स्वदेशी जनजाति सुमी के सामान्य परिवार में पैदा हुईं और नौ भाई-बहनों में चौथे नंबर की एनके केनी ने शिक्षा प्राप्त करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया। डबल एमए के साथ पढ़ाई पूरी करने के बाद केनी ने बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने के उद्देश्य से नागा एलायंस संगठन की स्थापना की। यह सामाजिक संस्था घरेलू हिंसा के खिलाफ काम करती है।
वर्ष 2007 में मैंने अपनी बचत से दीमापुर में एक प्लॉट खरीदा। वहां मैंने अनाथ और गरीब बच्चों के लिए एक घर बनाया, आज इस लव केयर होम में लगभग 100 बच्चे मौजूद हैं।
केनी ने एक अनाथालय भी खोला है ‘लव केयर होम‘, जहां बच्चों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक पढ़ाया जाता है। यहां उन्हें जैविक खेती और हस्तशिल्प जैसे व्यावसायिक कौशल भी सिखाए जाते हैं।
केनी आज जहां हैं, उनकी अब तक की यह यात्रा दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम की कहानी है।
केनी नागालैंड के अलाफुमी गांव की रहने वाली हैं। कम उम्र में अपने पिता को खो देने के बाद परिवार का गुजारा करने के लिए वह अपनी मां के साथ खेत में मेहनत किया करती थीं। खेती का काम करने के साथ-साथ उन्होंने गांव के स्कूल में ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। अंतत: उन्होंने 12वीं कक्षा पास की और ऐसा करने वाली वह पूरे गांव में अकेली युवती थीं। केनी यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने इसके बाद धर्मशास्त्र, कला और दर्शनशास्त्र में डिग्री हासिल की और फिर एमए भी किया।
उन्होंने हस्तशिल्प बनाकर न केवल अपनी, बल्कि कई अन्य बच्चों की शिक्षा का खर्च भी अपनी जेब से उठाया। केनी याद करती हैं कि चूंकि मैं अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल किया करती थी, इसलिए मेरे मन में हमेशा वंचित बच्चों के लिए कुछ कर गुजरने की ललक थी। स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद वह हस्तशिल्प बनाकर जो पैसा कमाती थीं, उससे वह सात बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाती थीं।
केनी बताती हैं कि वर्ष 2007 में उन्होंने अपनी बचत से दीमापुर में एक प्लॉट खरीदा। वहां उन्होंने अनाथ और गरीब बच्चों के लिए एक घर बनाया, जिसका नाम उन्होंने लव केयर रखा। आज इस लव केयर होम में लगभग 100 बच्चे मौजूद हैं।
केनी का सीना गर्व से चौड़ा है। इसके पर्याप्त कारण भी हैं, क्योंकि जिन बच्चों को उन्होंने अपने लव केयर में रखकर पढ़ाया-लिखाया और प्रशिक्षण दिया, उनमें से कई ने अब अपने स्वयं के छोटे-मोटे कामधंधे शुरू कर दिए हैं। वे अपने पैरों पर खड़े हैं। कुछ ने तो दूसरों के लिए रोजगार भी पैदा किया है।