रांची
झारखंड के 6 अति संवेदनशील आदिम जनजाति समुदाय के लोग केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय, भारत सरकार व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आमंत्रण पर 10 जून को रांची रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हुए। उनका राष्ट्रपति से मिलने का उत्साह देखते ही बना। इसमें झारखंड के आदिम जनजातीय समुदायों के असुर, बिरहोर, बिरजिया, कोरबा, परहिया व सबर समुदाय के 104 लोग शामिल हैं। यह पहला मौका होगा जब देश की राष्ट्रपति लुप्त होते आदिम जनजाति समुदाय के लोगों से सीधा संवाद करेंगी। आदिम जनजाति के साथ यह संवाद 12 जून को राष्ट्रपति भवन में आयोजित है।
पलामू से परहिया समुदाय के रमाशंकर राष्ट्रपति से भेंट को लेकर खासे उत्साहित थे। उन्होंने बताया कि वह पहली बार दिल्ली जा रहे हैं और राष्ट्रपति से मुलाकात करना उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति को समुदाय के मुद्दों से अवगत कराएंगे। वहीं, पूर्वी सिंहभूम की सबर समुदाय की पार्वती सबर ने कहा कि वह राष्ट्रपति से मिलकर इस बात को रखेंगी कि 12वीं पास लोगों को नौकरी मिले और सबर समुदाय के लोगों की उन्नति हो।
पिछले दिनों अपने झारखंड दौरे के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 मई को झारखंड राजभवन के दरबार हॉल में आदिम जनजातीय समुदाय के लोगों के साथ संवाद किया था राष्ट्रपति उनसे बात करते हुए काफी भावुक थीं और उन्होंने बारी-बारी से सबके पास जाकर उनकी समस्याओं को जाने का प्रयास किया था। राष्ट्रपति ने आदिम जनजातीय लोगों के साथ संवाद में कहा था कि वह उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने कहा था कि शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या हो या बेहतर जीवन यापन की चुनौती हो, उनकी सभी समस्याओं का समाधान होगा।
राष्ट्रपति से संवाद के बाद झारखंड के आदिम जनजातीय है समुदाय के लोग 15 जून को दिल्ली से झारखंड वापस आएंगे। झारखंड से गए सभी आदिम जनजाति समुदाय के प्रतिनिधियों को विदा करने रांची स्टेशन पर डॉ रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान, कल्याण विभाग के निदेशक रणेंद्र कुमार, उपनिदेशक मोनिका रानी टूटी, सहायक निदेशक राकेश रंजन उरांव व अन्य पदाधिकारी गण मौजूद थे।
बताते चलें कि विभिन्न राज्यों के करीब १५०० आदिम जनजातीय समुदाय के लोगों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मिलने का न्योता मिला है। आंध्र प्रदेश के 120 आदिम जनजातीय समुदाय के लोग अल्लुरी सीतारामा राजू जिले से गए हैं तो कर्नाटक के कोरबा आदिम जनजातीय समुदाय के 10 लोग भी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और अपनी अपनी बातें रखेंगे।