रांची
• वित्त वर्ष 2024-२५ के अनुपूरक बजट में राज्य सरकार ने कहा कि वहराज्य सरकार “हो”, “मुंडारी”, “कुडुख” व अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की पहल करेगी।
• सरकार आदिवासी-मूलवासी को स्थानीय नीति बनाकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में शत् प्रतिशत आरक्षण देने के लिये प्रतिबद्ध है।
• पाँचवी विधानसभा ने सर्वसम्मति से पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, आदिवासी को 28 प्रतिशत और दलित को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक एवं सरना-आदिवासी धर्म कोड को पारित कराकर स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार के पास भेजा है, जो अभी गृह मंत्रालय में लम्बित है, आगामी कार्यकाल में केन्द्र सरकार से इन विषयों को स्वीकृत कराने का हर संभव प्रयास करेगी।
• राज्य सरकार की सभी नियुक्तियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत पद आरक्षित किये जाएंगे।
• राज्य की सभी महिलाओं को ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत सम्मान राशि के रूप में 2,500/- रुपये हर महीने दिए जाएंगे। इसके लिए 6390.55 करोड़ आवंटित किया गया है। इस योजना ने हेमन्त कि सत्ता वापसी में बड़ी भूमिका निभाई।
• आंगनबाड़ी सेविका, आंगनबाड़ी सहायिका, रसोईया, पोषण सखी, स्वास्थ्य सहिया, जल सहिया आदि के मानदेय में सरकार ने सम्मानजनक वृद्धि की है, इस कार्यकाल में इनके मानदेय में अन्य कर्मियों के अनुरूप वार्षिक वृद्धि की जाएगी।
• राज्य में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सखी मंडल की महिलाओं को 15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराते हुए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे।
• सक्रिय महिला, समन्वयक, कार्यक्रम पदाधिकारी आदि JSLPS से जुड़े सभी कर्मियों के मानदेय में अन्य कर्मियों के अनुरूप वृद्धि की जाएगी।
• राज्य भर में प्रखंड स्तर पर 500 CM School of Excellence की स्थापना करेंगे, सभी CM School of Excellence में खेल शिक्षक एवं संगीत शिक्षक की नियुक्ति की जायेगी। साथ हीं 4,500 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय प्रारंभ किये जाएंगे।
• राज्य में प्रत्येक प्रखंड में डिग्री कॉलेज एवं प्रत्येक अनुमंडल में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
• राज्य में 10 वीं कक्षा में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से जोड़ते हुए 15 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।• सभी प्रखंडों और जिलों में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर लाइब्रेरी सह शिक्षा सहयोग केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
• KG क्लास से PhD तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी।
• मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 50 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
• राज्य में 60,000 पदों पर शिक्षकों, 15,000 पदों पर प्रधानाध्यापकों, विभिन्न कार्यालयों में 2,500 पदों पर लिपिकों एवं विभिन्न थानों में 10,000 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी।
• राज्य में मदरसा बोर्ड का गठन किया जायेगा।
• राज्य में अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड एवं उर्दू अकादमी का गठन किया जायेगा।
• किसानों को 0% ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
• मनरेगा के तहत झारखण्ड के मजदूरों को भारत सरकार बहुत कम मजदूरी देती है। इस भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने के साथ-साथ राज्य सरकार अपनी निधि से राज्य के मनरेगा मजदूरों को सहयोग करेगी, जिससे कि उन्हें न्यूनतम 350/- रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिल सके।
• राज्य में अवस्थित विभिन्न नदियों एवं डैम के पानी का सदुपयोग करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गयी लिफ्ट इरिगेशन योजना को आगे बढ़ाते हुए 10,000 करोड़ रुपये की योजनाएँ प्रारंभ की जाएंगी।
• वर्षों से खासमहल एवं जमाबंदी की जमीनों पर रह रहे परिवारों को मान-सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के साथ-साथ गैरमजरूवा जमीन पर बसे रैयतों की भूमि जिसकी रजिस्ट्री और रसीद काटने पर 2017 में रोक लगा दी गयी थी, उसे प्रारंभ किया जायेगा।
• प्रत्येक ग्राम संगठन को 0% ब्याज दर पर 15-15 लाख रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराया जायेगा।
• राज्य के सभी जरूरतमंद परिवारों को 15 लाख रुपये के अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जायेगा।
• राज्य के सभी गरीब व्यक्ति को प्रति महीने 7 किलोग्राम चावल एवं 2 किलोग्राम दाल उपलब्ध कराया जायेगा।
• अबुआ आवास योजना के तहत 25 लाख से अधिक गरीब परिवारों को सुविधायुक्त तीन कमरों का सुंदर आवास चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया जायेगा।
• आंगनबाड़ी केन्द्रों और विद्यालयों के मध्याहन भोजन में सभी बच्चों को प्रति दिन अंडा या फल दिया जायेगा।
• राँची सहित राज्य के अन्य शहरों में वर्षों पूर्व बनाये गए घरों के नक्शों का नियमितीकरण किया जायेगा।
• वन विभाग के अंतर्गत Eco Tourism Development Corporation का निर्माण करते हुए राज्य के वन क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवश्यक अवसंरचनाओं का निर्माण एवं संचालन किया जायेगा।
• राज्य कर्मियों के पुरानी पेंशन को सुरक्षित रखते हुए उनके NPS खाते में जमा राशि को केन्द्र सरकार से वापस लाने हेतु कदम उठाये जाएंगे।
• राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की सरकारी पदों पर सीधी नियुक्ति की जायेगी।
• केन्द्र सरकार एवं उनकी कंपनियों के पास पड़ा झारखण्ड राज्य का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया वापस लाने के लिए सरकार कानूनी रास्ता भी अपनाएगी।
• राज्य में निबंधित सभी पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण, बीमा और पेंशन का अधिकार सुनिश्चित किया जायेगा।
• सहारा इंडिया से पीड़ित राज्य के निवेशकों की लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय से लेकर राज्य के हर न्यायालय और संसद से लेकर सड़क तक हर मोर्चे पर पूरी मजबूती से लड़ी जाएगी, जब तक राज्य के सभी निवेशकों का भुगतान न हो जाए।
• झारखण्ड राज्य के जिन सहारा पीड़ितों ने अपने प्राण गँवाए अथवा दुःख या अवसाद में आत्महत्या करने को मजबूर हुए, उनके परिजनों को सरकारी स्तर पर आर्थिक सहयोग प्रदान किया जायेगा।