Thursday, October 31, 2024
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देशभर के जनजातीय समाज के नायकों की गौरवशाली कहानियां

द इंडियन ट्राइबल देशभर से जनजातीय समाज के ऐसे नायकों की कहानियां सामने लाता है, जिनके नाम और उनके द्वारा किए गए योगदान की कहीं चर्चा नहीं होती, लेकिन वे प्रचार/पब्लिसिटी से दूर रहकर चुपचाप अपना काम कर रहे हैं एवं एक से बढक़र एक उपलब्धि हासिल करते जा रहे हैं।

लंदन की धरती पर बिखेरी झारखंड के सांस्कृतिक रंगों की छटा

झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 90 किलोमीटर दूर एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आने वाली आर्टिस्ट ने राज्य सरकार की छात्रवृत्ति के जरिए अपने सपनों को उड़ान दी और ब्रिटेन के डॉकलैंड्स के ईस्ट लंदन यूनिवर्सिटी पहुंच मचा दी हलचल। सुधीर कुमार मिश्रा से इस [...]

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क्या बैंक की नोकरी छोड़ खेती करने का निर्णय सही था?

सुगंधित पौधों की खेती करने के लिए उन्होंने बेझिझक होकर बैंक की अपनी पक्की नौकरी छोड़ दी। इन सुगंधित पौधों का तेल बाजार में महंगे दामों पर बिकता है। ऐसे में अब एक साल बाद क्या उन्हें अपने फैसले पर पछतावा है? निरोज रंजन मिश्र के [...]

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छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिला गाइड ने बनाई अलग पहचान

कांगेर वैली में वह पर्यटकों की पसंदीदा गाइड है। हो भी क्यों नहीं? वह यहीं पली-बढ़ी है, इसलिए उसे प्रकृति और प्राकृतिक दृश्यों की बहुत गहरी समझ है। उसके और उसके काम के बारे में विस्तार से बता रहा है The Indian Tribal

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इस आदिवासी महिला फारेस्ट गार्ड ने मिसाल कायम की है

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के घने जंगलों में जान की बाजी लगाकर वनों और वन्यजीवों की रक्षा का अपना कर्तव्य निभा रही हैं यह 44 वर्षीय गोंड आदिवासी महिला। दो बच्चों की मां इस वन रक्षक की लगन और संघर्ष की कहानी लेकर आया है The Indian Tribal

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आदिवासी दंत चिकित्सक को जुनून अपनी संस्कृति और पारंपरिक जायकों के संरक्षण का

अपने पायलट पति अभिषेक के साथ मिलकर राज्य की राजधानी रांची से लगभग 64 किलोमीटर दूर खूंटी में ‘द ओपन फील्ड’ फार्म-टू-टेबल रेस्टोरेंट चला रही इस बहुमुखी प्रतिभा की कहानी लेकर आए हैं सुधीर कुमार मिश्र

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डॉक्टर नहीं बने तो क्या, समुद्री वैज्ञानिक बन की नई-नई खोज

गरीबी ने इस संथाली आदिवासी को सर्जन तो नहीं बनने दिया, परंतु वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने समुद्री जीवन में कई खोज कर ख्याति हासिल की। विस्तार से बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र

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बच्चे के जन्म के दो दिन बाद 200 किमी दूर जाकर दी परीक्षा, बनी जज

एक एम्बुलेंस ड्राइवर से उनकी शादी कर दी गई पर इसके बावजूद वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के दृढ़ संकल्प से पीछे नहीं हटीं। आज वह अपने समुदाय की पहली सिविल जज है। THE INDIAN TRIBAL की रिपोर्ट

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धान के दाने पर जादूगरी दिखाता है ये शिल्पकार

अपने समकालीन कलाकारों के विपरीत नबरंगपुर के इस भोत्रा आदिवासी ने अपने डिजाइनों में अलग छाप छोडऩे एवं कुछ नया करने के लिए अपना कौशल लगातार निखारा। लीक से हटकर कुछ खास करने वाले धान शिल्पकार पर निरोज रंजन मिश्रा की रिपोर्ट

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फिल्मों के जरिए आदिवासी मुद्दों को बहस के केंद्र में ला रहीं कैरी

उगते सूरज की धरती पर तमाम सामाजिक मुद्दों पर विचारोत्तेजक कार्य कर वह अलग छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने राज्य के फिल्म निर्माताओं के समूह- द अरुणाचल फिल्म कलेक्टिव की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रोयशी बरुआ बयां कर रही हैं युवा आदिवासी फिल्म निर्माता कैरी [...]

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जीवन जीने का तरीका बदल रही आदिवासी योगिनी

वह वनस्पतिशास्त्री बनने का सपना देखा करती थी, लेकिन योग से प्यार हो गया। फिर क्या था, ऐसी तल्लीनता से योग को अपनाया कि विश्व रिकॉर्ड धारक बन गई। राष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार अपने नाम किए। इस गोंड लडक़ी के संघर्ष एवं उपलब्धियों का वर्णन कर [...]

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705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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