Sunday, July 27, 2025
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राष्ट्रपति से मिलेंगे आदिम जनजाति समुदाय के लोग

जून 10-13 के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विभिन्न राज्यों के विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह या आदिम जनजाति समुदाय के 1500 लोगों से राष्ट्रपति भवन में मिल रही है, The Indian Tribal की रिपोर्ट

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जादू सा बिखेर देती है आदिवासी गायिका की आवाज

अपने लोकगीतों से सरस्वती ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में खूब नाम कमाया। लेकिन, यह मंजिल इतनी आसान भी नहीं रही। कैसे एक चमत्कार से उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई और कैसे उनकी दुनिया ही बदल गई। नीरोज रंजन मिश्रा को सरस्वती ने सुनाई दिल [...]

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प्रधानमंत्री ने आदिवासी-बहुल खूंटी के बोरीबांध की प्रशंसा की

अपने मासिक मन की बात में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण के लिए झारखण्ड के खूंटी के लोगों की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने देश को बताया कि कैसे खूंटीवासियों ने पानी के संकट से निपटने के लिए जन भागीदारी से बोरीबांध का रास्ता निकाला है, [...]

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15 हज़ार जनजातीय महिलाओं के साथ संवाद करेंगी राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 25 मई को खूंटी (झारखंड) में महिलाओं के साथ जो संवाद करेंगी उसका उद्देश्य राज्य भर में स्वयं सहायता समूहों में जनजातीय महिलाओं के लिए आजीविका और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है, सुधीर कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

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दुर्गम क्षेत्रों में जीवन डोर बनी बाइक और वैन एम्बुलेंस

ओडिशा के कंधमाल जिले में 650 से अधिक गांवों में गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों विशेषकर आदिवासियों के लिए अनोखी बाइक एम्बुलेंस और डिलीवरी वैन सेवा वरदान साबित हो रही है। कैसे, बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्रा

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क्या 2030 तक मलेरिया मुक्त हो जाएंगे आदिवासी क्षेत्र?

मलेरिया उन्मूलन के लिए भारत के मिशन 2030 का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब आदिवासियों के मूल निवास जंगली क्षेत्रों में इस बीमारी को नियंत्रित किया जाए। मिशन की स्थिति और आवश्यकता पर The Indian Tribal की स्पेशल रिपोर्ट

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झारखंड में सबसे पहले किसने देखे भगवान हनुमान?

देश के इस हिस्से में आदिवासी और गैर-आदिवासी दोनों ही समुदायों के लोगों का मानना है कि भगवान हनुमान का जन्म झारखंड के गुमला जिले के अंजन गांव में हुआ था। भगवान राम के इस कट्टर भक्त से जुड़ी मान्यताओं के पीछे की कहानियां बयां कर रहे हैं [...]

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झारखण्ड में विलुप्त होते पारम्परिक आदिवासी खेलों को बचाने की मुहिम

टाटा स्टील की सहायक कंपनी टाटा कल्चरल सोसाइटी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके खेलों को फिर लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम कर रही है।सुधीर कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

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गुजरात के ‘भूखे शेर’ को खा गए टेलीविजन और मोबाइल!

पश्चिमी राज्य में आदिवासियों के बीच पीढ़ी दर पीढ़ी खेले जाने वाले कुछ मनोरंजक, आसान और पारंपरिक खेल अब लुप्त हो चुके हैं। ऐसे ही एक खेल के बारे में बता रही हैं मयूरी दवे

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कुछ अलग ही हैं तीरंदाजी दत्शा डोको के नियम

कभी राजा-महाराजाओं द्वारा शुरू की गई तीरंदाजी खेल परंपरा सिक्किम के कुछ हिस्सों में आज भी लोकप्रिय है। आदिवासी लोग बड़े शौक से इसमें हाथ आजमाते हैं। जितना रोचक यह खेल है, इससे अधिक रोचक हैं इसका स्कोरिंग सिस्टम। इस प्राचीन विशिष्ट खेल और इसके नियमों पर प्रकाश [...]

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In Numbers

705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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