रांची
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी से मेरी कई मुलाकातें हुईं। उनकी सहजता, सरलता एवं व्यक्तित्व मुझे प्रभावित करती थी। गुरुजी सिर्फ आदिवासी ही नहीं बल्कि अन्य समाज के भी अभिभावक के रूप में जाने जाते थे। मैं अपनी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।


राजनाथ सिंह केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में शिबू सोरेन के ‘संस्कार भोज’ में सम्मिलित होने आए थे। ‘संस्कार भोज’ में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी सम्मिलित हुए। रेड्डी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं उनके परिजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने गुरुजी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।


झारखण्ड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं उनके पारिवारिक सदस्यों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। गंगवार ने शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सांसद पप्पू यादव, पूर्व राज्यसभा सांसद आर०के० आनंद एवं योग गुरु बाबा रामदेव भी नेमरा पहुँच कर दिशोम गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि दी तथा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं उनके परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की।


मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शिबू सोरेन के संस्कार भोज में शामिल होने के लिए राज्य के कोने-कोने से आए लोगों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि बाबा जब नई दिल्ली के एक अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन कठिन परिस्थितियों में राज्य वासियों का हमारे परिवार को संबल प्राप्त हुआ उसे कभी भूल नहीं सकता हूं। लोगों ने बाबा की जिंदगी के लिए दुआएं की, लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और मंजूर था।
“आज दिशोम गुरु हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके अंत्येष्टि संस्कार से लेकर आज के संस्कार भोज में लाखों लोगों का शामिल होना, पूरे श्राद्ध कर्म के दौरान नेमरा आकर उनका हमारे साथ खड़े रहने से हमें और हमारे घर- परिवार को दुःख की इस घड़ी में काफी आत्मबल मिला। राज्य की जनता जिस तरह हमारे साथ हर पल मौजूद रही, वह यह बताने के लिए काफी है कि उनका “बाबा” से कितना गहरा लगाव था। “बाबा” भले ही हमें हमेशा- हमेशा के लिए छोड़कर चले गए हैं, लेकिन, इस राज्य के मार्गदर्शक एवं पथ प्रदर्शक के रूप में वे सदैव याद रखे जाएंगे।”