पूरे देश में हर दिन लाखों लोग बॉलीवुड में नाम कमाने का सपना देखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कितने छोटे कस्बे से ताल्लुक रखते हैं या उनके सामने भाषा अथवा पैसा अवरोध बनकर खड़ा हो सकता है।
झारखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बस, उन्हें निखारने के लिए कुछ और मजबूत, सुलझी हुई महिलाओं के आगे बढक़र काम करने की जरूरत है।
अनेक लड़कियां भी इस संघर्ष भरी सपनीली दुनिया का हिस्सा बनकर नाम कमाना चाहती हैं। वे फिल्म स्टार बनने का सपना देखती हैं, लेकिन कामयाबी मुट्ठी भर भाग्यशाली लड़कियों को ही मिल पाती है।
यही बात वर्षा रितु के नाम से मशहूर बरसा लकड़ा को विशेष बनाती है। लकड़ा इस बात का प्रमुख उदाहरण है कि कैसे झारखंड की आदिवासी महिलाएं बॉलीवुड में भी अपनी जगह खुद बना रही हैं।
लकड़ा स्टेज के लिए अजनबी नहीं हैं। वह कहती हैं कि उनकी मां सुशीला लकड़ा भी गायिका हैं। वह अपने स्कूली दिनों से ही सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेती रही हैं।
लकड़ा को बड़ा ब्रेक पिछले साल उस समय मिला था जब प्रकाश झा निर्देशित परीक्षा फिल्म में उन्हें जानदार भूमिका निभाने का मौका मिला। इस फिल्म में उनके किरदार की जबरदस्त तारीफ हुई। परीक्षा का अगस्त 2020 में जी-5 पर प्रीमियर हुआ था।
लकड़ा ने 15 से अधिक नागपुरी और भोजपुरी फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं और म्यूजिक एलबम का वह खासा लोकप्रिय चेहरा हैं।
निस्संदेह, लकड़ा लंबी उड़ान पर हैं। उनके लिए आकाश छोटा प्रतीत होता है। वह जोर देकर कहती भी हैं कि झारखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बस, उन्हें निखारने के लिए कुछ और मजबूत, सुलझी हुई महिलाओं के आगे बढक़र काम करने की जरूरत है।