• About
  • Contact
  • Sitemap
  • Gallery
No Result
View All Result
Vacancies
Tuesday, December 2, 2025
The Indian Tribal
  • Home
  • Achievers
    • उपलब्धिकर्ता
  • Cuisine
    • खान पान
  • Health
    • स्वास्थ्य
  • Legal
    • कानूनी
  • Music
    • संगीत
  • News
    • Updates
    • खबरें
  • Sports
    • खेलकूद
  • Variety
    • विविध
  • हिंदी
    • All
    • आदिवासी
    • उपलब्धिकर्ता
    • कला और संस्कृति
    • कानूनी
    • खबरें
    • खान पान
    • खेलकूद
    • जनजाति
    • भारत
    • विविध
    • संगीत
    • संस्कृति
    • स्वास्थ्य
    The Indian Tribal

    झारखण्ड में हेमन्त सोरेन सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल का प्रथम वर्ष पूरा, 9000 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए

    The Indian Tribal

    झारखण्ड के रजत जयंती पर अगले 25 वर्षों के समग्र विकास का रोडमैप पेश किया मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने

    The Indian Tribal

    राज्य के विकास योजनाओं में आदिवासी, जनजातीय समुदाय सबसे ऊपर: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

    The Indian Tribal

    बिरसा मुण्डा की विरासत राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए प्रेरणादायक: योगी आदित्यनाथ

    The Indian Tribal

    रक्तदान अभियान के जरिए पूरा झारखण्ड जीवनदान का केंद्र बनेगा: हेमन्त सोरेन

    The Indian Tribal

    झारखंड रजत जयंती एवं बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती कार्यक्रमों के श्रृंखला की हुई शुरुआत

    The Indian Tribal

    झारखण्ड में JEE-NEET की निःशुल्क कोचिंग: जानिये कब तक कर सकते हैं आवेदन?

    The Indian Tribal

    पीवीटीजी क्षेत्रों में हाउसहोल्ड सैचुरेशन पर नीति आयोग का फोकस

  • Gallery
    • Videos
  • Latest News
The Indian Tribal
  • Home
  • Achievers
    • उपलब्धिकर्ता
  • Cuisine
    • खान पान
  • Health
    • स्वास्थ्य
  • Legal
    • कानूनी
  • Music
    • संगीत
  • News
    • Updates
    • खबरें
  • Sports
    • खेलकूद
  • Variety
    • विविध
  • हिंदी
    • All
    • आदिवासी
    • उपलब्धिकर्ता
    • कला और संस्कृति
    • कानूनी
    • खबरें
    • खान पान
    • खेलकूद
    • जनजाति
    • भारत
    • विविध
    • संगीत
    • संस्कृति
    • स्वास्थ्य
    The Indian Tribal

    झारखण्ड में हेमन्त सोरेन सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल का प्रथम वर्ष पूरा, 9000 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए

    The Indian Tribal

    झारखण्ड के रजत जयंती पर अगले 25 वर्षों के समग्र विकास का रोडमैप पेश किया मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने

    The Indian Tribal

    राज्य के विकास योजनाओं में आदिवासी, जनजातीय समुदाय सबसे ऊपर: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

    The Indian Tribal

    बिरसा मुण्डा की विरासत राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए प्रेरणादायक: योगी आदित्यनाथ

    The Indian Tribal

    रक्तदान अभियान के जरिए पूरा झारखण्ड जीवनदान का केंद्र बनेगा: हेमन्त सोरेन

    The Indian Tribal

    झारखंड रजत जयंती एवं बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती कार्यक्रमों के श्रृंखला की हुई शुरुआत

    The Indian Tribal

    झारखण्ड में JEE-NEET की निःशुल्क कोचिंग: जानिये कब तक कर सकते हैं आवेदन?

    The Indian Tribal

    पीवीटीजी क्षेत्रों में हाउसहोल्ड सैचुरेशन पर नीति आयोग का फोकस

  • Gallery
    • Videos
  • Latest News
No Result
View All Result
The Indian Tribal
No Result
View All Result
  • Home
  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Legal
  • Music
  • News
  • Sports
  • Variety
  • हिंदी
  • Gallery
  • Latest News
Vacancies
Home » द इंडियन ट्राइबल / हिंदी » खेलकूद » ओडिशा के इस आदिवासी युवक की बात ही कुछ और है

ओडिशा के इस आदिवासी युवक की बात ही कुछ और है

वुशु, किकबॉक्सिंग और थाई बॉक्सिंग में खूब नाम कमाने के बाद 17 वर्षीय भुइयां लडक़ा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाने के लिए इंडोनेशियाई पेनकैक सिलाट की ओर मुड़ गया है। क्या हैं उसके इरादे, बता रहे हैं निरोज रंजन मिश्र

March 12, 2024
Tribal Teenager Odisha, Martial Arts | The Indian Tribal

चंद्र अपने रजत पदक के साथ

भुवनेश्वर

उसने वुशु में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। किकबॉक्सिंग में हाथ आजमाया और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में गोल्ड झटका। एक बार फिर ट्रैक बदला और थाई बॉक्सिंग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल प्राप्त किया।एक जगह ठहरना तो जैसे उसने सीखा ही नहीं,  अब वह पेनकैक सिलाट में हुनर दिखा रहा है और यहां भी सिल्वर मेडल हासिल कर चांदी सी चमक बिखेरी। 

ओडिशा के सुंदरगढ़ स्थित इस्पात नगरी राउरकेला के रहने वाले चंद्र शेखर माझी से मिलिए। दीपिका स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र इस भुइयां आदिवासी लडक़े की चाल, पहनावे और खेल में कई मार्शल आर्ट का शानदार मिश्रण देखने को मिलेगा। 

एक पुलिस उप-निरीक्षक का सबसे छोटा बेटा चंद्र शेखर मार्शल आर्ट की कई विद्याओं में अपने हुनर का लोहा मनवा चुका है, लेकिन 17 साल का यह लडक़ा अब पूरे जोश-खरोश के साथ पेनकैक सिलाट पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।

इंडोनेशिया का पेनकैक सिलाट एक फाइटिंग यानी लड़ाई का खेल है, जिसमें मार्शल आर्ट की विभिन्न शैलियों का सम्मिश्रण है। इसमें प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को मारना, पकड़ना और फेंकना जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके हराना होता है। यही नहीं, इस खेल में खिलाड़ी को कुछ विशेष प्रकार के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति भी होती है। खास यह कि इस खेल में पूरे शरीर का इस्तेमाल होता है यानी शरीर के किसी भी हिस्से से सामने वाले खिलाड़ी पर वार किया जा सकता है और कहीं भी हमला किया जा सकता है। कभी पेनकैक सिलाट की उत्पत्ति आत्मरक्षा के साधन के रूप में हुई और समय के साथ यह एक प्रतिस्पर्धी खेल बन गया। यह अब भारत सहित कई दक्षिण एशियाई देशों में खेला जाने वाला लोकप्रिय खेल है।

Martial Arts | Odisha Sports
चंद्र (काली जैकेट में) अपने कोच जितेंद्र कुमार यादव (लाल जैकेट में) के साथ अभ्यास करते हुए

चंद्र शेखर माझी से जब कोई उसकी महत्वाकांक्षा के बारे में सवाल करता है तो वह झट से जवाब देता है, ‘मेरा पेनकैक सिलाट एक दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाएगा।’

चंद्र शेखर ने The Indian Tribal से बातचीत में कहा, ‘जब मैं राउरकेला के सेंट गॉर्जियस स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ता था, तब मैंने वुशु खेलना शुरू किया। उसके बाद मैंने किकबॉक्सिंग में अपनी पकड़ बनाई और राउरकेला स्थित जेके मार्शल आर्ट्स अकादमी के संस्थापक कोच जितेंद्र कुमार यादव की देखरेख में दोनों प्रकार की मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लिया।’

चंद्र शेखर के पिता गोलबदन माझी के अनुसार, ‘रिंग के अंदर अनगिनत मुकाबलों में अपनी काबिलियत साबित करने वाला उनका बेटा निहायत आलसी और देर से सोने वाला लडक़ा रहा है।’

स्टील सिटी से सटे रायबागा थाने में तैनात उप-निरीक्षक गोलबदन माझी ने कहते हैं, ‘चंद्र शेखर पढ़ाई में बिल्कुल फिसड्डी था। खिलाड़ियों वाले गुण तो उसमें थे ही नहीं- उठने-बैठने में पूरी तरह आलसी। इसलिए मैंने उसे जल्दी उठने और कोच जितेंद्र कुमार यादव की देखरेख में मार्शल आर्ट का अभ्यास करने के लिए मजबूर किया।’

चंद्र शेखर का परिवार सुंदरगढ़ जिले के पद्मपुर गांव का रहने वाला है, लेकिन अब यह राउरकेला में रहता है, क्योंकि बड़े भाई रिपु सूदन माझी स्टील सिटी के पास पानपोष में सहायक कृषि अधिकारी हैं। चंद्र शेखर ने The Indian Tribal से कहा, ‘राउरकेला ने उन्हें कोच जितेंद्र कुमार यादव और शरत कुमार दास के नेतृत्व में विभिन्न मार्शल आर्ट के कौशल सीखने और उन्हें निखारने का मौका दिया। यह सब उन्हें अपने पैतृक गांव में नहीं मिल सकता था।’

Martial Arts | Odisha Sports
चंद्र (बाएं ओर) टूर्नामेंट में भाग लेते हुए

चंद्र ने बताया, ‘जहां जितेंद्र सर मुझे सप्ताह में तीन दिन प्रशिक्षण देते हैं, वहीं शरत सर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की हर बड़ी प्रतियोगिता से पहले मेरे कौशल को और निखारने और मेरी तकनीकों को सुधारने के लिए अपना बहुमूल्य समय देते हैं।’

चंद्र ने सब-जूनियर खिलाड़ी के तौर पर 2015 में राउरकेला में स्टेट ताइक्वांडो/किकबॉक्सिंग/कराटे चैंपियनशिप में पदार्पण किया था। यहां किकबॉक्सिंग प्रतियोगिता में उसने स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष 2016 में झारसुगुड़ा में ओडिशा राज्य किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में उसी श्रेणी में खेलते हुए उसने फिर यही उपलब्धि दोहराई जब शीर्ष स्थान हासिल कर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।

हालांकि, 2016 में भुवनेश्वर में सब-जूनियर वर्ग में स्टेट वुशु चैंपियनशिप में उसे कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। केवल दो साल के प्रशिक्षण के साथ इस नौसिखिया खिलाड़ी ने 2017 में राज्य की राजधानी में राज्य वुशु चैम्पियनशिप में फिर कांस्य पदक जीता। चंद्र ने बताया, ‘मैं वुशु और किकबॉक्सिंग एक साथ सीख रहा था, लेकिन मैंने किकबॉक्सिंग का अधिक अभ्यास किया, जिससे मुझे स्वर्ण पदक मिला।’

कोच जितेंद्र भी कुछ ऐसे ही विचार व्यक्त करते हैं। सुंदरगढ़ योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र कहते हैं, ‘चंद्रा का झुकाव किकबॉक्सिंग की तरफ ज्यादा था। इसलिए उसने वुशू पर कम ध्यान दिया और उसका अभ्यास कम किया। इसलिए उसे इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक ही मिला। बाद में उसने मार्शल आर्ट की अन्य शैलियां सीखने के लिए वुशु को पूरी तरह त्याग दिया।’

जब चंद्र थाई बॉक्सिंग में खेल रहा था और उसमें उसने अपनी पकड़ बनाई, तो अंगुल में ऑल ओडिशा बीजू पटनायक मेमोरियल थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2021 और वर्ष 2022 में ओडिशा स्टेट थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। दोनों ही प्रतियोगिताओं में उसने स्वर्ण पदक जीता।

सुंदरगढ़ पेनकैक सिलाट एसोसिएशन के महासचिव और राउरकेला स्थित मार्शल आर्ट अकादमी के निदेशक, कोच शरत कुमार दास ने कहा, ‘चंद्र अंगुल में राज्य स्तरीय थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप शुरू होने से पहले प्रतिदिन लगभग पांच घंटे अभ्यास करता था। इस वजह से उसकी गर्दन में भी मोच आ गई। इसके बावजूद इस प्रतिस्पर्धा में वह सोना लेकर आया। यह उसकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।’

यह अलग बात है कि वह गोवा में नेशनल थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप (जूनियर-बॉयज), 2021 में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गया और केवल चांदी से संतोष करना पड़ा। चंद्र ने कहा, ‘मैं स्वर्ण पदक के लिए हुए मुकाबले में महाराष्ट्र के खिलाड़ी से हार गया, क्योंकि मैंने ऐन मौके पर अपनी गति और लय खो दी थी। हां, अपने तेलंगाना प्रतिद्वंद्वी को हराकर मैंने रजत पदक जीता।’ उसने कहा, ‘मैंने 2022 में अमृतसर में आयोजित नेशनल थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि कोच शरत सर ने मुझे केवल पेनकैक सिलाट पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी।’ चंद्र शेखर अब केवल पेनकैक सिलाट खेल रहा है। नतीजा यह हुआ कि 2022 में बारगढ़ में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उसे पोडियम पर चढऩे का मौका मिला यानी उसने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसके बाद 2023 में उसने खोरधा में राज्य-स्तरीय चैंपियनशिप में अपने कौशल और रणनीति का शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड जीतकर झंडे गाड़ दिए। हालांकि, 2023 में पटना में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में वह उत्तराखंड के खिलाड़ी से हार गया और सोना उसके हाथ से फिसल गया। 

पटना में राष्ट्रीय चैंपियनशिप-2023 में सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान अपने महाराष्ट्र के खिलाड़ी के तेज स्वीप के कारण चंद्र शेखर के घुटने में गंभीर चोट लगी। इसके बावजूद वह रिटायर हर्ट नहीं हुआ और पूरी हिम्मत के साथ मुकाबला जारी रखा। अंतत: महाराष्ट्र के खिलाड़ी को परास्त कर चांदी पर कब्जा जमाया। 

कोच शरत कहते हैं, ‘पटना में फाइनल मुकाबले के दौरान एक स्वीप में उत्तराखंड के खिलाड़ी ने उसके घुटने में चोट मार दी। इससे चंद्र को बाहर होना पड़ा। हालांकि, चंद्र में ताकत, फुर्ती और कौशल आदि वह सब कुछ है, जो उसे एक दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरने में मदद करेगा। उसे निरंतर अभ्यास करना है और अधिक से अधिक अनुभव जुटाना है। उसकी ऊंचाई (170 सेमी) उसे किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ उसका प्लस पाइंट है।’ 

उन्होंने कहा, ‘हमारे अन्य खिलाड़ियों की तरह ही चंद्र शेखर को इंटरलॉकिंग मैट पर अभ्यास करना होगा, जिस पर मार्शल आर्ट के खिलाड़ी खेलते हैं। एक चटाई की कीमत लगभग 1100 रुपये होती है और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ऐसी लगभग 30 मैट का उपयोग किया जाता है। जब हमारे खिलाड़ी मैट पर खेलने जाते हैं, तो वे असहज महसूस करते हैं। लेकिन हम महंगी मैट खरीदने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि इस खेल में लगभग 30 मैट की आवश्यकता होती है, जो हमारे बजट से बाहर की बात है। इसलिए, सरकार को हमारे राज्य के चंद्र शेखर जैसे पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए मैट और बॉडी गार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिएं, ताकि अन्य खिलाड़ी भी उभर सामने आएं और राज्य का नाम रोशन करें।’

Root Woot | Online Puja Samagri Root Woot | Online Puja Samagri Root Woot | Online Puja Samagri

In Numbers

49.4 %
Female Literacy rate of Scheduled Tribes

Web Stories

Bastar’s Famed Tuma Craft On Verge Of Extinction
Bastar’s Famed Tuma Craft On Verge Of Extinction
By The Indian Tribal
7 Tribal-linked Odisha Products Get GI Tag
7 Tribal-linked Odisha Products Get GI Tag
By The Indian Tribal
Traditional Attire Of Pawara Tribeswomen Losing Its Charm
Traditional Attire Of Pawara Tribeswomen Losing Its Charm
By The Indian Tribal
Tuma Art Going Extinct
Tuma Art Going Extinct
By The Indian Tribal

Update

PM highlights honey extraction process of Khiamni-Yangan tribe

Prime Minister Narendra Modi in his monthly radio broadcast, Mann Ki Baat, on Sunday spoke about how India is setting new records in honey production. Eleven years ago, he said, honey production in the country was 76,000 metric tons, which has now increased to more than 1.5 lakh metric tons. Honey exports have also risen more than three-fold. He highlighted the cliff-honey hunting in Nagaland. He said the Khiamni-Yangan tribe in Choklangan village of Nagaland has been engaged in honey extraction for centuries. There, bees build their dwellings not on trees but on high cliffs. Therefore, the task of honey extraction is also very risky. That’s why, the people there first speak to the bees politely, and seek their permission, he said adding they tell them that they have come to collect honey, after which they extract the honey. In the hilly areas of Jammu and Kashmir, honeybees produce a unique honey from wild basil, also known as sulai. This honey, white in colour, is called Ramban Sulai honey. A few years ago, Ramban Sulai honey received the GI tag, the PM pointed out.
The Indian Tribal
Odisha

Soft Toys, Strong Futures: Tribal Women In Odisha Sew A New Economic Path

by The Indian Tribal
November 27, 2025

What began as a post-harvest livelihood experiment has turned into a promising craft enterprise for 50 tribal women. The challenge now lies in creating wider markets to sustain the momentum, says Niroj Ranjan Misra

The Indian Tribal

Tourism To Bloom In Chhattisgarh’s Bastar As Naxalism Fades, But Some Voices Of Concern Too

November 24, 2025
The Indian Tribal

A Tribal Museum Will Showcase Ancient Gurukul System Of India

November 19, 2025
The Indian Tribal

झारखण्ड के रजत जयंती पर अगले 25 वर्षों के समग्र विकास का रोडमैप पेश किया मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने

November 15, 2025
The Indian Tribal

राज्य के विकास योजनाओं में आदिवासी, जनजातीय समुदाय सबसे ऊपर: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

November 15, 2025
The Indian Tribal

Birsa Munda: The Forgotten Spiritual Revolutionary Who Defied Missionaries Before Defying The British

November 14, 2025
Tags: BhubaneshwarBhubaneswar SportsThe Indian Tribal
Previous Post

Champai Launches Schemes For Students For A ‘Better Jharkhand’

Next Post

Lok Sabha Polls Ahead, Congress Goes For Big Tribal Outreach

Top Stories

The Indian Tribal
आदिवासी

झारखण्ड में हेमन्त सोरेन सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल का प्रथम वर्ष पूरा, 9000 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए

November 28, 2025
The Indian Tribal
Odisha

Soft Toys, Strong Futures: Tribal Women In Odisha Sew A New Economic Path

November 27, 2025
Hemant Soren
Jharkhand

ED Summons Case: Jharkhand HC Ends Interim Relief From Personal Appearance To Hemant

November 25, 2025
Load More
  • About Us
  • Contact
  • Team
  • Redressal
  • Copyright Policy
  • Privacy Policy And Terms Of Use
  • Disclaimer
  • Sitemap

  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Hindi Featured
  • India
  • News
  • Legal
  • Music
  • Sports
  • Trending
  • Chhattisgarh
  • Delhi
  • Gujarat
  • Jammu & Kashmir
  • Jharkhand
  • Kerala
  • Madhya Pradesh
  • Maharashtra
  • North East
  • Arunachal Pradesh
  • Assam
  • Manipur
  • Meghalaya
  • Mizoram
  • Nagaland
  • Sikkim
  • Tripura
  • Odisha
  • Telangana
  • West Bengal
  • Political News
  • Variety
  • Art & Culture
  • Entertainment
  • Adivasi
  • Tribal News
  • Scheduled Tribes
  • हिंदी
  • उपलब्धिकर्ता
  • कानूनी
  • खान पान
  • खेलकूद
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • संगीत
  • विविध
  • कला और संस्कृति
  • खबरें
  • असम की ताज़ा ख़बरें
  • अरुणाचल प्रदेश की ताज़ा ख़बरें
  • ओडिशा की ताज़ा ख़बरें
  • केरल की ताज़ा ख़बरें
  • गुजरात की ताज़ा ख़बरें
  • छत्तीसगढ़
  • जम्मू और कश्मीर की ताज़ा ख़बरें
  • झारखंड न्यूज़
  • तेलंगाना की ताज़ा ख़बरें
  • दिल्ली
  • नॉर्थईस्ट की ताज़ा ख़बरें
  • पश्चिम बंगाल की ताज़ा ख़बरें
  • मध्य प्रदेश की ताज़ा ख़बरें
  • महाराष्ट्र की ताज़ा ख़बरें
  • त्रिपुरा की ताज़ा ख़बरें
  • नागालैंड की ताज़ा ख़बरें
  • मणिपुर की ताज़ा ख़बरें
  • मिजोरम की ताज़ा ख़बरें
  • मेघालय की ताज़ा ख़बरें
  • सिक्किम की ताज़ा ख़बरें
  • राजस्थान की ताज़ा ख़बरें

About Us

The Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.

Follow Us

All Rights Reserved

© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.

No Result
View All Result
  • Home
  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Health
  • Legal
  • Music
  • News
  • Sports
  • Variety
  • हिंदी
    • उपलब्धिकर्ता
    • खान पान
    • कानूनी
    • खेलकूद
    • खेलकूद
    • संगीत
    • संगीत
    • स्वास्थ्य
    • स्वास्थ्य
    • विविध
  • Gallery
  • Videos

© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.

Bastar’s Famed Tuma Craft On Verge Of Extinction 7 Tribal-linked Odisha Products Get GI Tag Traditional Attire Of Pawara Tribeswomen Losing Its Charm Tuma Art Going Extinct