Tuesday, May 27, 2025
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आदिवासियों के लिए कर्मा पूजा का क्या है महत्व?

क्या आप जानते हैं कि कर्मा या कर्म वृक्ष (नौक्लिया परविफोलिया) की तीन शाखाएं आंगन की मिट्टी में अथवा गाँव के अखरा और सामुदायिक केंद्र में क्यों लगाई जाती हैं? The Indian Tribal की रिपोर्ट में है इसका विस्तृत जवाब

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जाउआ उठा के साथ श़ुरू हुआ करम पर्व उत्सव 

झारखंड में करम पूजा का उल्लास नजर आने लगा है। इस वर्ष करम पूजा 14 सितंबर को विधि-विधान के साथ आयोजित की जाएगी। The Indian Tribal की रिपोर्ट

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आदिवासी लड़कियों को रहता चांदनी रातों का इंतजार

ओडिशा में एक उत्सव ऐसा होता है, जिसे केवल लड़कियां ही मनाती हैं, लेकिन उसका आनंद सभी उठाते हैं। लोगों को फसल कटाई सीजन के खत्म होने का तो लड़कियों को चांदनी रातों का बेसब्री से रहता है इंतजार। निरोज रंजन मिश्र की खास रिपोर्ट

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पारंपरिक पोशाक से क्यों मुंह मोड़ रहीं ये महिलाएं

महाराष्ट्र के आदिवासी समुदाय में बुजुर्ग महिलाएं तो अपनी सदियों पुरानी पोशाक आज भी पहनती हैं, लेकिन नई पीढ़ी की पसंद बदल रही है। इसी सामाजिक बदलाव पर द इंडियन ट्राइबल की रिपोर्ट

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प्रकृति और हिंदू पुराण से असमिया संस्कृति का गहरा जुड़ाव

असम के आदिवासी समुदायों की लोक विरासत पर प्रकृति एवं हिंदू पौराणिक कथाओं का बड़ा गहरा प्रभाव है। यह कहने में कोई आपत्ति नहीं कि यह उत्तर-पूर्वी राज्य लोक परम्पराओं का स्वर्ग है। इस लोक विरासत पर विस्तार से प्रकाश डाल रही हैं प्रोयशी बरुआ

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प्रकृति के साथ मीठे सुर छेड़ते ये घुमंतू आदिवासी

जम्मू और कश्मीर की पहाड़ी ढलानों पर घूमते चरवाहों के एकांत का साथी होता है संगीत। THE INDIAN TRIBAL इन आदिवासी खानाबदोश लोगों के कुछ विशेष संगीत यंत्रों के बारे में लाया है जानकारी

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आदिवासियों का पसंदीदा पेय सल्फी पिया क्या?

महुआ छत्तीसगढ़ का पवित्र वृक्ष माना जाता है और इसकी शराब आदिवासी बहुल बस्तर की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन इसी प्रकार का एक और पेय सल्फी भी आदिवासी लोगों में खूब लोकप्रिय है। इस पेय के बारे में अधिक जानकारी लेकर आये हैं The Indian Tribal

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राजस्थानी जनजातीय कला मांडना पर शहरीकरण की छाया

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस रेगिस्तानी राज्य के कच्चे घरों के धीरे-धीरे पक्के मकानों में तब्दील होने के कारण मांडना कला अब विलुप्त होती जा रही है, बता रही हैं दीपन्विता गीता नियोगी

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जादू सा बिखेर देती है आदिवासी गायिका की आवाज

अपने लोकगीतों से सरस्वती ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में खूब नाम कमाया। लेकिन, यह मंजिल इतनी आसान भी नहीं रही। कैसे एक चमत्कार से उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई और कैसे उनकी दुनिया ही बदल गई। नीरोज रंजन मिश्रा को सरस्वती ने सुनाई दिल [...]

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इस थिएटर ग्रुप ने देश में बजाया आदिवासी नाटकों का डंका

बिल्कुल स्वदेशी शैली में प्रस्तुति देने वाले मैदी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ ट्राइबल्स (एमएएटी) ग्रुप की लोकप्रियता कैसे झारखंड से लेकर दिल्ली, केरल, ओडिशा और असम समेत दूसरे राज्यों तक फैल रही है, निरोज रंजन मिश्रा से विस्तृत बातचीत में स्वयं बता रहे हैं ग्रुप के निर्देशक और लेखक [...]

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705
Individual ethnic groups are notified as Scheduled Tribes as per Census 2011
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