिशाेम गुरुजी शिबू सोरेन नहीं हैं। उनका योगदान हम झारखण्डवासी शायद ही कभी भूल पाएंगे। इस राज्य के निर्माण में बहुत संघर्ष और बलिदान हुआ। वर्ष 2000 में हमें झारखण्ड राज्य जरूर मिला, लेकिन यहां के जल-जंगल-जमीन के लिए हमारी लड़ाई सैकड़ों वर्ष पुरानी रही है। हमारे वीर पुरुखों का संघर्ष था कि आज हम सिर उठाकर गर्व से अपने आप को झारखण्डी कहते हैं,” मुख्यमंत्री ने कहा।

स्थापना दिवस के दूसरे दिन 16 नवंबर को भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पहली बार झारखंड में “जतरा” का आयोजन किया जाएगा. यह यात्रा डोरंडा से शुरू होकर कचहरी चौक होते हुए जेल पार्क में समाप्त होगी. जतरा में लगभग 4000 कलाकार शामिल होंगे, जो राज्य की विविध सांस्कृतिक झलक पेश करेंगे. शाम को मोरहाबादी मैदान में भव्य ड्रोन शो आयोजित किया जाएगा, जिसमें भगवान बिरसा मुंडा की जीवनगाथा और झारखंड की समृद्ध संस्कृति को आकर्षक दृश्यों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही एवी प्रस्तुति भी होगी। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में राज्य के पारम्परिक विधाओं का समावेश करते हुए राज्य के समृद्ध कला संस्कृति प्रदर्शित किया जाएगा जिसका थीम रिदम ऑफ फोक होगा। अलग अलग तरह के फोक नृत्य भी होंगे जैसे संथाली नृत्य , खड़िया नृत्य, नागपुरी नृत्य आदि। इसके साथ ही शास्त्रीय नृत्य कत्थक, भरतनाट्यम, ओडिसी नृत्य भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 8 ,799 करोड़ रुपए की 1087 योजनाओं की सौगात दी। इसमें 4324 करोड़ रुपए की 878 योजनाओं का उद्घाटन तथा 4475 करोड़ रुपए की 209 योजनाओं की नींव रखी।
इन योजनाओं का हुआ शिलान्यास:
● रांची स्मार्ट सिटी क्षेत्र में रीक्रिएशन पार्क, इको पार्क तथा सामुदायिक पार्कका विकास।
● रांची के खादगढ़ा में बिरसा मुंडा बस टर्मिनल का नवीनीकरण एवं उन्नयन।
● कोडरमा जिले में 50 बेड वाले क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक का निर्माण कार्य ।
● गुमला जिले में जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र का निर्माण कार्य।
● शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हजारीबाग में 50 बेड वाले क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक निर्माण कार्य ।
●नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स सिमडेगा में सिंथेटिक फुटबॉल मैदान का निर्माण कार्य।
● हजारीबाग जिले में नए फार्मेसी संस्थान का निर्माण कार्य।
● इको टूरिज्म योजना के तहत तिलक मांझी नेचर पार्क तथा फॉसिल पार्क का निर्माण कार्य।
● लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर और गिरिडीह में बर काउंसिल भवन के निर्माण कार्य।
● रांची के टाटीसिल्वे में ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप का निर्माण कार्य।
इन योजनाओं का हुआ उद्घाटन:
● कोर कैपिटल एरिया, रांची में विधानसभा सदस्यों के लिए निर्मित आवासीय परिसर का उद्घाटन।
● देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन का निर्माण।
● 400 केवी संचरण लाइन तथा 220/132/33 केवी ग्रेट सब स्टेशन, पतरातू का निर्माण ।
● गोड्डा में नए इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण।
● बोकारो में नए प्रोफेशनल कॉलेज का निर्माण।
● कोडरमा के डोमचांच में 50 बेड वाले अस्पताल का निर्माण कार्य।
● धनबाद, पश्चिमी सिंहभूम के बड़ाजामदा, गोड्डा के बोआरीजोर, पाकुड़ के पाकुड़िया और सिमडेगा के ठेठईटांगर में प्रिफेब फील्ड अस्पताल, दुमका में धनवंतरी आयुष अस्पताल और गोड्डा में 50 बीएड वाले क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का निर्माण।
● सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम का निर्माण।
● चतरा के इटखोरी एक मंदिर का संरक्षण एवं विकास कार्य।













