रांची
रांची-स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय में 9-10 अगस्त को आदिवासी कला, संस्कृति, परंपरा, साहित्य, हुनर और जायके की छटा बिखरेगी। यहां विश्व आदिवासी दिवस पर झारखण्ड सरकार द्वारा आयोजित दो-दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव-2023 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जनजातीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को एक मंच पर लाने की कोशिश की गई है।
संस्कृतिप्रेमियों के लिए यह महोत्सव किसी कौतूहल से कम नहीं होगा। विश्व आदिवासी दिवस हर साल अगस्त को मनाया जाता है। इस महोत्सव में झारखंड के अलावा अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, असम, राजस्थान के जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि भी अपनी परंपरा और संस्कृति से रूबरू कराएंगे।
साथ ही, स्थानीय कलाकार झारखंड के डोमकच, नागपुरी, पाइका, सरायकेला के छऊ नृत्य की प्रस्तुति देंगे। पारंपरिक आदिवासी आभूषणों और पलाश ब्रांड के उत्पादों के भी स्टॉल लगाए जाएंगे।
जेएसएलपीएस, ग्रामीण विकास विभाग के स्टॉल में सखी मंडल की महिलाओं के बनाए उत्पादों (पलाश ब्रांड व आदिवा ब्रांड) की प्रदर्शनी लगाई जाएगी और बिक्री भी की जाएगी।
पारंपरिक आदिवासी आभूषण व जायका भी मिलेगा
झारखंड आदिवासी महोत्सव में आदिवा ब्रांड के पारंपरिक आदिवासी आभूषण उपलब्ध होंगे। इन्हें खरीदा भी जा सकेगा। वहीं, पलाश के स्टॉल में 30 से ज्यादा उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जाएगी। इसमें- शुद्ध शहद, कोल्ड-प्रेस्ड सरसों का तेल, काला गेहूं का आटा, हल्दी, मिर्च पाउडर, रागी का आटा, रसायन-मुक्त साबुन, कुकीज़, आदि उपलब्ध होंगे।
महोत्सव में आजीविका दीदी कैफे का भी स्टॉल लगाया जाएगा, जिसमें झारखंड के पारंपरिक व्यंजन – राइस डंबु, मडुआ डंबू, धुस्का घुघनी, मडुआ पकौड़ा, माढ़ जोर, दाल पीठा अन्य पारंपरिक खानपान का आनंद उठाया जा सकेगा।
इसके अलावा फैशन शो, कृषि स्थिति की प्रासंगिकता पर चर्चा, आदिवासी इतिहास, अर्थव्यवस्था, जनजातीय साहित्य पर परिचर्चा और सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा, जो पूरी तरह आदिवासियत के रंग में रंगा होगा।
स्थानीय फिल्मों का होगा प्रदर्शन
महोत्सव में ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पहाड़ा, एडपा, डीबी दुर्गा, बरदु, बैकस्टेज, सम स्टोरीज अराउंड विचेज, वराह, छैला, सोंधैयानी, अबुआ पाईका, लाको, बोदरा, द अग्ली साइड ऑफ ब्यूटी, बंधा खेत, बथुड़ी, अजतांत्रिक आदि फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी लोगों से झारखंड आदिवासी महोत्सव में आकर जनजातीय कला, संस्कृति, परंपरा का आनंद उठाने और इस से रूबरू होने की अपील की है।