• About
  • Contact
  • Sitemap
  • Gallery
No Result
View All Result
Vacancies
Sunday, July 13, 2025
The Indian Tribal
  • Home
  • Achievers
    • उपलब्धिकर्ता
  • Cuisine
    • खान पान
  • Health
    • स्वास्थ्य
  • Legal
    • कानूनी
  • Music
    • संगीत
  • News
    • Updates
    • खबरें
  • Sports
    • खेलकूद
  • Variety
    • विविध
  • हिंदी
    • All
    • आदिवासी
    • उपलब्धिकर्ता
    • कला और संस्कृति
    • कानूनी
    • खबरें
    • खान पान
    • खेलकूद
    • जनजाति
    • भारत
    • विविध
    • संगीत
    • संस्कृति
    • स्वास्थ्य
    The Indian Tribal

    वन्य जीवों का संरक्षण और बच्चों की शिक्षा साथ-साथ

    The Indian Tribal

    ग्रीष्म ऋतु, आदिवासी और महुआ की कहानी

    The Indian Tribal

    झारखण्ड की एक और युवा आदिवासी लेखिका ने साहित्य जगत में लहराया परचम

    The Indian Tribal

    आयोग लाएगा आदिवासी ज़मीन की खरीद-बिक्री पर थाना क्षेत्र की बाध्यता पर स्पष्टता

    झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सोमवार को 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया।

    झारखंड में बनेगा जनजातीय विश्वविद्यालय 

    The Indian Tribal

    सौर ऊर्जा ने भगाया अंधेरा, झिलमिला उठे आदिवासियों के भविष्य के सपने

    The Indian Tribal

    जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव को चित्रों में उकेरने की अनूठी पहल

    The Indian Tribal

    झारखण्ड के महान विभूतियों की संघर्ष गाथा हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

  • Gallery
    • Videos
  • Latest News
The Indian Tribal
  • Home
  • Achievers
    • उपलब्धिकर्ता
  • Cuisine
    • खान पान
  • Health
    • स्वास्थ्य
  • Legal
    • कानूनी
  • Music
    • संगीत
  • News
    • Updates
    • खबरें
  • Sports
    • खेलकूद
  • Variety
    • विविध
  • हिंदी
    • All
    • आदिवासी
    • उपलब्धिकर्ता
    • कला और संस्कृति
    • कानूनी
    • खबरें
    • खान पान
    • खेलकूद
    • जनजाति
    • भारत
    • विविध
    • संगीत
    • संस्कृति
    • स्वास्थ्य
    The Indian Tribal

    वन्य जीवों का संरक्षण और बच्चों की शिक्षा साथ-साथ

    The Indian Tribal

    ग्रीष्म ऋतु, आदिवासी और महुआ की कहानी

    The Indian Tribal

    झारखण्ड की एक और युवा आदिवासी लेखिका ने साहित्य जगत में लहराया परचम

    The Indian Tribal

    आयोग लाएगा आदिवासी ज़मीन की खरीद-बिक्री पर थाना क्षेत्र की बाध्यता पर स्पष्टता

    झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सोमवार को 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया।

    झारखंड में बनेगा जनजातीय विश्वविद्यालय 

    The Indian Tribal

    सौर ऊर्जा ने भगाया अंधेरा, झिलमिला उठे आदिवासियों के भविष्य के सपने

    The Indian Tribal

    जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव को चित्रों में उकेरने की अनूठी पहल

    The Indian Tribal

    झारखण्ड के महान विभूतियों की संघर्ष गाथा हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

  • Gallery
    • Videos
  • Latest News
No Result
View All Result
The Indian Tribal
No Result
View All Result
  • Home
  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Legal
  • Music
  • News
  • Sports
  • Variety
  • हिंदी
  • Gallery
  • Latest News
Vacancies
Home » द इंडियन ट्राइबल / हिंदी » द इंडियन ट्राइबल / उप्लाब्धिकर्ता » डॉक्टर नहीं बने तो क्या, समुद्री वैज्ञानिक बन की नई-नई खोज

डॉक्टर नहीं बने तो क्या, समुद्री वैज्ञानिक बन की नई-नई खोज

गरीबी ने इस संथाली आदिवासी को सर्जन तो नहीं बनने दिया, परंतु वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने समुद्री जीवन में कई खोज कर ख्याति हासिल की। विस्तार से बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र

April 6, 2024
Dr Tudu Undertaking Sampling Work At Coringa Wildlife Sanctuary, Kakinada, Andhra Pradesh

करिंगा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, काकीनाड़ा, में सैंपलिंग करते डॉ टुडू

भुवनेश्वर

छोटे से किसान के बेटे ने कभी ख्याल भी नहीं किया होगा कि वह एक दिन वैज्ञानिक बन सकते हैं। उन्होंने तो अपनी मेहनत से डॉक्टर वह भी डेंटल सर्जन बनने का ख्वाब देखा था। आज वह वैज्ञानिक के तौर पर नई-नई खोज कर रहे हैं। आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले के कुदुंबा गांव में जन्मे 40 वर्षीय डॉ. प्रसाद चंद्र टुडू की कहानी कुछ ऐसी ही है। उनका पालन-पोषण अपने नाना के गांव जनमघुटु में हुआ।

वर्ष 2001 में मयूरभंज के सालबनी में जवाहर नवोदय विद्यालय (अब पीएम श्री नवोदय विद्यालय के रूप में नामित) से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने सोचा था कि वह डेंटल सर्जन बनेंगे। बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) में दाखिले के लिए उन्होंने 2003 में जरूरी परीक्षा भी पास कर ली।

डॉ. प्रसाद चंद्र टुडू ने The Indian Tribal को बताया, ‘मैंने आगे की पढ़ाई रोक कर दो साल तक मेडिकल में प्रवेश के लिए जरूरी परीक्षा की तैयारी की। मुझे इसका शानदार नतीजा मिला और परीक्षा पास कर ली, लेकिन पैसे की कमी के कारण मैं मेडिकल में दाखिला नहीं ले सका, क्योंकि फीस समेत इसका खर्च 12000 रुपये से 15000 रुपये था, जो मेरे किसान पिता के लिए वहन करना संभव नहीं था।

मैंने शिक्षा ऋण लेने की भी कोशिश की, लेकिन उसके लिए बैंक ने गारंटर के रूप में एक सेवाधारक व्यक्ति लाने के लिए कहा। मेरे जान-पहचान में कोई ऐसा व्यक्ति भी नहीं था। रेलवे में कर्मचारी रहे मेरे नाना गारंटर हो सकते थे, लेकिन 2001 में ही उनका निधन हो गया था। आखिरकार मैं हार मान गया और सर्जन बनने का विचार त्यागना पड़ा।’

Scientist Dr Prasad Chandra Tudu At Work In Union Territory Diu
डॉ टुडू केंद्र-शाषित दिउ में अपने खोज के दौरान

डेंटल सर्जन बनने का ख्वाब टूटने के बाद भी डॉ. प्रसाद शांत नहीं बैठे। उन्होंने जनमघुटु से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित रायरंगपुर कॉलेज, रायरंगपुर में बीएससी (जूलॉजी) में दाखिला ले लिया। उन्हें अपने कॉलेज प्रतिदिन 12 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाना पड़ता था।

आदिवासी वैज्ञानिक अपने संघर्षों के बारे में बताते हैं, ‘मेरे पिता के पास लगभग दो एकड़ जमीन थी, जिसमें वर्षा आधारित फसलें ही उगाई जा सकती थीं। इसलिए पिता उसमें धान उगाते थे। खूब पसीना बहाकर वह सालभर में लगभग 20,000 रुपये कमा पाते थे और किसी तरह अपने पांच लोगों के परिवार का भरण-पोषण करते थे। हालांकि उन्होंने कभी भी मेरी पढ़ाई के खर्च में तंगी नहीं की। उस समय अनुसूचित जनजाति के छात्र को सरकार की ओर से लगभग 15,000 रुपये का वार्षिक वजीफा मिलता था। किसी गरीब किसान के बेटे के लिए यह बहुत बड़ा सहारा था। नवोदय विद्यालय में पढ़ाई के दौरान मुझे कोई समस्या नहीं थी, क्योंकि वहां मैं छात्रावास में रहता था और यहां छात्रों को किसी भी चीज के लिए पैसा नहीं देना पड़ता था। सब कुछ सरकार की ओर से उपलब्ध होता था।’

उन्होंने खुद को पूरी तरह अपनी पढ़ाई में झोंक दिया। उन्होंने 2009 में बेरहामपुर (गंजम जिले का मुख्यालय) विश्वविद्यालय से जूलॉजी में एमएससी पास की। उसी वर्ष वह पश्चिम बंगाल के दीघा में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के एक विंग, मरीन एक्वेरियम एंड रीजनल सेंटर (एमएआरसी) में वरिष्ठ जूलॉजिकल सहायक के रूप में भर्ती हो गए। एमएआरसी में नौकरी के दौरान उन्होंने 2019 में पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के तहत भारत के उत्तरी पूर्वी तट के इंटरटाइडल मैक्रो-बेंटिक अकशेरुकी जीवों पर शोध के साथ अपनी पीएचडी पूरी की।

सीधी भर्ती के माध्यम से 2017 में एमएआरसी में वैज्ञानिक के तौर पर अपनी सेवा शुरू करने के बाद डॉ. प्रसाद ने शोध पर ध्यान केंद्रित कर दिया, जिसमें समुद्री जीवों का सर्वेक्षण, अन्वेषण, पहचान और दस्तावेजीकरण शामिल था। इस दौरान उन्होंने न केवल विभिन्न विज्ञान पत्रिकाओं के लिए लिखना शुरू किया, बल्कि सम्मेलन पत्र भी प्रस्तुत किए। इसके लिए उन्हें अपने साथी वैज्ञानिकों, विद्वानों और अपने सहयोगियों से खूब प्रशंसा मिली। अब तक वह नौ पुस्तकें, 49 जर्नल पेपर और चार कांफ्रेंस पेपर लिख चुके हैं।

गंजम जिले के गोपालपुर में एस्टुरीन बायोलॉजिकल रिसर्च सेंटर (जेडएसआई की एक शाखा) के वैज्ञानिक डॉ. अनिल महापात्र के साथ मिलकर डॉ. प्रसाद ने ‘गाइड ऑन सम मरीन एक्वेरियम फोना’ लिखी, जिसे समुद्री वैज्ञानिकों के बीच बहुत अधिक सराहा गया।

Dr Tudu With Fellow ZSI Researcher Examining Wood Boring Animals Off Subarnarekha River Mouth
डॉ टुडू अपने एक साथी वैज्ञानिक के साथ

डॉ. अनिल कहते हैं, ‘मैंने डॉ. प्रसाद के साथ सात साल तक काम किया है। हम दोनों ने पांच से अधिक परियोजनाओं पर एक साथ काम किया और विभिन्न बैठकों और सम्मेलनों में लगभग 35 पेपर प्रस्तुत किए। डॉ. प्रसाद काफी मिलनसार व्यक्ति हैं। एक शोधकर्ता के रूप में वह तब तक नहीं रुकते या थकते जब तक किसी निष्कर्ष पर न पहुंच जाएं। वैज्ञानिक के रूप में वह हमेशा जिज्ञासु रहे हैं।’

इस आदिवासी वैज्ञानिक को अपनी इस शोध यात्रा के दौरान खूब प्रसिद्धि और पुरस्कार मिले। अब तक उन्होंने और उनकी टीम ने छह मोलस्का की खोज की है, जिनमें से मेलानोक्लामिस द्रौपदी का नाम भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पर रखा गया है। अन्य पांच मोलस्का हैं- मेलानोक्लामिस बेंगालेंसिस, फ्लिफुसस मैनुएलै, अनादरा कॉन्सोशिएट, अनादरा ट्रोशेली और फुल्विया निएनकेआ।

इसी प्रकार उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर मछली की पांच नई प्रजातियों की भी खोज की है। इनके नाम जिम्नोथोरैक्स विसाखाएंसिस, एनचेली प्रोपिनक्वा, चेलोनोडोंटॉप्स बेंगालेंसिस, नियोमेरिन्थे रोटुंडा और पैरास्कॉर्पेना मैकडाम्सी हैं।

सोलह वर्ष के धैर्य, लगन, परिश्रम और समर्पण ने डॉ. प्रसाद को एक कामयाब वैज्ञानिक बनाया है। वह कहते हैं, ‘हमारी टीम ने मोलस्का और मछली की जिन प्रजातियों की खोज की है, वे सूक्ष्म जीवों और छोटी मछलियों को भोजन खिलाती हैं। इससे जलीय पारिस्थितिकी संतुलन बना रहता है।’

अब प्रमुख अन्वेषक के रूप में डॉ. प्रसाद अप्रैल 2021 में शुरू हुए विंडोपेन ऑयस्टर प्लाकुने प्लेसेंटा के स्थिति सर्वेक्षण में व्यस्त हैं। सह-शोधकर्ता के रूप में अपनी टीम के साथ मिलकर उन्होंने नौ प्रमुख शोध  कार्य किए हैं, जिनमें दीघा शंकरपुर लैंडिंग सेंटर में बाय-कैच जीव-जंतुओं की लैंडिंग पर आकलन शामिल है। यह शोध मार्च, 2023 में पूरा हुआ है। इसके अलावा उन्होंने तटीय नमभूमि की जैव विविधता पर शोध किया, जो मार्च, 2022 में पूरा हुआ था। सफर जारी है।

Root Woot | Online Puja Samagri Root Woot | Online Puja Samagri Root Woot | Online Puja Samagri

In Numbers

49.4 %
Female Literacy rate of Scheduled Tribes

Web Stories

Bastar’s Famed Tuma Craft On Verge Of Extinction
Bastar’s Famed Tuma Craft On Verge Of Extinction
By The Indian Tribal
7 Tribal-linked Odisha Products Get GI Tag
7 Tribal-linked Odisha Products Get GI Tag
By The Indian Tribal
Traditional Attire Of Pawara Tribeswomen Losing Its Charm
Traditional Attire Of Pawara Tribeswomen Losing Its Charm
By The Indian Tribal
Tuma Art Going Extinct
Tuma Art Going Extinct
By The Indian Tribal

Update

Tribal Couple Yoked To Plough, Made To Till Land

The Rayagada district administration in Odisha has ordered a probe into the incident of a tribal couple having been forcibly yoked to a plough on their shoulders and made to till land like oxen as a measure of purification for marrying within the family. The incident took place in Kanjamajodi village under Shikarpai panchayat in Kalyansinghpur block on Wednesday but videos surfaced only on Friday, drawing widespread outrage. The couple was punished before being forced to leave the village. The couple, Kadia Saraka and Laku Saraka, are from the same community and are blood relatives. Both work as labourers.
The Indian Tribal
आदिवासी

ग्रीष्म ऋतु, आदिवासी और महुआ की कहानी

by The Indian Tribal
June 23, 2025

रसीले फूलों से लेकर उनके सूखने और फिर बोतलों में बंद होने तक स्वाद से भरपूर महुआ शराब की कहानी कुछ अलग ही है। गर्मी के इस मौसम में आदिवासी संस्कृति के अभिन्न अंग इस शानदार पेय के बारे में The Indian Tribal की विस्तृत रिपोर्ट

The Indian Tribal

झारखण्ड की एक और युवा आदिवासी लेखिका ने साहित्य जगत में लहराया परचम

June 18, 2025
The Indian Tribal

Baiga Tribals Make A Style Statement Through Nature-Derived Jewellery

June 17, 2025
The Indian Tribal

Bhunjia Tribals Do The Unthinkable: Produce Pomegranates On Wasteland

May 30, 2025
The Indian Tribal

SHGs Make PVTG Kamar Women Self-Dependent

May 24, 2025
The Indian Tribal

आयोग लाएगा आदिवासी ज़मीन की खरीद-बिक्री पर थाना क्षेत्र की बाध्यता पर स्पष्टता

May 21, 2025
Previous Post

ज़िंदगी के उतार चढ़ाव से जूझते आदिवासी चित्रकार ने उकेर डाली अपनी अलग कहानी

Next Post

Tribals Change Tack On Sarna Code, Decide Against Boycotting Lok Sabha Polls

Top Stories

The Indian Tribal
आदिवासी

वन्य जीवों का संरक्षण और बच्चों की शिक्षा साथ-साथ

July 4, 2025
The Indian Tribal
Jharkhand

From Despair To Confidence: Tale Of Two Physically-Challenged Tribals

July 1, 2025
The Indian Tribal
Jharkhand

Know All About Hul Diwas, India’s ‘First Tribal Uprising’ Against British, Zamindars

June 29, 2025
Load More
  • About Us
  • Contact
  • Team
  • Redressal
  • Copyright Policy
  • Privacy Policy And Terms Of Use
  • Disclaimer
  • Sitemap

  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Hindi Featured
  • India
  • News
  • Legal
  • Music
  • Sports
  • Trending
  • Chhattisgarh
  • Delhi
  • Gujarat
  • Jammu & Kashmir
  • Jharkhand
  • Kerala
  • Madhya Pradesh
  • Maharashtra
  • North East
  • Arunachal Pradesh
  • Assam
  • Manipur
  • Meghalaya
  • Mizoram
  • Nagaland
  • Sikkim
  • Tripura
  • Odisha
  • Telangana
  • West Bengal
  • Political News
  • Variety
  • Art & Culture
  • Entertainment
  • Adivasi
  • Tribal News
  • Scheduled Tribes
  • हिंदी
  • उपलब्धिकर्ता
  • कानूनी
  • खान पान
  • खेलकूद
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • संगीत
  • विविध
  • कला और संस्कृति
  • खबरें
  • असम की ताज़ा ख़बरें
  • अरुणाचल प्रदेश की ताज़ा ख़बरें
  • ओडिशा की ताज़ा ख़बरें
  • केरल की ताज़ा ख़बरें
  • गुजरात की ताज़ा ख़बरें
  • छत्तीसगढ़
  • जम्मू और कश्मीर की ताज़ा ख़बरें
  • झारखंड न्यूज़
  • तेलंगाना की ताज़ा ख़बरें
  • दिल्ली
  • नॉर्थईस्ट की ताज़ा ख़बरें
  • पश्चिम बंगाल की ताज़ा ख़बरें
  • मध्य प्रदेश की ताज़ा ख़बरें
  • महाराष्ट्र की ताज़ा ख़बरें
  • त्रिपुरा की ताज़ा ख़बरें
  • नागालैंड की ताज़ा ख़बरें
  • मणिपुर की ताज़ा ख़बरें
  • मिजोरम की ताज़ा ख़बरें
  • मेघालय की ताज़ा ख़बरें
  • सिक्किम की ताज़ा ख़बरें
  • राजस्थान की ताज़ा ख़बरें

About Us

The Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.

Follow Us

All Rights Reserved

© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.

No Result
View All Result
  • Home
  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Health
  • Legal
  • Music
  • News
  • Sports
  • Variety
  • हिंदी
    • उपलब्धिकर्ता
    • खान पान
    • कानूनी
    • खेलकूद
    • खेलकूद
    • संगीत
    • संगीत
    • स्वास्थ्य
    • स्वास्थ्य
    • विविध
  • Gallery
  • Videos

© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.

Bastar’s Famed Tuma Craft On Verge Of Extinction 7 Tribal-linked Odisha Products Get GI Tag Traditional Attire Of Pawara Tribeswomen Losing Its Charm Tuma Art Going Extinct