झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की शुरुआत की। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दौर में बनी इस योजना के शुरू होने से ग्रामीण और आदिवासी-बहुल इलाकों में रहने वाले लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने रांची के मोरहाबादी मैदान में इस योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों को अनुमंडल से जिला तक के आवागमन की सुविधा को सुलभ करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना का शुभारंभ किया गया है। आज इस योजना के अंतर्गत 83 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई गई है। अब शीघ्र ही 250 से अधिक गाड़ियां ग्रामीण इलाकों में दौड़ेंगी। इस योजना का मुख्य लक्ष्य उन लोगों की मदद करना है जिन्हें ग्रामीण बसों और अन्य परिवहन साधनों के अभाव में लंबी दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ती है क्योंकि उनके क्षेत्र में यात्रा करने के लिए कोई बस या अन्य साधन नहीं हैं। यह योजना उन क्षेत्रों को इस योजना से जोड़ेगी और ग्रामीणों को मुफ्त बस सेवा प्रदान की जाएगी। इन बसों को चलाने का सारा खर्च विभाग उठाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा ग्राम गाड़ी योजना के तहत संचालित इन गाड़ियों में विद्यार्थी, आंदोलनकारी, दिव्यांग, वृद्धजन एवं विधवा माता-बहनें मुफ्त में सफर कर सकेंगे।
ग्राम गाड़ी योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए सबसे पहले एसटी, एससी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जायेगी। नये वाहन खरीदने वालों को 5 साल तक ब्याज पर 5 फीसदी की व्याज सब्सिडी मिलेगी। उन्हें परमिट शुल्क, पंजीकरण शुल्क, फिटनेस परीक्षण और परमिट आवेदन के लिए केवल एक रुपये का भुगतान करना होगा। ये लाभ पाने के लिए वाहन मालिक अपने जिला के जिला परिवहन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
अबुआ आवास योजना के 29 लाख आवेदन मिले, 20 लाख आवेदन पर स्वीकृति दी गई
मुख्यमंत्री ने अबुआ आवास योजना के लाभुकों के बीच स्वीकृति पत्र भी वितरित किए। इस योजना के अंतर्गत राज्य के 20 लाख से अधिक लोगों को नए आवास की सुविधा प्रदान की जाएगी। चम्पाई सोरेन ने बताया कि अबुआ आवास योजना में 29 लाख आवेदन आए हैं, जिनमें से 20 लाख आवेदन शॉर्टलिस्ट किए गए हैं। उन्होंने बताया कि तीन महीने के अंदर नौ लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के आदिवासी, मूलवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक सहित सभी वर्ग समुदाय की पीड़ा को हमारी सरकार ने समझा है। खनिज संपदा के गलत इस्तेमाल से समाज के गरीब, मजदूर और किसानों को को खनिज संपदाओं के हक-अधिकार से दूर रखा गया। इसे सुधारने के लिए सरकार ने कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के आर्थिक, सामाजिक, और शैक्षिक दृष्टिकोण से सुधार की दिशा में प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने झारखंड की संपदाओं को सुरक्षित और सबके लाभकारी बनाने के लिए निरंतर काम करने का वादा किया है।