गुवाहाटी/ईटानगर
स्कूली दिनों में कैरी पाडु पत्रकार बनना चाहती थीं। इसलिए, स्कूल के बाद वह पत्रकारिता की पढ़ाई करने के लिए शिलांग चली गईं और यहां सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद मीडिया हाउसों में इंटर्नशिप से ही उन्हें एक नई अनुभूति हुई।
वह चार साल तक मुंबई में रहीं और रॉक ऑन 2 जैसी फिल्मों के लिए फ्रीलांस काम किया। उन्होंने विज्ञापन फिल्मों और स्वतंत्र फिल्मों में भी सहायक के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। वह 2017 में अरुणाचल लौट आईं और 2018 में अपने प्रोडक्शन हाउस द वाइल्डफ्लावर प्रोडक्शन की स्थापना कर ली।
अपने करियर की यात्रा के बारे में The Indian Tribal के साथ बात करते हुए कैरी कहती हैं कि इंटर्नशिप के दौरान मुझे एहसास हो गया कि मेरा रुझान रचनात्मक लेखन की ओर अधिक है, लेकिन मीडिया हाउस विषयों को अधिक गहराई से जानने-समझने की भूख को शांत करने में आड़े आ रहे हैं। इसलिए स्नातक करने के बाद सिनेमैटोग्राफी में डिप्लोमा करने के लिए मैं मुम्बई चली गई।
प्रोडक्शन हाउस शुरू करने और इसका नाम वाइल्डफ्लावर प्रोडक्शन रखने के सवाल पर आदिवासी फिल्म निर्माता कैरी बताती हैं कि वाइल्डफ्लावर प्रोडक्शन की स्थापना मैंने इसलिए की, क्योंकि मैं सामग्री-आधारित ठोस काम करना चाहती थी। अरुणाचल प्रदेश वनस्पतियों से भरपूर इलाका है। यहां बड़े क्षेत्रफल में जंगली फूलों की खूबसूरती बिखरी दिखाई देती है। ये फूल प्रकृति के बहुत ही आकर्षक नजारे प्रस्तुत करते हैं। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद उनमें खिलने की असाधारण क्षमता होती है।
कैरी अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के आलो में रहने वाली गैलो आदिवासी हैं। लेखक, फिल्म निर्माता और निर्देशक के रूप में बेहतरीन काम कर रहीं कैरी कहती हैं कि वह अपने काम के जरिए यह तथ्य स्थापित करने की कोशिश करती हैं कि यह दुनिया बहुत खूबसूरत है और तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद इंसान अपने अंदर सर्वोत्तम गुण विकसित करने के लिए बहुत कुछ खास कर सकता है।
उनका प्रोडक्शन हाउस रचनात्मकता पर अधिक जोर देता है। इसकी शुरुआत एक काव्य प्रोजेक्ट- द विविड प्रोजेक्ट से हुई थी। यह नस्लवाद जैसे सामाजिक मुद्दों पर बात करने वाले अरुणाचल प्रदेश के छह कवियों का एक संयुक्त प्रयास था। इस प्रोजेक्ट में राज्य भर में काव्य गोष्ठियां शामिल थीं। हमने जुबान बुक्स के साथ पूर्वोत्तर में महिलाओं की कहानियों के इर्द-गिर्द पॉडकास्ट पर भी काम किया है।
उनका प्रोडक्शन हाउस रचनात्मकता पर अधिक जोर देता है। इसकी शुरुआत एक काव्य प्रोजेक्ट- द विविड प्रोजेक्ट से हुई थी। यह नस्लवाद जैसे सामाजिक मुद्दों पर बात करने वाले अरुणाचल प्रदेश के छह कवियों का एक संयुक्त प्रयास था। इस प्रोजेक्ट में राज्य भर में काव्य गोष्ठियां शामिल थीं। हमने जुबान बुक्स के साथ पूर्वोत्तर में महिलाओं की कहानियों के इर्द-गिर्द पॉडकास्ट पर भी काम किया है।
गोएथे इंस्टीट्यूट मैक्स मुलर भवन, पैनोस साउथ एशिया और जुबान बुक्स द्वारा समर्थित मेरी डॉक्यूमेंट्री फिल्म आई एम प्रॉपर्टी अरुणाचल प्रदेश में प्रथागत कानूनों के संदर्भ में बहुविवाह और दंड से मुक्ति की पड़ताल करती है। कैरी ने बताया कि हर तरफ से सराहना बटोरने के साथ-साथ फिल्म ने पूर्वोत्तर अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र और फिल्म उत्सव में सर्वश्रेष्ठ लघु वृत्तचित्र फिल्म का पुरस्कार भी जीता है।
वह The Indian Tribal को बताती हैं कि उनकी फिल्म आई एम प्रॉपर्टी को देश भर के विश्वविद्यालयों में अध्ययन सामग्री (लिंग अध्ययन के संबंध में) के रूप में भी शामिल किया गया है।
कैरी नॉर्थ ईस्ट लीडर्स कनेक्ट की एसोसिएट सदस्य भी हैं, जहां विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे होनहार युवा भविष्य में भारत को विशेषकर नॉर्थ ईस्ट के साथ कहां देखना चाहते हैं। इस दिशा में वे भविष्य की योजनाएं बनाते हैं और जमीनी और नीतिगत स्तर पर रणनीतियां तैयार करते हैं।
कई उपलब्धियों के साथ-साथ कैरी ने राज्य में फिल्म निर्माताओं के समूह द अरुणाचल फिल्म कलेक्टिव की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खास यह कि कैरी के रचनात्मक कार्यों का बड़ा हिस्सा अरुणाचल प्रदेश के आदिवासी समुदायों से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहता है।समाज पर उनके काम का क्या प्रभाव पड़ा है, The Indian Tribal के इस सवाल पर वह कहती हैं कि कभी-कभी जब हम कलाकार के रूप में अपना काम दुनिया के सामने रखते हैं, तो कुछ परिवर्तन और बहसें अपने आम जन्म लेती हैं। मेरे मामले में भी ऐसा हुआ है। मेरी फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद विधानसभा में पेश किए जा रहे संपत्ति विरासत अधिकारों पर विधेयक के अलावा महिलाओं के संदर्भ में प्रथागत कानूनों पर चर्चा हुई। हम इस तथ्य पर गर्व कर सकते हैं कि राजनीतिक स्तर पर चेतना लाने में हमारा कुछ योगदान रहा है। वह कहती हैं कि वैसे मैं संतुष्ट महसूस करती हूं, लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल करना चाहती हूं।