मणिपुर का एरोम्बा
मणिपुर का सबसे प्रसिद्ध आदिवासी व्यंजन है एरोम्बा। यह खास तौर से मैतेई समुदाय का विशिष्ट व्यंजन है। स्वाद में शानदार एरोम्बा उबली हुई सब्जियों और मसले हुए आलू का स्टू होता है। कई मसाले डालकर बनाए जाने वाला यह व्यंजन आलू-सब्जी के साथ शाकाहारी और सूखी मछली के साथ मांसाहारी यानी दोनों तरह से तैयार किया जा सकता है।
त्रिपुरा का मुई बोरोक
त्रिपुरा का पारंपरिक प्रसिद्ध व्यंजन मुई बोरोक है, जो यहां बड़े चाव से खाया जाता है। विशेषतौर पर यह सूखी बेरमा मछली की मसालेदार डिश है, जिसे बिना तेल के पकाया जाता है। यह बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक आदिवासी व्यंजन माना जाता है। एक और स्वादिष्ट व्यंजन है मोसडेंग, जो वहान (सूअर का मांस) और ताहान (चिकन) से बनाया जा सकता है। मोसडेंग को एक प्रकार का सलाद या भरता कह सकते हैं। वहीं गुडोक भी राज्य के आदिवासी समुदायों में बहुत प्रचलित व्यंजन है।
अरुणाचल प्रदेश का पिका पिला
राज्य के ऊपरी इलाकों में जहां बर्फ से ढकी पहाडिय़ां हैं, वहां के खान-पान में तिब्बती प्रभाव अधिक दिखता है। यहां की अपातानी जनजाति का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन पिका पिला है। इसे एक तरह का अचार कह सकते हैं। इसे बांस के अंकुर, सूअर की चर्बी और दुनिया में सबसे तीखी मानी जाने वाली किंग चिली (मिर्च), से तैयार किया जाता है।
मणिपुर की चक हाओ खीर
मणिपुर की पसंदीदा मिठाइयों में शामिल है चक हाओ खीर। यह काले चावल से बनाई जाती है। वैसे तो घरों में सफेद या ब्राउन चावल की खीर बनाई जाती है लेकिन नॉर्थ ईस्ट स्टेट मणिपुर और अन्य कुछ जगहों पर ब्लैक राइस की खीर तैयार की जाती है.
काले चावल को प्रतिबंधित चावल के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन चीन में इसे केवल अभिजात वर्ग ही खाता था। मणिपुर सुगंधित काले चावल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। यह चावल बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक और कैलोरी कम होती है।