• About
  • Contact
  • Sitemap
  • Gallery
No Result
View All Result
Vacancies
Friday, May 30, 2025
The Indian Tribal
  • Home
  • Achievers
    • उपलब्धिकर्ता
  • Cuisine
    • खान पान
  • Health
    • स्वास्थ्य
  • Legal
    • कानूनी
  • Music
    • संगीत
  • News
    • Updates
    • खबरें
  • Sports
    • खेलकूद
  • Variety
    • विविध
  • हिंदी
    • All
    • आदिवासी
    • उपलब्धिकर्ता
    • कला और संस्कृति
    • कानूनी
    • खबरें
    • खान पान
    • खेलकूद
    • जनजाति
    • भारत
    • विविध
    • संगीत
    • संस्कृति
    • स्वास्थ्य
    The Indian Tribal

    आयोग लाएगा आदिवासी ज़मीन की खरीद-बिक्री पर थाना क्षेत्र की बाध्यता पर स्पष्टता

    झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सोमवार को 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया।

    झारखंड में बनेगा जनजातीय विश्वविद्यालय 

    The Indian Tribal

    सौर ऊर्जा ने भगाया अंधेरा, झिलमिला उठे आदिवासियों के भविष्य के सपने

    The Indian Tribal

    जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव को चित्रों में उकेरने की अनूठी पहल

    The Indian Tribal

    झारखण्ड के महान विभूतियों की संघर्ष गाथा हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

    The Indian Tribal

    खरसावां शहीद स्मारक को विश्व पटल पर एक अलग पहचान दिलाएंगे: हेमन्त सोरेन

    Bastar Touris,

    इंजीनियरिंग ग्रेजुएट ने पर्यटन गाइड बन आदिवासी जीवन को दुनिया के समक्ष लाने का बीड़ा उठाया है

    Surrendered Naxalites - The Indian Tribal

    कभी थी पुलिस उनके पीछे, आज पुलिस बन वे नक्सलियों के पीछे

  • Gallery
    • Videos
  • Latest News
The Indian Tribal
  • Home
  • Achievers
    • उपलब्धिकर्ता
  • Cuisine
    • खान पान
  • Health
    • स्वास्थ्य
  • Legal
    • कानूनी
  • Music
    • संगीत
  • News
    • Updates
    • खबरें
  • Sports
    • खेलकूद
  • Variety
    • विविध
  • हिंदी
    • All
    • आदिवासी
    • उपलब्धिकर्ता
    • कला और संस्कृति
    • कानूनी
    • खबरें
    • खान पान
    • खेलकूद
    • जनजाति
    • भारत
    • विविध
    • संगीत
    • संस्कृति
    • स्वास्थ्य
    The Indian Tribal

    आयोग लाएगा आदिवासी ज़मीन की खरीद-बिक्री पर थाना क्षेत्र की बाध्यता पर स्पष्टता

    झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सोमवार को 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया।

    झारखंड में बनेगा जनजातीय विश्वविद्यालय 

    The Indian Tribal

    सौर ऊर्जा ने भगाया अंधेरा, झिलमिला उठे आदिवासियों के भविष्य के सपने

    The Indian Tribal

    जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव को चित्रों में उकेरने की अनूठी पहल

    The Indian Tribal

    झारखण्ड के महान विभूतियों की संघर्ष गाथा हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

    The Indian Tribal

    खरसावां शहीद स्मारक को विश्व पटल पर एक अलग पहचान दिलाएंगे: हेमन्त सोरेन

    Bastar Touris,

    इंजीनियरिंग ग्रेजुएट ने पर्यटन गाइड बन आदिवासी जीवन को दुनिया के समक्ष लाने का बीड़ा उठाया है

    Surrendered Naxalites - The Indian Tribal

    कभी थी पुलिस उनके पीछे, आज पुलिस बन वे नक्सलियों के पीछे

  • Gallery
    • Videos
  • Latest News
No Result
View All Result
The Indian Tribal
No Result
View All Result
  • Home
  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Legal
  • Music
  • News
  • Sports
  • Variety
  • हिंदी
  • Gallery
  • Latest News
Vacancies
Home » द इंडियन ट्राइबल / हिंदी » द इंडियन ट्राइबल / खबरें » झारखण्ड में भी लहलहाएगा कश्मीर और हिमाचल जैसा सेब बागान

झारखण्ड में भी लहलहाएगा कश्मीर और हिमाचल जैसा सेब बागान

अब ऐसे ही सेब बागान आदिवासी बहुल और तुलनात्मक रूप से गर्म जलवायु वाले राज्य झारखंड में भी नजर आएंगे। स्थानीय आदिवासी किसानों को पारंपरिक खेती से विशेष लाभ नहीं हो रहा है, इसलिए ये पहल की गयी है। इसके बारे में और बता रहे हैं सुधीर कुमार मिश्रा

January 16, 2022
झारखण्ड में भी लहलहाएगा कश्मीर और हिमाचल जैसा सेब बागान

झारखंड के पलामू में भी शिमला जैसे रसीले सेब उगेंगे। पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के उपनगरीय क्षेत्र में स्थित जोरकट गांव में करीब 0.75 एकड़ में सेब बागान लगाने का काम 4 जनवरी को शुरू हुआ। पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने चियांकी के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार के साथ स्थानीय व्यवसायी गोपाल लाल अग्रवाल की खेत में सेब का बाग लगाने की शुरुआत की। 

क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के सह निदेशक और मुख्य वैज्ञानिक डॉ डीएन सिंह ने बताया कि सेब उत्पादन के लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। लेकिन, हिमाचल प्रदेश के वैज्ञानिकों ने सेब के कुछ ऐसे प्रभेद विकसित किए हैं, जो शीतोष्ण क्षेत्र में भी उत्पादित किए जा सकते हैं। ऐसा ही एक प्रभेद है हरमन- 99, जो पलामू के जलवायु के अनुकूल पाया गया।

सबसे पहले क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी परिसर में इस प्रभेद के 2 पौधे लगाकर परीक्षण किया गया। जिसके सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद, अब इसे किसानों की खेत में लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी सभी तकनीकी सहयोग दे रहा है।

केंद्र के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार बताते हैं कि अब तक यह भ्रम था कि सेब की खेती ठंडे प्रदेशों में ही हो सकती है, लेकिन हरमन- 99 प्रभेद 45 से 49 डिग्री तापमान में भी उगाया सकता है। खास बात यह है कि पलामू के सेब जून माह में पक कर तैयार होंगे, जबकि शिमला और कश्मीर के सेब अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में पक कर तैयार होते हैं, जिसके कारण पलामू के सेब को अच्छा बाजार मिलने की संभावना है।

सेब के पौधे लगाते हुए संभागायुक्त जटाशंकर चौधरी व वैज्ञानिक प्रमोद कुमार

पारंपरिक खेती से किसानों को कम मुनाफा

क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के मुख्य वैज्ञानिक और सह निदेशक डॉ डीएन सिंह का कहना है कि स्थानीय आदिवासी किसानों को पारंपरिक खेती से विशेष लाभ नहीं हो रहा है। इसको देखते हुए उन्हें फलों और सब्जियों की खेती के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस दिशा में केंद्र की ओर से कई प्रयास किए गए हैं। पलामू में संतरा, मौसंमी और नींबू के ढाई हजार से अधिक पौधे 10 एकड़ भूमि पर लगाए गए हैं और  काफी मात्रा में ये पौधे फल दे रहे हैं। यहां के फलों की मांग बड़े पैमाने पर है। इससे स्थानीय किसानों की आय दोगुनी हुई है। अधिकतर किसानों के पास खुद की जमीन नहीं है, तो वे लीज़ पर जमीन लेकर खेती से मुनाफा कमा रहे हैं।

पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कहना है  कि इस तरह की पहल से अन्य किसान भी सेब का बागान लगाने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि प्राइवेट इन्वेस्टर्स पूंजी निवेश करेंगे, तो पलामू को  एग्रीकल्चर हब बनाने का काम आसान हो जाएगा। 

शिमला- कश्मीर जैसे ही रसीले सेब होंगे

हरमन- 99 प्रभेद पलामू की जलवायु के लिए उपयुक्त है। इस प्रभेद का पौधा 45 से 49 डिग्री तापमान पर भी फल देते हैं। इसके स्वाद और रंग में कोई अंतर नहीं होता है। वैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने बताया कि इस प्रभेद के 100 ग्राफ्टेड पौधे लगाए गए हैं, उनमें फरवरी तक फूल आ जाएंगे और मार्च में फल दिखने लगेंगे। हालांकि, बागान पूरी तरह विकसित होने में दो से ढाई वर्ष का समय लग जाएगा।

In Numbers

672
Sub-Districts each have a Scheduled Tribes population of more than 10,000
Previous Post

Tusu & Female Fortitude

Next Post

Out of the Ordinary

Next Post
A Mankidia tribeswoman

Out of the Ordinary

  • About Us
  • Contact
  • Team
  • Redressal
  • Copyright Policy
  • Privacy Policy And Terms Of Use
  • Disclaimer
  • Sitemap

  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Hindi Featured
  • India
  • News
  • Legal
  • Music
  • Sports
  • Trending
  • Chhattisgarh
  • Delhi
  • Gujarat
  • Jammu & Kashmir
  • Jharkhand
  • Kerala
  • Madhya Pradesh
  • Maharashtra
  • North East
  • Arunachal Pradesh
  • Assam
  • Manipur
  • Meghalaya
  • Mizoram
  • Nagaland
  • Sikkim
  • Tripura
  • Odisha
  • Telangana
  • West Bengal
  • Political News
  • Variety
  • Art & Culture
  • Entertainment
  • Adivasi
  • Tribal News
  • Scheduled Tribes
  • हिंदी
  • उपलब्धिकर्ता
  • कानूनी
  • खान पान
  • खेलकूद
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • संगीत
  • विविध
  • कला और संस्कृति
  • खबरें
  • असम की ताज़ा ख़बरें
  • अरुणाचल प्रदेश की ताज़ा ख़बरें
  • ओडिशा की ताज़ा ख़बरें
  • केरल की ताज़ा ख़बरें
  • गुजरात की ताज़ा ख़बरें
  • छत्तीसगढ़
  • जम्मू और कश्मीर की ताज़ा ख़बरें
  • झारखंड न्यूज़
  • तेलंगाना की ताज़ा ख़बरें
  • दिल्ली
  • नॉर्थईस्ट की ताज़ा ख़बरें
  • पश्चिम बंगाल की ताज़ा ख़बरें
  • मध्य प्रदेश की ताज़ा ख़बरें
  • महाराष्ट्र की ताज़ा ख़बरें
  • त्रिपुरा की ताज़ा ख़बरें
  • नागालैंड की ताज़ा ख़बरें
  • मणिपुर की ताज़ा ख़बरें
  • मिजोरम की ताज़ा ख़बरें
  • मेघालय की ताज़ा ख़बरें
  • सिक्किम की ताज़ा ख़बरें
  • राजस्थान की ताज़ा ख़बरें

About Us

The Indian Tribal is India’s first bilingual (English & Hindi) digital journalistic venture dedicated exclusively to the Scheduled Tribes. The ambitious, game-changer initiative is brought to you by Madtri Ventures Pvt Ltd (www.madtri.com). From the North East to Gujarat, from Kerala to Jammu and Kashmir — our seasoned journalists bring to the fore life stories from the backyards of the tribal, indigenous communities comprising 10.45 crore members and constituting 8.6 percent of India’s population as per Census 2011. Unsung Adivasi achievers, their lip-smacking cuisines, ancient medicinal systems, centuries-old unique games and sports, ageless arts and crafts, timeless music and traditional musical instruments, we cover the Scheduled Tribes community like never-before, of course, without losing sight of the ailments, shortcomings and negatives like domestic abuse, alcoholism and malnourishment among others plaguing them. Know the unknown, lesser-known tribal life as we bring reader-engaging stories of Adivasis of India.

Follow Us

All Rights Reserved

© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.

No Result
View All Result
  • Home
  • Achievers
  • Cuisine
  • Health
  • Health
  • Legal
  • Music
  • News
  • Sports
  • Variety
  • हिंदी
    • उपलब्धिकर्ता
    • खान पान
    • कानूनी
    • खेलकूद
    • खेलकूद
    • संगीत
    • संगीत
    • स्वास्थ्य
    • स्वास्थ्य
    • विविध
  • Gallery
  • Videos

© 2024 Madtri Ventures [P] Ltd.