रांची
झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने शुक्रवार को अपने बजट में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कुछ घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि मानकी मुंडा शासन व्यवस्था के तहत मानकी, मुंडा, डकुआ आदि की न्यायिक प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य भूमिकाओं के महत्व को देखते हुए उन्हें वर्ष 2023-24 में दुपहिया वाहन सुलभ कराने का प्रस्ताव है।
क्या है मानकी मुंडा शासन व्यवस्था ?
यह शासन व्यवस्था कोल्हान के मुंडा, हो और भूमिज जनजातियों की पारंपरिक शासन व्यवस्था थी। कोल विद्रोह के बाद इसमें अंग्रेज़ो ने कुछ परिवर्तन कर मान्यता दे दी जो विल्किंसन रूल के नाम से जाना गया और जो चलकर मानकी मुंडा शासन के नाम पे प्रसिद्ध हुआ।
मुंडा:- मुंडा गांव का प्रधान होता है और इसे प्रशासन का अधिकार है। परती भूमि का भी वह बंदोबस्ती कर सकता है।
डकुआ:- डकुआ मुंडा का सहायक होता है। डकुआ के द्वारा ही मुंडा गांव वालों को बैठक की सूचना देता है।उसकी भूमिका एक सन्देश वाहक (डाकिया) की होती है।
मानकी:- 15-20 गांव के मुंडाओं के ऊपर एक मानकी होता है। वह पंचायतों का प्रमुख होता है। यह मुंडाओं से लगान वह सुनता था।मुंडाओं के द्वारा विवादों को नहीं सुलझा पाने की स्थिति में विवाद को मानकी के पास भेजा जाता था।
तहसीलदार:- यह मानकी का सहायक होता था, तहसीलदार के माध्यम से ही मुंडाओं सेे मालगुजारी के मामले वह सुनता था।
डॉ. उरांव ने आगे कहा कि वर्ष २०२३-24 में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का विस्तारीकरण करते हुए 200000 (दो लाख) युवाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने ऐलान किया कि सभी छात्रावासों में छात्र छात्राओं को निशुल्क भोजन और छात्रावास में रसोईया सहित अन्य कर्मी उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2023 24 में पठन-पाठन का कार्य सुचारु रुप से चलें इस हेतु छात्रावासों में मॉडल लाइब्रेरी की स्थापना का भी प्रस्ताव है।
झारखण्ड सरकार जनजाति संस्कृति एवं उनकी समृद्धि विरासत के संरक्षण हेतु जनजातीय संस्कृति एवं कला केंद्रों में उनके पारंपरिक वाद्य यंत्रों की आपूर्ति करेगी। बजट में इसका प्रस्ताव किया गया है।
वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के लिए 3 हजार 11 करोड़ 65 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है।
प्रदेश में होगी मिलेट मिशन की शुरुआत
कृषि में जैविक खेती की ओर अग्रसर होने की दिशा में मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के मद्देनजर मिलेट मिशन प्रारंभ किया जाएगा। मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन की शुरुआत होगी। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रविधान है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर २०२३ को अंतराष्ट्रीय मिलेट ईयर घोषित किया है।
अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद, देवघर, बोकारो, चाईबासा में बहुमंजिला छात्रावास का भी निर्माण होगा जबकि जंगलों के बीच बसे गांव पक्की सड़क से जुड़ेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट दलितों, गरीबों और आम वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। बजट में युवाओं को रोजगार के अलावा किसानों और महिलाओं के लिए भी कुछ घोषणाएं की गई है । बजट में ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर विशेष जोर दिया गया है। विपक्ष ने बजट का बहिष्कार किया।