लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा की विरासत राष्ट्रीय एकता तथा सामाजिक सौहार्द को बनाये रखने की प्रेरणा प्रदान करती है। वे धरती माता को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करने हेतु किये जाने वाले संघर्ष के प्रतीक हैं। जनजातीय समुदाय के लोगों ने सदैव समाज के अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर भारत की विरासत व धरोहर को संरक्षित करने का कार्य किया है। डबल इंजन सरकार जनजातीय गौरव की पुनर्स्थापना करते हुए जनजातीय समाज के कल्याण के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। जनजातीय समाज व उनकी विरासत के संरक्षण हेतु उन्हें प्रत्येक प्रकार का सहयोग व समर्थन प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धान्जलि दी। इसके पूर्व, उन्होंने जनजातीय समुदाय के उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में जनजातीय समुदाय को अपनी परम्परा, संस्कृति और विरासत पर गौरव की अनुभूति कराने, समाज व राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ कर सम्मान के साथ आगे बढ़ने का बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देश में 01 नवम्बर से 15 नवम्बर, 2025 तक जनजातीय गौरव पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुण्डा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के उद्देश्य से यहां जनजाति भागीदारी उत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस उत्सव में देश के 22 राज्यों से आए जनजातीय समुदाय के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक समागम एवं यात्रा के अन्तर्गत जनजातीय संस्कृति एवं परम्पराओं का प्रदर्शन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा द्वारा भारत की स्वाधीनता के लिए चलाये गये अभियान के कारण तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया था। देश की स्वतन्त्रता के प्रति समर्पित भगवान बिरसा मुण्डा ने मात्र 25 वर्ष की उम्र में रांची जेल में अन्तिम सांस ली। उन्होंने जनजातीय समुदाय को ‘अपना देश अपना राज’ का नारा दिया था, अर्थात् यदि देश हमारा है, तो राज भी हमारा होना चाहिए। भारत में विदेशी हुकूमत का राज नहीं होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि जनजाति भागीदारी उत्सव में कलाकार सहभागिता की दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश पार्टनर स्टेट है। गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, सिक्किम, उड़ीसा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, केरल, हिमाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, झारखण्ड, पंजाब राज्यों के कलाकार भी इस उत्सव में सहभागी बन रहे हैं। कार्यक्रम में हस्तशिल्प, कला प्रदर्शनी, व्यंजन मेले का आयोजन किया गया है। व्यंजन मेले के अन्तर्गत ‘जेवनार और देसी स्वाद’ नाम से स्टॉल लगाए गये हैं। ‘धरती आबा’ के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करने के लिए जनजाति साहित्य को समर्पित साहित्यिक व विकास मंच उपलब्ध कराया जा रहा है।
योगी ने कहा कि यह वर्ष हमारे लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह भारत के शिल्पी लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल तथा ‘धरती आबा‘ भगवान बिरसा मुण्डा की जयन्ती के 150 वर्ष पूर्ण होने का वर्ष है। 31 अक्टूबर, 1875 को लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल तथा 15 नवम्बर, 1875 को भगवान बिरसा मुण्डा का जन्म हुआ। यह भारत की जनचेतना को जाग्रत कर स्वाधीनता आन्दोलन को नया मन्त्र देने वाले राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ के 150वें वर्ष तथा बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर द्वारा रचित संविधान के अमृत वर्ष में प्रवेश करने का वर्ष भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुल आबादी की तुलना में जनजातीय समुदाय की आबादी कम है। पहले प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए निकाली गयी भर्तियों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें नहीं भर पाती थीं। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी पदों को भरने का काम किया जा रहा है। अभी हाल ही में 60,244 पदों के लिए निकली पुलिस भर्ती में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी सीटों पर इसी श्रेणी के युवा चयनित हुए हैं। यह चीजें दिखाती हैं कि उनकी शिक्षा का स्तर तथा शासन की योजनाओं में उनकी भागीदारी बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की सभी जनजातियों को शासन की सभी प्रकार की योजनाओं से पूरी तरह आच्छादित करने के लिए मिशन मोड पर कार्य कर रही है। इनमें थारू, मुसहर चेरो, बुक्सा, सहरिया, कोल तथा गोंड आदि जनजातियां सम्मिलित हैं। उन्हें विकास की योजनाओं से जोड़ने के साथ-साथ बेहतर कनेक्टिविटी, बिजली, पेयजल, पेंशन, राशन कार्ड, स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत की स्कीम आदि सुविधाओं से भी आच्छादित किया जा रहा है।
योगी ने कहा कि पी0एम0 जनमन योजना (प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान) के माध्यम से जनजातीय समुदाय के लिए अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं। बुक्सा जनजाति के समस्त 815 परिवार पी0एम0 जनमन के अन्तर्गत आच्छादित किए गए हैं। बुक्सा जनजाति के 145 पी0एम0 आवास, समस्त घरों का विद्युतीकरण, 07 गाँवों में स्वच्छ जलापूर्ति, 02 मोबाइल मेडिकल यूनिट, 01 आंगनवाड़ी सेण्टर, 05 बसाहटों में मोबाइल टावर, 05 मल्टीपरपज सेण्टर एवं 05 वनधन केन्द्र स्वीकृत किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ’धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अन्तर्गत कुल 26 जनपदों के 47 ब्लॉक व 517 ग्रामों को चिन्हित किया गया है। इसमें जनपद सोनभद्र के 176, बलिया के 61, ललितपुर के 36, देवरिया, लखीमपुर खीरी तथा कुशीनगर के 34-34, गाजीपुर के 26, मिर्जापुर के 20, गोरखपुर के 18, चन्दौली के 17, बलरामपुर के 16, पीलीभीत, प्रयागराज एवं सिद्धार्थनगर के 07-07, बिजनौर के 05, बहराइच और बस्ती के 03-03, बाराबंकी, भदोही, महराजगंज एवं श्रावस्ती के 02-02 तथा अम्बेडकरनगर, जौनपुर, महोबा, संतकबीरनगर, सीतापुर के 01-01 गाँव सम्मिलित हैं। इस अभियान के क्रियान्वयन हेतु जनजाति विकास विभाग सहित 17 अन्य विभाग अपनी चिन्ह्ति योजनाओं से ग्रामों को संतृप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वदशम् तथा दशमोत्तर कक्षाओं में पढ़ने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं हेतु छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना संचालित है। विगत 05 वर्ष में 1,50,000 से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया गया। जनजातीय छात्र-छात्राओं हेतु 09 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय-जनपद लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, बहराइच, महराजगंज, श्रावस्ती एवं बिजनौर में संचालित हैं। इन विद्यालयों में शिक्षण सत्र 2025-26 में कुल 2,026 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जनजातीय छात्रों को निःशुल्क आवासीय सुविधा प्रदान किए जाने हेतु 02 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। लखीमपुर खीरी एवं चन्दौली में दो-दो तथा मिर्जापुर, बलिया, गोरखपुर, सोनभद्र में एक-एक सहित कुल 08 छात्रावास निर्माणाधीन हैं।

उन्होंने बताया कि जनजातीय छात्रों हेतु जनपद लखीमपुर खीरी, बहराइच तथा सोनभद्र में सहशिक्षा एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित है। जनपद ललितपुर में 01 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन है। अनुसूचित जनजाति की कक्षा 6, 9 व 11 की छात्राएं, जो आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत नहीं हैं, को यूनिफॉर्म एवं साइकिल योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम, 2006 उत्तर प्रदेश के 13 जनपदों (चित्रकूट, सोनभद्र, बहराइच, बलरामपुर, मिर्जापुर, ललितपुर, चन्दौली, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, महराजगंज, गोण्डा, बिजनौर व सहारनपुर) में लागू है। इसके अन्तर्गत अब तक 23,430 दावे स्वीकृत करते हुए अनुसूचित जनजाति एवं वन में निवास करने वाले परम्परागत वन निवासियों को भू-अधिकार पत्र दिए गए हैं। वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत स्वीकृत दावों को राजस्व अभिलेखों में भी दर्ज किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विभिन्न जनजातीय समुदाय के कलाकारों ने लोकनृत्य प्रस्तुत किये। कार्यक्रम को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह तथा समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने भी सम्बोधित किया।












