Thursday, October 9, 2025
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देशभर के जनजातीय समाज के नायकों की गौरवशाली कहानियां

द इंडियन ट्राइबल देशभर से जनजातीय समाज के ऐसे नायकों की कहानियां सामने लाता है, जिनके नाम और उनके द्वारा किए गए योगदान की कहीं चर्चा नहीं होती, लेकिन वे प्रचार/पब्लिसिटी से दूर रहकर चुपचाप अपना काम कर रहे हैं एवं एक से बढक़र एक उपलब्धि हासिल करते जा रहे हैं।

एक संथाली कलाकार की प्रेरक यात्रा, छोटी सी आदत को बनाया राष्ट्रीय पहचान

ओडिशा के उदाला जैसे एक छोटे से शहर से निकल कर इस आदिवासी युवक ने देशभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। निरोज रंजन मिश्रा बता रहे हैं उनकी कहानी जो जुनून, संघर्ष और सफलता की मिसाल है

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साहस, समर्थन और स्ट्रॉबेरी: ओडिशा के क्योंझर में आदिवासी किसानों की नई फसल क्रांति

ओडिशा के क्योंझर जिले में परंपरागत रूप से सब्जी की खेती करने वाले कई आदिवासी किसानों ने आईटीडीए के आग्रह पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू तो कर दी,  लेकिन झिझक भी रहे हैं। किसानों की हिचकिचाहट का कारण और नए प्रयोग में सफलता-असफलता पर निरोज रंजन मिश्र की [...]

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झारखण्ड की एक और युवा आदिवासी लेखिका ने साहित्य जगत में लहराया परचम

राजधानी रांची के राम लखन सिंह यादव कॉलेज में कार्यरत इस सहायक प्राध्यापक का चयन हिंदी भाषा के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार-२०२५ के लिए हुआ है। इससे पहले 2022 में कोल्हान की एक आदिवासी सहायक प्राध्यापक को इस पुरस्कार से नवाज़ा गया था। The Indian Tribal की [...]

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इंजीनियरिंग ग्रेजुएट ने पर्यटन गाइड बन आदिवासी जीवन को दुनिया के समक्ष लाने का बीड़ा उठाया है

उनके पिता आधिकारिक दौरों पर बस्तर के सुदूर गांवों में जाया करते थे। पिता के जरिए ही आदिवासियों में उनकी रुचि जगी। आज वह पर्यटकों को आदिवासी संस्कृति से रूबरू करा रही हैं और पर्यटन को लेकर महिलाओं का नजरिया बदलना चाहती हैं । इस बारे में उन्होंने The [...]

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लंदन की धरती पर बिखेरी झारखंड के सांस्कृतिक रंगों की छटा

झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 90 किलोमीटर दूर एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आने वाली आर्टिस्ट ने राज्य सरकार की छात्रवृत्ति के जरिए अपने सपनों को उड़ान दी और ब्रिटेन के डॉकलैंड्स के ईस्ट लंदन यूनिवर्सिटी पहुंच मचा दी हलचल। सुधीर कुमार मिश्रा से इस [...]

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क्या बैंक की नोकरी छोड़ खेती करने का निर्णय सही था?

सुगंधित पौधों की खेती करने के लिए उन्होंने बेझिझक होकर बैंक की अपनी पक्की नौकरी छोड़ दी। इन सुगंधित पौधों का तेल बाजार में महंगे दामों पर बिकता है। ऐसे में अब एक साल बाद क्या उन्हें अपने फैसले पर पछतावा है? निरोज रंजन मिश्र के [...]

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छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिला गाइड ने बनाई अलग पहचान

कांगेर वैली में वह पर्यटकों की पसंदीदा गाइड है। हो भी क्यों नहीं? वह यहीं पली-बढ़ी है, इसलिए उसे प्रकृति और प्राकृतिक दृश्यों की बहुत गहरी समझ है। उसके और उसके काम के बारे में विस्तार से बता रहा है The Indian Tribal

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इस आदिवासी महिला फारेस्ट गार्ड ने मिसाल कायम की है

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के घने जंगलों में जान की बाजी लगाकर वनों और वन्यजीवों की रक्षा का अपना कर्तव्य निभा रही हैं यह 44 वर्षीय गोंड आदिवासी महिला। दो बच्चों की मां इस वन रक्षक की लगन और संघर्ष की कहानी लेकर आया है The Indian Tribal

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आदिवासी दंत चिकित्सक को जुनून अपनी संस्कृति और पारंपरिक जायकों के संरक्षण का

अपने पायलट पति अभिषेक के साथ मिलकर राज्य की राजधानी रांची से लगभग 64 किलोमीटर दूर खूंटी में ‘द ओपन फील्ड’ फार्म-टू-टेबल रेस्टोरेंट चला रही इस बहुमुखी प्रतिभा की कहानी लेकर आए हैं सुधीर कुमार मिश्र

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डॉक्टर नहीं बने तो क्या, समुद्री वैज्ञानिक बन की नई-नई खोज

गरीबी ने इस संथाली आदिवासी को सर्जन तो नहीं बनने दिया, परंतु वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने समुद्री जीवन में कई खोज कर ख्याति हासिल की। विस्तार से बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र

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In Numbers

705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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