उदयपुर
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहाँ शुक्रवार (January 6) को कहा कि उनकी सरकार खेलों व खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए लगातार उच्च स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करवा रही है, जिससे राज्य में आजादी के बाद पहली बार खेलों के लिए सकारात्मक माहौल बना है और एक नई खेल संस्कृति विकसित हुई है।
गहलोत उदयपुर के गांधी ग्राउंड में राज्य स्तरीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस बार का बजट युवाओं और छात्रों के लिए समर्पित होगा और उसमें आदिवासी अंचल के विकास के लिए प्रावधान भी होंगे। यह उनके इस कार्यकाल का अंतिम बजट होगा ।
चूँकि भाजपा ने आदिवासियों को अपने चुनावी रणनीति का एहम हिस्सा बनाया है और इस बलबूते उसने हाल के गुजरात चुनावों में आदिवासी-बहुल इलाकों में एक-तरफ़ा जीत दर्ज की है, गहलोत का फोकस इस मद्देनज़र भी आदिवासियों पे होना स्वाभाविक है। राजस्थान में विधान सभा चुनाव इसी साल है और कुल 200 सीटों में से 25 सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है।
समारोह में गहलोत ने कहा कि हाल के राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में “पहली बार एक साथ 30 लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिसमें 10 लाख महिला खिलाड़ी भी थी। इन खेलों में 2.25 लाख टीमें बनी और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के प्रति उत्कृष्ट माहौल बना”।
ग्रामीण ओलंपिक के बाद अब जनवरी 26 से शहरी ओलंपिक खेल प्रारंभ हो रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से खेल प्रतिभाओं को तलाशने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्तियां के साथ ही सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय राज्य सरकार ने लिए हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को बढ़ाकर 3 करोड़ तक कर दिया गया है।
सरकार द्वारा खेल स्पर्धाओं व प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से चिह्नीत प्रतिभाओं को अच्छी सुविधाएं, कोच व माहौल उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है, ताकि वे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
मुख्यमंत्री गहलोत ने खिलाड़ियों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण शिविरों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से अपने खेल कौशल को निरंतर निखारें ताकि प्रत्येक जिले से उत्कृष्ट खिलाड़ी उभर कर आगे आएं।
अशोक गहलोत ने इस अवसर पर जयपुर और जोधपुर की तर्ज पर उदयपुर में स्पोर्ट्स स्कूल खोलने की भी घोषणा की, जिससे क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को बाल्यकाल से ही उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके। साथ ही, उन्होंने एक महीने के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर को प्रारंभ करने की भी घोषणा की।
उससे पहले खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट प्रस्तुत किया और शपथ ली। मुख्यमंत्री कार्यक्रम उपरांत खिलाड़ियों के बीच भी पहुंचे और तीर कमान से निशाना साधकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया।
खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु लिए गए फैसलों ने राज्य को खेलों में आगे बढ़ाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण ओलंपिक खेलों के लिए 40 करोड़ का बजट स्वीकृत करने के साथ अभूतपूर्व आयोजन करवाया जिसकी हर ओर सराहना हुई है। इस आयोजन का ही परिणाम है कि राज्य में 11 हजार 500 पंचायतों में खेल मैदान तैयार हुए हैं। खेलों ने सामाजिक सद्भाव बढ़ाने का भी कार्य किया है और गांव-गांव में खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल का निर्माण हुआ है।
जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित ग्रामीण ओलंपिक खेल ऐतिहासिक रूप से सफल रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उदयपुर में स्थापित की गई छात्र-छात्राओं की हॉकी अकादमी से खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशने का कार्य किया जा रहा है।
पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने संबोधन में कहा कि खेलों के प्रति राज्य में उत्कृष्ट वातावरण का निर्माण हुआ है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में खेलों के विकास के लिए एक से बढ़कर एक निर्णय लिए जा रहे हैं। जनजातीय अंचल के साथ-साथ पूरे प्रदेश के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।