जमशेदपुर
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज अपने तेवर सख़्त करते हुए दोहराया कि 1932 का खतियान हर हाल में लागू होगा। जो यहाँ का खतियानी है वही झारखंडी है और जो खतियान की बात करेगा वही झारखण्ड पे राज़ करेगा।
अपने खतियानी जोहार यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज जमशेदपुर में एक जन सभा को सम्बोधित किया। सोरेन ने अपने जमशेदपुर प्रवास के दौरान एक फ्लाई ओवर ब्रिज का उद्घाटन किया और जमशेदपुर-कोलकाता विमान सेवा को भी हरी झंडी दिखाई।
इन्ही कार्यक्रमों में उन्होंने कहा कि यह चुनी हुयी सरकार है और जनता के हितो के लिए काम करेगी। राज्यपाल पर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा कि उनकी परेशानी क्या है और वे क्या चाहते हैं ये देखने के बाद ही हम तय कर पाएंगे कि आगे क्या करना है।
सोरेन ने कहा, “यह बोलते हैं कि हम खतियान का कानून नहीं बना सकते। हमें पता है यह काम सिर्फ केंद्र सरकार कर सकता है इसीलिए हमने 9वीं अनुसूची में पास करने के लिए विधेयक भेजा था। सब राज्य अपने वासियों के लिए अधिकार सुरक्षित रख सकता है तो झारखण्ड क्यूँ नहीं रख सकता?”
इससे पहले, सोमवार को सराईकेला-खरसावां के बिरसा मुंडा स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि राज्यपाल सरकार को परेशान करने का काम कर रहे हैं. यह दिल्ली या अंडमान निकोबार नहीं है, यह झारखंड है, यहां सरकार जो चाहेगी वही लागू होगा।
विपक्ष पर भी हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष हमेशा झारखण्ड विरोधी रहा है। जब हम राज्य मांगते थे तो कहता था, नहीं बनेगा। फिर हमें राज्य मिला तो इन्होंने कहा सरकार नहीं बना पाओगे। आज आदिवासी-मूलवासियों के आशीर्वाद से राज्य में सबसे मजबूत सरकार चल रही है। यही इनके दिक्कत का कारण है।
राज्यपाल रमेश बैस ने स्थानीयता को लेकर झारखण्ड विधान सभा से पारित विधेयक को राज्य सरकार को वापस कर दिया है। झारखंड विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में इस विधेयक को पारित किया गया था। राज्यपाल ने राज्य सरकार से इस विधेयक की वैधानिकता की समीक्षा करने को कहा है। बैस ने ये भी कहा कि विधेयक संविधान के अनुरूप और उच्चतम न्यायालय के आदेशों तथा निर्देशों के अनुरूप हो।
विधेयक को राज्यपाल के अनुमोदन और राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने के लिए राजभवन भेजा गया था। इस अधिनयम में स्थानीय व्यक्ति के डोमिसाइल को परिभाषित किया गया है। इसमें 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को परिभाषित किया गया था। साथ ही सिर्फ स्थानीय लोगों राज्य में वर्ग 3 और 4 में नौकरी देने की बात कही गई थी।
सोरेन ने 1932 खतियान आधारित स्थानीयता बिल को वापस लौटाए जाने को लेकर कहा कि वे राज्यपाल की शंकाओं को दूर करेंगे। सोरेन ने तर्क दिया कि अगर 1932 का खतियान लागू नहीं होगा तो यहाँ के लोगों कि पहचान कैसे बचेगी।
मुख्यमंत्री सोरेन ने सोनारी हवाई अड्डा से जमशेदपुर-कोलकाता विमान सेवा का शुभारंभ किया। सोरेन ने कहा कि यहां से विमान सेवा का शुरू होना हवाई यातायात के क्षेत्र में नई पहल है। उम्मीद करता हूं कि जमशेदपुर से अन्य शहरों के लिए जल्द से जल्द हवाई सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में जन- जन तक हवाई सेवा को पहुंचाने का जो हमारा संकल्प है, उसकी एक झलक जमशेदपुर से कोलकाता के लिए विमान सेवा शुरू होने के रूप में देख सकते हैं । जमशेदपुर से भुवनेश्वर को हवाई सेवा से जोड़ने की भी पहल की जा रही है ।
सोरेन ने आज जमशेदपुर वासियों को जुगसलाई ओवरब्रिज की सौगात भी दी। इस 843 मीटर लम्बे ओवरब्रिज का विधिवत उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में सड़कों और पूलों का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। नई सड़कों के निर्माण के साथ सड़कों का मजबूतीकरण और चौड़ीकरण हो रहा है। आने वाले दिनों में यातायात व्यवस्था को लेकर कई नए निर्माण देखने को मिलेंगे। हमारा प्रयास लोगों को आवागमन के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम एवं सरायकेला खरसावां जिले के विकास कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा भी की और कहा कि अन्य जिलों से अधिक पदाधिकारी यहां कार्यरत हैं। इसके बावजूद अगर लोगों तक योजनाएं ना पहुंचे तो यह चिंता का विषय है। सामाजिक सुरक्षा से संबंधित योजना पर हम लोगों ने विशेष ध्यान दिया। इस योजना को बेहतर ढंग से लागू करें।