राल्टे लालरामेंगजामी को 2009 में स्टेज 2 स्तन कैंसर डाइग्नोज किया गया। दो साल बाद उन्होंने आइजवाल में मिज़ोरम कैंसर केयर फाउंडेशन की स्थापना की। यह फाउंडेशन रोगियों, उनकी देखभाल करने वालों और बीमारी से उबर चुके लोगों को व्यावहारिक और भावनात्मक सहारा देने का काम करता है।
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राल्टे के अनुसार फाउंडेशन ने राज्य सरकार को मिज़ोरम के ऐसे कैंसर रोगियों के लिए रियायती आवास और एम्बुलेंस सहायता मुहैया कराने के लिए राजी किया है, जो इलाज के लिए मुंबई जाते हैं।
संगठन ने कैंसर रोगियों को आध्यात्मिक सहारा देने और उनकी मानसिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रेरित करने वाली दो पुस्तकें प्रकाशित की हैं और कई ब्रोशर भी निकाले हैं। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से इलाज के लिए शहर के अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले रोगियों और उनके तीमारदारों के लिए यह संगठन एक परामर्श केंद्र भी संचालित करता है, जिसमें उनके रहने-खाने की व्यवस्था भी होती है।

राल्ते के अनुसार, फाउंडेशन ने राज्य सरकार को मिज़ोरम के ऐसे कैंसर रोगियों के लिए रियायती आवास और एम्बुलेंस सहायता मुहैया कराने के लिए राजी किया है, जो इलाज के लिए मुंबई जाते हैं।
यह फाउंडेशन स्थापना के बाद से ही कैंसर से मरने वाले रोगियों के परिवारों को 2,000 रुपये शोक राशि भी दे रही है। राल्टे कहती हैं कि कैंसर के लिए देखभाल बहुत जरूरी है। इसलिए, मिज़ोरम कैंसर केयर फाउंडेशन सरकार से दूरस्थ क्षेत्रों में नियमित जांच के लिए केंद्र स्थापित करने की मांग दोहरा रही है।