इंडियन ट्राइबल न्यूज़ सर्विस
नयी दिल्ली
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज कहा कि प्रधानमंत्री के विजन को ध्यान में रखते हुए जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एक लक्ष्य निर्धारित किया है, ताकि जनजातीय गांवों का सीधा विकास हो ।
देश के जनजातीय गांवों की दशा सुधारने के लिए बड़े स्तर पर रोड मैप तैयार किया गया है। सरकार हर वर्ष ऐसे 7500 गांवों का कायाकल्प करेगी जहाँ आदिवासी जनसँख्या ५० प्रतिशत से ज़्यादा है।
शुक्रवार को मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने मंत्रालय के वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक के कार्य योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि नये उत्साह और नये लक्ष्य के साथ 36,428 जनजाति बहुल गांवों को एकीकृत विकास के लिए चिह्नित किया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पोषण और रोजगार को ध्यान में रखकर आगामी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा।
मंत्री ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अगस्त 2022 तक 75 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) राष्ट्र को समर्पित किए जाएंगे।
बजट पर चर्चा करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में मंत्रालय के बजट में लगातार वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय जनजातीय कल्याण कार्यक्रम के तहत 3,344 करोड़ रुपये के कुल वित परिव्यय के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय की 14 योजनाओं, 28,920 करोड़ रुपये के कुल वित परिव्यय की मंजूरी दी गई है।
साथ ही ईएमआरएस और 26,135 करोड़ रुपये कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री वन बंधु कल्याण योजना को 31 मार्च 2026 तक ज़ारी रखने के लिए मंजूरी दी गई है।
मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में हमारा संकल्प है कि जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जुड़कर विकासात्मक लक्ष्य प्राप्त करे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मंत्र को अपनाकर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास को मूल मानकर हमलोग जनजातीय समाज के विकास की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
पीएम आदर्श आदी ग्राम योजना हमारी एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें हम ट्राईफेड के माध्यम से सीधे जनजातीय गांवों में विकास का लक्ष्य पूरा करेंगे।